आजकल पूरी दुनिया में धूम्रपान करनें वाले व्यक्ति धूम्रपान के खतरों को जानकर इसे छोड़नें का मन बना रहें ,कोई अपने जन्मदिन पर धूम्रपान छोड़नें का संकल्प लेता हैं तो कोई नववर्ष के उपलक्ष्य में धूम्रपान छोड़नें का संकल्प लेता हैं किन्तु सच्चाई यह हैं कि कुछ चुनिंदा लोग ही अपने संकल्प को पूरा कर धूम्रपान छोड़ पाते हैं । जबकि अधिकांश लोग कुछ ही दिनों बाद धूम्रपान करना शुरू कर देतें हैं ।
आज में आपका ऐसी यौगिक क्रिया से परिचित करवाना चाहूँगा जिसके करनें से धूम्रपान करनें की आदत कुछ ही दिनों में छूट जाती हैं।
धूम्रपान छोड़नें वाली इस यौगिक क्रिया का नाम हैं "गौमुखासन" Gomukhasan
आईये जानतें हैं गौमुखासन योग करनें के तरीके और गौमुखासन योग के फायदो के बारें में
१.दोनों पैरों को सामनें फैलाकर बैंठ जायें ,
२.दाँए पैर को चित्र में दिखाई गई स्थिति अनुसार इस तरह मोड़े की पैर की एड़ी कूल्हें के पास रहें ।
३. चित्रानुसार बाँए पैर को भी घुटनें से मोड़कर दाहिनें कूल्हें के समीप एड़ी रखें ।
४.इस स्थिति में दोनों घुटने एक दूसरे के ऊपर रहना चाहियें ।
५.अब चित्रानुसार बाँए हाथ को अपनी पीठ के पिछे जितना हो सकें लेकर जायें ।
६.दाँए हाथ को भी कोहनी से मोड़कर पेट के पास से ले जाकर पीठ पर लें जाएँ।
७.चित्रानुसार अब दोनों ऊँगलियों को एक दूसरी ऊँगलियों से पकड़ लें ।
८.इस स्थिति में शरीर एकदम तना हुआ होना चाहियें ।
९. नज़र और चेहरा एक दम सीध में होना चाहियें ।
१०. शाँत चित्त होकर इस अवस्था में अपनी सामर्थ्य अनुसार कुछ समय बैठे रहें ।
# सामने से देखने पर आपका शरीर गाय के मुँह की भाँति दिखेगा । इसीलिये इस आसन को "गौमुखासन" कहतें हैं ।
११. थकान या चेहरे पर तनाव आनें पर इस आसन को खोल दें ।
१२.अब इसी प्रक्रिया को बाँए हाथ को पेट के पास से पीठ पर ले जाकर और बाँए पैर से शुरूआत कर करेें ।
१.गौमुखासन करनें से फेफड़ों को सामान्य श्वास से प्राप्त होनें वाली आँक्सीजन के मुकाबले सात गुना अधिक आँक्सीजन मिलती हैं । जिससे धूम्रपान छोड़नें पर होनें वाली शारीरीक और मानसिक बैचेनी समाप्त हो जाती हैं । और धूम्रपान छोड़नें वाला व्यक्ति तेजी से सामान्य जीवन की और उन्मुख होता हैं ।
२.धूम्रपान करनें से हुई फेफड़ों की क्षति को गौमुखासन तेजी से ठीक करता हैं ।
३.गौमुखासन करनें से धूम्रपान करनें से फेफड़ों में जमा धुँआ कार्बन डाइ आँक्साइड़ के साथ शरीर से बाहर निकल जाता हैं।
४.गौमुखासन करनें से ह्रदय और फेफड़ों में शुद्ध रक्त का प्रवाह बढ़ जाता हैं जिससे धूम्रपान छोड़नें वाला व्यक्ति ह्रदयरोग और श्वास संबधी बीमारीयों से मुक्त हो जाता हैं ।
५.गौमुखासन करनें से कमर ,पीठ दर्द और सर्वाइकल स्पांडिलाइटिस में आराम मिलता हैं किन्तु इन बीमारीयों में गौमुखासन करनें से पहले किसी योग्य योग चिकित्सक से परामर्श अवश्य कर लें ।
६.गौमुखासन करनें से रात को उठने वाली धूम्रपान की तलब समाप्त हो जाती हैं क्योंकि फेफड़ों में रक्त का प्रवाह सामान्य रक्त प्रवाह से अधिक होता हैं जिससे नींद में कोई बाधा नही आती और रात को धूम्रपान छोड़नें से होनें वाली बैचेनी समाप्त हो जाती हैं ।
७.गौमुखासन करनें से शरीर लचीला ,मज़बूत , और फेफडे बलशाली बनते हैं जिससे वायरस जनित रोग जैसें कोरोना वायरस, सार्स ,न्यूमोनिया आदि शरीर के प्रतिरक्षातंत्र को नही भेद पातें हैं ।
• उत्तानपादासन के फायदे
आज में आपका ऐसी यौगिक क्रिया से परिचित करवाना चाहूँगा जिसके करनें से धूम्रपान करनें की आदत कुछ ही दिनों में छूट जाती हैं।
धूम्रपान छोड़नें वाली इस यौगिक क्रिया का नाम हैं "गौमुखासन" Gomukhasan
आईये जानतें हैं गौमुखासन योग करनें के तरीके और गौमुखासन योग के फायदो के बारें में
गौमुखासन योग करनें का तरीका
Gomukhasan karane ka tarika
गौमुखासन करनें की विधि |
२.दाँए पैर को चित्र में दिखाई गई स्थिति अनुसार इस तरह मोड़े की पैर की एड़ी कूल्हें के पास रहें ।
३. चित्रानुसार बाँए पैर को भी घुटनें से मोड़कर दाहिनें कूल्हें के समीप एड़ी रखें ।
४.इस स्थिति में दोनों घुटने एक दूसरे के ऊपर रहना चाहियें ।
५.अब चित्रानुसार बाँए हाथ को अपनी पीठ के पिछे जितना हो सकें लेकर जायें ।
६.दाँए हाथ को भी कोहनी से मोड़कर पेट के पास से ले जाकर पीठ पर लें जाएँ।
७.चित्रानुसार अब दोनों ऊँगलियों को एक दूसरी ऊँगलियों से पकड़ लें ।
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८.इस स्थिति में शरीर एकदम तना हुआ होना चाहियें ।
९. नज़र और चेहरा एक दम सीध में होना चाहियें ।
१०. शाँत चित्त होकर इस अवस्था में अपनी सामर्थ्य अनुसार कुछ समय बैठे रहें ।
# सामने से देखने पर आपका शरीर गाय के मुँह की भाँति दिखेगा । इसीलिये इस आसन को "गौमुखासन" कहतें हैं ।
११. थकान या चेहरे पर तनाव आनें पर इस आसन को खोल दें ।
१२.अब इसी प्रक्रिया को बाँए हाथ को पेट के पास से पीठ पर ले जाकर और बाँए पैर से शुरूआत कर करेें ।
गौमुखासन के लाभ Gomukhasan KE labh
१.गौमुखासन करनें से फेफड़ों को सामान्य श्वास से प्राप्त होनें वाली आँक्सीजन के मुकाबले सात गुना अधिक आँक्सीजन मिलती हैं । जिससे धूम्रपान छोड़नें पर होनें वाली शारीरीक और मानसिक बैचेनी समाप्त हो जाती हैं । और धूम्रपान छोड़नें वाला व्यक्ति तेजी से सामान्य जीवन की और उन्मुख होता हैं ।
२.धूम्रपान करनें से हुई फेफड़ों की क्षति को गौमुखासन तेजी से ठीक करता हैं ।
३.गौमुखासन करनें से धूम्रपान करनें से फेफड़ों में जमा धुँआ कार्बन डाइ आँक्साइड़ के साथ शरीर से बाहर निकल जाता हैं।
४.गौमुखासन करनें से ह्रदय और फेफड़ों में शुद्ध रक्त का प्रवाह बढ़ जाता हैं जिससे धूम्रपान छोड़नें वाला व्यक्ति ह्रदयरोग और श्वास संबधी बीमारीयों से मुक्त हो जाता हैं ।
५.गौमुखासन करनें से कमर ,पीठ दर्द और सर्वाइकल स्पांडिलाइटिस में आराम मिलता हैं किन्तु इन बीमारीयों में गौमुखासन करनें से पहले किसी योग्य योग चिकित्सक से परामर्श अवश्य कर लें ।
६.गौमुखासन करनें से रात को उठने वाली धूम्रपान की तलब समाप्त हो जाती हैं क्योंकि फेफड़ों में रक्त का प्रवाह सामान्य रक्त प्रवाह से अधिक होता हैं जिससे नींद में कोई बाधा नही आती और रात को धूम्रपान छोड़नें से होनें वाली बैचेनी समाप्त हो जाती हैं ।
७.गौमुखासन करनें से शरीर लचीला ,मज़बूत , और फेफडे बलशाली बनते हैं जिससे वायरस जनित रोग जैसें कोरोना वायरस, सार्स ,न्यूमोनिया आदि शरीर के प्रतिरक्षातंत्र को नही भेद पातें हैं ।
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