Fitness फिटनेस का रखना हो ध्यान तो शुरू करें सतरंगी खान पान
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रंग बिरंगे फूल ,फल, तितलीयाँ मनुष्य के मन को प्रफुल्लित करतें हैं कई बीमारीयों से ग्रसित मनुष्य जब रंग बिरंगी प्रकृति के सानिध्य में जातें हैं तो किसी वैघ ,हकीम या विशेषज्ञ चिकित्सक की आवश्यकता महसूस नही होती हैं । नीलें ,पीलें गुलाबी,केशरिया हरे आदि रंगों से सरोबार यह प्रकृति ही मनुष्य जाति की असली डाँक्टर हैं ।
रंगों का बुद्धिमतापूर्ण उपयोग कर हम हमारें शरीर को स्वस्थ्य ,सुंदर ,कांतिमय बना सकते हैं ।
आईयें जानतें हैं किस प्रकार से रंगों के माध्यम से हम निरोगी रह सकतें हैं ।
लाल रंग Red colour
लाल रंग ऊर्जा और शक्ति का प्रतीक हैं । हमारें खून का रंग भी लाल हैं । लाल रंग की कमी से शरीर कृषकाय क्षीण और बुढा हो जाता हैं ।
लाल रंग की सब्जियाँ और फल लाइकोपेन Lycopen ,एँटीआक्सीडेंट antioxidant और फोलिक एसिड़ folic acid से भरपूर मानें जातें हैं । लाल रंग के फल सब्जी जैसें चुकंदर ,तरबूज,टमाटर,चेरी ,सेब,अनार ,लाल चौलाई आदि में विटामीन B 12 और एन्टीआक्सीडेन्ट पायें जातें हैं।
लाल रंग में कैंसर को रोकनें वालें तत्व anticancer elements विधमान रहतें हैं ।
लाल फल और सब्जीयों में विधमान फाँलिक एसिड़ रक्त की कमी दूर करनें वाला सर्वप्रमुख और सर्वमान्य तत्व हैं ।
टमाटर में विधमान लाइकोपेन LDL कोलेस्ट्राल या खराब कोलेस्ट्राल को नियंत्रित करता हैं । इसी प्रकार तरबूज में पाया जानें वाला लाइकोपेन मोटापा कम करता हैं ।
चुकंदर और सेब में पाया जानें वाला फोलिक एसिड़ आपरेशन के बाद होनें वाली रक्त की कमी दूर करता हैं ।
लाल मिर्च में मौजद विटामीन सी शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता हैं ।
लाल मिर्च में मौजद विटामीन सी शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता हैं ।
मिर्च में मौजूद कैप्सिन शरीर के लिए प्राकृतिक दर्दनिवारक का काम करता हैं।
बैंगनी रंग :::
बैंगनी रंग के फल सब्जी जैसें बैंगन ,खुबानी ,जामुन,बैंगनी अँगूर आदि में एंथोसाइनिन नामक शक्तिशाली एन्टीआक्सीडेन्ट पाया जाता हैं जो रक्त नलिकाओं में रक्त के थक्के नही जमनें देता हैं जिससे ह्रदयघात का खतरा कम हो जाता हैं ।
बैंगनी रंग के फल सब्जीयों में विटामीन D ,E,और K बहुतायत में पाया जाता हैं । विटामीन D जहाँ हड्डीयों का क्षरण रोकता हैं वही विटामीन E शरीर की मेटाबालिज्म को संतुलित करता हैं ।
जामुन और बैंगन मधुमेह के लियें रामबाण मानें जातें हैं ।
बैंगनी रंग मन को एकाग्र रखता हैं । और शरीर को मज़बूत बनाता हैं ।
केसरीया और पीला रंग :::
केसरीया रंग जीवन के उत्पन्न और समाप्त होनें का प्रतीक हैं । सूर्य जब उदय और अस्त होता हैं तो केसरिया रंग की छटा बिखेरता हैं । जिसका तात्पर्य हैं मनुष्य को अपनें सारे कर्म जीवन और मृत्यु को ध्यान में रखकर ही करना चाहियें । इस प्रकार यह रंग मोक्ष का रंग हैं ।
केसरिया और पीला रंग के फलों सब्जीयों जैसें गाजर,संतरा,खरबूजा,पपीता आदि में विटामीन A बहुतायत में पाया जाता हैं ।
विटामीन A हमारी आँखों का विटामीन हैं जिसकी कमी होनें पर night blindness हो जाती हैं यह विटामीन रेटिना को मज़बूत रखता हैं ।
केसरिया फलों में पाया जानें वाला फायटो रसायन कैंसर की संभावना कम कर देता हैं । हल्दी में पाया जानें वाला करक्यूमिन एंटी कैंसर और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से युक्त होता हैं
गाजर में पाया जानें वाला घुलनशील फायबर रक्त की सफाई करता हैं इसी प्रकार यह भोजन पचानें में भी सहायता करता हैं ।
पपीता उत्तम अमाशय शोधक फल है जिसके सेवन से कब्ज समाप्त होकर आँतों की सम्पूर्ण सफाई हो जाती हैं । पपीता थायराइड़ ,तनाव और किड़नी रोगों की भी उत्तम औषधी हैं ।
पपीता ल्यूटिन और जियाजैन्थिन नामक तत्वों का भी उत्तम स्त्रोंत हैं जो मोतियाबिंद से बचाव करवानें वाला तत्व हैं ।
संतरा ,पके हुये आम , कद्दू और खरबूजे में बीटा क्रिप्टोजैन्थियम नामक तत्व पाया जाता हैं जो उत्तम Anti aging तत्व हैं । यह तत्व समय पूर्व नष्ट़ होनें वाली कोशिकाओं को नष्ट़ होनें से रोकता हैं । जिससे बुढ़ापा जल्दी नही आता हैं ।
हरा रंग :::
हरा रंग प्रकृति की सम्पूर्णता का रंग हैं । हरियाली से मन में आनंद की हिलोरें मारनें लगती हैं । हरा रंग उत्सव का रंग हैं। हमारें सारें प्रमुख त्योंहार और उत्सव तभी बनायें जातें हैं जब प्रकृति नें हरियाली की चुनर ओढ रखी हों ।
हरी सब्जीयाँ और फल में वे सभी तत्व प्रचुरता में विधमान रहतें हैं जो सम्पूर्ण शरीर के विकास के लियें आवश्यक होतें हैं।
हरे रंग के फल और सब्जीयाँ शरीर से विजातीय तत्वों को बाहर निकालकर शरीर का शुद्धीकरण करतें हैं ।
पशु पक्षी और मनुष्य हरें रंग के खान पान से निरोगी रह सकतें हैं और लम्बी आयु को प्राप्त कर सकतें हैं ।
सफेद रंग :::
जिस तरह सारी नदियों को समुद्र अपनें अंदर समेट लेता हैं उसी प्रकार सफेद रंग सारें रंगों को अपनें अंदर समेटे हुयें हैं । यह रंग सबको साथ लेकर आगें बढ़नें की प्रेरणा प्रदान करनें वाला रंग हैं ।
सफेद रंग के पदार्थों जैसें लहसुन,फूलगोभी,मशरूम ,अदरख ,मूली आदि में फ्लेवोनाइड़ पर्याप्त मात्रा में मिलतें हैं जो शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर शरीर को बीमारीयों से मुक्त रखनें में सहायक होतें हैं ।
लहसुन ,अदरक और सफेद प्याज में कैंसररोधी गुण पायें जातें हैं । इसी प्रकार ये रक्तचाप,एलर्जी और कोलेस्ट्राल को नियत्रिंत करतें हैं ।
काला रंग :::
काला रंग सुरक्षा का रंग हैं । इस रंग को मातायें अपनें बच्चों को लगाकर बुरी नजर से बचाती हैं ।
काले रंग के फल जैसें करोंदा, ब्लेक बेरी काली हल्दी में पायें जानें वालें कुछ रसायन हमें खतरनाक विकिरणों से सुरक्षा प्रदान करते हैं ।
वायरस virus का काम होगा तमाम जब भोजन की थाली में आ जायें कुछ खास Antioxidant
हमारें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली हमें रोगों से बचानें का काम करती हैं । लेकिन जब रोगप्रतिरोधक प्रणाली कमज़ोर हो जाती हैं तो शरीर भी रोग का घर बन जाता हैं ।रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ानें में Antioxidant महत्वपूर्ण भूमिका होती हैं । Antioxidant शरीर को रोगों से लड़नें के लिये तैयार करतें हैं । Antioxidant प्राप्त करनें के अच्छे स्त्रोंत विटामीन A, विटामीन C,और विटामीन E हैं ।
आईयें जानतें हैं इनके बारें में
० वायरस क्या होता हैं
विटामीन A vitaminA
विटामीन A प्राप्त करनें के दो मुख्य स्त्रोंत हैं प्रथम मांसाहारी पदार्थ और द्धितीय शाकाहारी पदार्थ । जो विटामीन A माँस,दूध से प्राप्त होता हैं वह रेटिनाल के नाम से जाना जाता हैं जबकि जो विटामीन A फल,सब्जी से प्राप्त होता हैं उसे बीटा केरोटीन कहतें हैं । यह केरोटीन एवँ रेटिनाल शरीर में जाकर विटामीन A में बदल जाता हैं । विटामीन A हमारें प्रतिरक्षा तंत्र को मज़बूत करनें वाला महत्वपूर्ण विटामीन हैं ।
इस विटामीन के सेवन से वायरस जनित रोग हमारें प्रतिरक्षा तंत्र को भेद नही पातें हैं फलस्वरूप शरीर निरोगी बना रहता हैं ।
विटामीन C
खट्टे फलों जैसें निम्बू, संतरा, आँवला, स्ट्राबेरी में पाया जाता हैं । यह विटामीन जल में घुलनशील होता हैं । यदि हम अधिक मात्रा में विटामीन c का सेवन कर लेतें है तो भी हमारें शरीर को कोई नुकसान नही पहुँचता हैं बल्कि अधिक मात्रा में लिया गया विटामीन मूत्र के माध्यम से शरीर के बाहर निकल जाता हैं ।
विटामीन c free redicals से होनें वाली क्षति से शरीर को बचाता हैं । इसी प्रकार विटामीन c वायरस जनित बीमारी होनें पर शरीर में वायरस के फैलाव को नियंत्रित करता हैं ।
विटामीन c के सेवन से कोशिकायें अधिक स्वस्थ्य और लम्बी उम्र वाली होती हैं ।
विटामीन E
अंकुरित खाद्य पदार्थों से प्राप्त होनें वाला यह विटामीन E श्वेत रक्त कणिकाओं W.B.C.को मज़बूत बनानें का काम करता हैं ताकि वायरस जनित रोगों से लड़नें में श्वेत रक्त कणिकायें w.b.c. अधिक ताकतवर होकर लड़ सकें ।
उपरोक्त तीनों विटामीन Antioxidant के समृद्ध स्त्रोंत हैं जिनकों भोजन में शामिल कर हम आसानी से वायरस जनित रोगों से शरीर की रक्षा कर सकतें हैं ।
विटामिन बी 6 vitamin B 6
विटामिन बी 6 vitamin B 6 वायरस से संक्रमित कोशिकाओं virus se sankramit koshikaon की मरम्मत करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है । यह रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करता हैं और T-cell का निर्माण करता हैं ।
विटामिन बी 6 बैचेनी, अनिद्रा, तनाव से भी मुक्ति दिलाता है क्योंकि यह तनाव पैदा करने वाले हार्मोन कार्टिसोल tanav peda Karne wale harmon cartisol का स्त्राव कम करता हैं । कोरोनावायरस प्रभावित व्यक्ति और उसका परिवार सबसे ज्यादा तनाव के दौर से गुजरता है ऐसे में vitamin B6 युक्त खाद्य पदार्थ जैसे केला,सेब,आलू,मटर,हरी सब्जियों का अधिक सेवन करने से व्यक्ति स्वस्थ रहता हैं ।
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