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अप्रैल, 2017 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

विटामिन D और हमारा स्वास्थ किस प्रकार संबधित हैं जानियें विटामीन D के कुछ अनुपम स्वास्थ्य लाभ (vitamin D and our health)

विटामिन D और हमारा स्वास्थ वि टामिन D vitamin D हमारें शरीर में सूर्य की धूप में खड़े रहनें से मिलता हैं. यदि व्यक्ति सुबह की गुनगुनी धूप में दस मिनिट खड़ा रहें,तो उसे पर्याप्त मात्रा में विटामिन D मिल जाता हैं.   विटामीन D विटामिन D हमारी हड्डीयों के स्वास्थ के लियें बहुत महत्वपूर्ण विटामिन हैं,क्योंक इसकी उपस्थिति में ही हड्डीया कैल्सियम ग्रहण कर पाती हैं. अनेक शोधों में यह प्रमाणित हुआ हैं,कि विटामिन D न केवल हड्डीयों के स्वास्थ के लिये ज़रूरी हैं,बल्कि कई अन्य शारीरिक क्रियाकलाप इसकी कमी या अनुपस्थिति में प्रभावित होतें हैं.जैसें #1.ह्रदय के क्रियाकलाप ::  ह्रदय हमारें शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग हैं,जिसके सही संचालन पर ही हमारा उत्तम स्वास्थ्य निर्भर करता हैं. अनेक शोधकर्ताओं ने प्रयोग द्धारा यह सिद्ध किया हैं,कि यदि ह्रदय को विटामिन D vitamin D की आपूर्ति बाधित होती हैं,तो धमनियों में कैल्सियम जमा हो जाता हैं,जिससे कि ह्रदयघात का जोखिम बढ़ जाता हैं. #2.उच्च रक्तचाप ::: विटामिन D की कमी होनें पर खून में जमा कैल्सियम की वज़ह से ह्रदय को अधिक कार्य करना

मिट्टी में अम्लीयता का कारण प्रभाव और उसका समाधान [ cause effect and managment of acidic soil]

भारत सहित सम्पूर्ण विश्व में फसलों को उगानें के दृष्टिकोण से मिट्टी को अम्लीय और क्षारीय मिट्टी में विभाजित किया गया हैं.इस अम्लीयता और क्षारीयता की गणना PH मान से की जाती है.एक आदर्श मिट्टी का PH मान 7 होता हैं.आज हम मिट्टी की अम्लीयता की बात करेंगें.  मिट्टी में अम्लीयता (अ).अम्लीय मिट्टी [Acidic soil] ::: • जिस मिट्टी का PH मान 7 से कम होता हैं,उसे अम्लीय मिट्टी की श्रेणी में रखा जाता हैं.मिट्टी में अम्लीयता होनें से इसमें कैल्सियम जैसें पोषक तत्वों की भारी कमी हो जाती हैं. (ब).कारण [cause] ::: • मिट्टी में अम्लीयता का प्रमुख कारण अत्यधिक वर्षा हैं.जिन क्षेत्रों वार्षिक वर्षा 2,000 मिमी से अधिक होती हैं.वहाँ कि मिट्टी में यह आम समस्या हैं,क्योंकि पानी के साथ कैल्सियम बह जाता हैं,जो मिट्टी को क्षारीय बनाने वाला प्रमुख तत्व हैं.भारत में पूर्वी क्षेत्र की मिट्टी में यह आम समस्या हैं. (स).अम्लीयता का जनजीवन पर प्रभाव ::: मिट्टी में अम्लीयता का व्यापक प्रभाव फसलों एंव जनजीवन पर देखा गया हैं,जैसें #1. निम्न फसल उत्पादकता . #2.खाद्य एँव चारा फसल

वेश्यावृत्ति [Prostitution] के बारे में वो सबकुछ जो आपको जानना ही चाहियें

 वैश्यावृत्ति संसार के प्रत्येक देशों में योनिक स्वच्छंदता सदियों से चली आ रही हैं,फर्क बस इतना हैं,कि पश्चिमी समाज इसे सामाजिक रूप से ठीक मानता हैं, जबकि पूर्वी समाज ठीक इसके उलट मानता हैं,योनिक स्वच्छंदता का यही पूर्वी संस्करण वेश्यावृत्ति (prostitution) कहलाता हैं. वेश्यावृत्ति vesyavruti का समर्थन करतें हुये यूरोप के पादरी इक्वीनास ने कहा था कि " वेश्यावृत्ति घर में स्थित गटर की नाली के समान हैं,यदि इसे बंद कर दिया तो पूरा घर गन्दगी से भर उठेगा "  अर्थात समाज से व्यभिचार मिटाने के लिये वेश्यावृत्ति आवश्यक हैं. एक अन्य व्यक्ति  सेंट आगस्टाइन ने भी वेश्यावृत्ति के बारें में इसी प्रकार की राय देते हुये कहा था,कि " समाज से यदि वेश्यावृत्ति को निकाल दिया जायें तो सम्पूर्ण समाज वासना से पथभ्रष्ट बन जायेगा    दूसरी और पूर्वी समाज विशेषकर भारत में देखे तो वेश्यावृत्ति को अलग - अलग नजरीये से.देखा गया हैं,धर्म की सेवा में अपना सर्वस्व अर्पित करनें वाली स्त्री को कही देवदासी कहा गया,कही अप्सराएँ तो कही रूपजीवाँए . जबकि आर्थिक आधार पर अपना शरीर बेचने वाली या वालें क

सांप्रदायिक सद्भाव [communal harmony] भारत का मूल भाव

 साम्प्रदायिक सदभाव वैदिक काल से ही भारत अनेकानेक संस्कृतियों,धर्मों,और धर्मावलम्बीयों का जन्मस्थान और पालनकर्ता रहा हैं. चाहे वह हिन्दू धर्म हो,सिक्ख हो,बोद्ध हो  जैन धर्म हो या इस्लाम धर्म हो.इन धर्मों ने साथ पल्लवित होकर पिछली कई शताब्दीयों से साम्प्रदायिक सद्भाव की नई मिशालें पेश की हैं किन्तु यदि इस साम्प्रदायिक सद्भावना का विश्लेषण पिछली शताब्दी में अंग्रेजों के आगमन से करें तो पायेंगें कि साम्प्रदायिक सद्भावना में उल्लेखनीय कमी दर्ज हुई हैं और इसका परिणाम भारत धर्म के नाम पर विभाजन के रूप में झेल चुका हैं. पाकिस्तान जैसे मुल्क का जन्म धर्म के नाम पर भारत से अलग होकर हुआ. यह साम्प्रदायिकता आज भी भारत में कायम हैं,और लगातार बढ़ती ही जा रही हैं. NCRB [राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड़ ब्यूरों ] के अनुसार भारत में प्रतिवर्ष औसतन 750 साम्प्रदायिक दंगे होतें हैं,जिनमें जान माल का नुकसान तो होता ही हैं,किन्तु उससे बढ़ा नुकसान भारत की सदियों पुरानी सामाजिक संरचना को होता हैं,जिसमें मोहब्बत और भाईचारें का स्थान नफ़रत और घृणा ले लेता हैं. ● 100 साल जीने के तरीक़े ● स्वस्थ सामाजिक ज

(Rota virus) रोटावायरस टीकाकरण के बारें में लगातार पूछे जानें वाले प्रश्न

प्रश्न १. रोटावायरस (Rota virus) क्या हैं ? उत्तर = रोटावायरस अत्यधिक संक्रामक प्रकार का विषाणु होता हैं.यह बच्चों को प्रभावित कर उनकों अपनी चपेट में ले लेता हैं,फलस्वरूप बच्चों में दस्त शुरू हो जातें हैं.                         रोटावायरस (Rota virus) प्रश्न २.रोटावायरस प्रभावित बच्चें में दस्त के क्या लक्षण होतें हैं ? उत्तर = शुरूआत में हल्के दस्त होतें  हैं,जो धिरें - धिरें गंभीर रूप धारण कर लेते हैं.फलस्वरूप बच्चें के शरीर में नमक और पानी की कमी हो जाती हैं.उचित इलाज नहीं मिलनें पर बच्चें की मृत्यु हो सकती हैं. प्रश्न ३. क्या रोटावायरस दस्त गंभीर रूप धारण कर सकता हैं ? उत्तर = भारत में दस्त के कारण अस्पताल में भर्ती होनें वालें 40% बच्चें रोटावायरस से संक्रमित होतें हैं.यही कारण हैं,कि 8,72000 बच्चें जो कि अस्पताल में भर्ती होतें हैं उनमें से प्रतिवर्ष लगभग 78000 बच्चों की मृत्यु हो जाती हैं. प्रश्न ४. रोटावायरस दस्त होनें का खतरा किन बच्चों को रहता हैं ? उत्तर = रोटावायरस दस्त से संक्रमित होनें का खतरा 0 से 1 वर्ष के बच्चों को अधिक होता हैं.यद