हिन्दू धर्म पूरी तरह से वैज्ञानिक प्रक्रियाओं और प्रकृति के साथ सामंजस्य पर आधारित धर्म हैं । हिन्दू धर्म के समस्त त्योंहारों में मानव कल्याण और प्रकृति कल्याण की भावनायें निहित होती हैं । ऐसा ही एक त्योंहार शीतला सप्तमी का है जो चैत्र माह की सतमी को मनाया जाता हैं ।
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शीतला सप्तमी |
शीतला सप्तमी का स्वास्थ्य से क्या संबध हैं
शीतला सप्तमी का त्योंहार चैत्र माह में मनाया जाता हैं । भारत में यह समय ठंड के मौसम की समाप्ति और गर्मी के मौसम का प्रारंभ माना जाता हैं ।
आयुर्वेद मतानुसार इस मौसम से शरीर में पित्त का प्रकोप बढ़ जाता हैं पित्त के अधिक प्रकोप से शरीर में तीनों दोष असंतुलित होनें लगतें हैं । शीतल पदार्थों के सेवन से यह बढ़ा हुआ पित्त साम्य अवस्था में बना रहता हैं । यही कारण हैं कि इस मौसम के साथ शीतल पदार्थों के सेवन की शुरूआत की जाती हैं । जिससे शरीर निरोगी बना रहें ।
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