तनाव क्या हैं। what is stress in Hindi
तनाव stress एक ऐसी आंतरिक और बाहरी स्थिति हैं जो मनुष्य के सामान्य व्यहवार को प्रभावित करती हैं । तनाव stress व्यक्ति को बाध्य करता हैं कि वह उसका सामना करें और यदि वह तनाव stress का सामना नहीं कर पाता तो तनाव होता हैं ।
तनाव |
रोजर एँव ग्रेगरी के अनुुसार " तनाव आंतरिक बाहरी उत्तेजनात्मक अनिष्टकारी स्थिति हैं जिसका समायोजन करना कठिन हैं ।
तनाव एक अदृश्य रोग हैं जब व्यक्ति की आवश्यकता पूरी नही होती हैं तो तनाव उत्पन्न होता हैं उदाहरण के लियें एक व्यक्ति ने रात को देर से भोजन किया सुबह पेट साफ नही हुआ तो थोडी टेंशन हुई । चाय के साथ News paper हाथ में लिया तो कुछ सामाजिक घटनाओं को पढ़ मन विचलित हो गया ।
आफिस जाता हैं तो काम की अधिकता की वज़ह से तनाव पैदा हो जाता हैं । शाम होतें - होतें व्यक्ति इस तनाव को मेनेज नही कर पाता फलस्वरूप सहयोगीयों से रूखा व्यहवार करता हैं । घर पँहुचनें पर बीवी ,बच्चों और पारिवारिक सदस्यों से मनमुटाव हो जाता हैं ।
इसी प्रकार सुख - दुख ,असफलता,प्रतियोगिता ,दबाव आदि तनाव को जन्म देते हैं ।
तनावयुक्त स्थिति में व्यक्ति सामान्य जीवन नहीं जी पाता । एड्रिनल ग्रंथि पर नकारात्मक प्रभाव पड़नें से कई शारिरीक लक्षण प्रकट होतें हैं जैसें नींद पूरी नही होना ,भूलनें की आदत,बार - बार बीमार होना ,भूख नही लगना या अधिक भूख लगना ,पेट में मरोड़ होना, उच्चरक्तचाप होना, मधुमेह ,ह्रदयरोग आदि समस्याएँ होना ।
तनाव यदि कई दिनों तक बना रहता हैं तो c.f.s. chronic fatigue syndrome हो जाता हैं । फलस्वरूप व्यक्ति की कार्यक्षमता बुरी तरह प्रभावित होती हैं । व्यक्ति साधारण कार्य भी नही कर पाता हैं ।
तनाव के प्रकार Type of stress in Hindi
तनाव तीन प्रकार के होतें हैं
1.शारीरिक तनाव
तनाव की वजह से जब व्यक्ति पर्याप्त नींद नही ले पाता हैं तो शरीर पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता हैं । मनुष्य समय से पूर्व बुढा और कमज़ोर हो जाता हैं ।
2.मानसिक तनाव
मानसिक तनाव में व्यक्ति अत्यधिक चिढ़चिढ़ा और क्रोधी हो जाता हैं ।
3.भावनात्मक तनाव
जिस तनाव में व्यक्ति आसक्ति के कारण जुड़ जाता हैं उसे भावनात्मक तनाव कहतें हैं । जैसें किसी व्यक्ति की कल परीक्षा हैं तो उसे रात को नींद नही आती। कोई प्रियजन बिछड़ जाता हैं तो वह परेशान हो जाता हैं । इसी प्रकार तनाव में वह कंधें उचकाता हैं, नाखून खाता हैं, बार बार हाथ धोता हैं । ये सब भावनात्मक तनाव के ही प्रकार हैं ।
हेंस सेले तनाव के संबध में अध्ययन करनें वालें बहुत बड़े विद्धान मानेंं गये हैैंैैैं उन्होंनें तनाव कोो चार भागों में बाँटा हैं।
सेले का मानना हैं कि तनाव का हमारें जीवन में कैवल नकारात्मक प्रभाव ही नही पड़ता बल्कि तनाव सकारात्मक प्रभाव भी लेकर आता हैं । जैसें प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करनें वाला छात्र यदि अपनी तैयारी को लेकर चिंतित होगा तो उसके कार्यक्षमता बढ़ेगी और वह परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन कर पायेगा ।
हेैस सेले के अनुसार तनाव के प्रकार
1.सुखद तनाव
इस तनाव के अन्तर्गत सम्मिलित हैं पदोन्नति,नया कार्य या नौकरी ,विवाह होना,रोमाचिंत कार्य,लाटरीलियेजाना ।
2.दुखद तनाव
पारिवारिक सदस्य की मृत्यु, कुछ खोना,अस्वस्थता
3.निम्न तनाव
कार्यविहीन रहना ,कार्य का नया स्थान, अकेलापन,
4.अत्यधिक तनाव
पारिवारिक कार्यभार,सामाजिक कार्यभार,कार्यालय में अत्यधिक कार्यभार,अत्यधिक मेलजोल
• तनाव प्रबंधन के उपाय
तनाव से निपटनें के उपाय
1.कार्यस्थल पर तनाव से बचनें के लिये सभी साथीगणों से व्यहवार संयत और विनम्र रखें ।
2.बहुत अधिक कार्य एक साथ करनें की बजाय काम उतना ही हाथ में ले जो पूरा कर सकें ।
3.नकारात्मक विचारों से बचें और ना ही कार्य स्थल पर किसी की बुराई करें ।
4.सकारात्मक विचारों को बढ़ानें वालें कार्य का समावेश अपनी रोज की जीवनशैली में करें ।
5.योग ,व्यायाम को जीवन का अंग बना लें ।
6.सोशल मिडिया और मोबाइल का उपयोग संयम के साथ करें । इन माध्यमों से वही ग्रहण करें जो समाज में आपसी प्रेम को बढ़ावा देता हो .
7.अपने जीवन में सच्चाई, विनम्रता,प्रेम, आदि जैसें उच्च जीवन मूल्यों का समावेश करें ।
8. मुस्कुराहट के साथ आपके पास आनें वाले का स्वागत करें ।
9.मोबाइल का इस्तेमाल दिनचर्या के कामों जैसें खातें - पीते ,बिस्तर पर जातें समय न करें ।
10. lifestyle इस तरह व्यवस्थित करें की इसमें किसी काम के लियें जल्दबाजी न हो प्रत्येक काम के लिये पर्याप्त समय हो ।
11.home पर हो तो परिवार को पर्याप्त समय दें।
12.अपनें विचारों को दूसरों पर थोपनें से बचें ।
13.नार्वे में तनाव से निपटने के लिए एक अध्ययन किया गया था जिसमें यह निष्कर्ष निकला कि यदि हम दिन प्रतिदिन डायरी लिखते हैं तो तनाव दूर करने का यह बहुत अच्छा उपाय माना जाता है। अध्ययनकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला कि यदि कोई व्यक्ति गलत करता है और इसके बाद वह तनावग्रस्त रहता है तो डायरी लिखने के बाद वह उस गलती को दोहराने से बच जाता हैं अतः डायरी लेखन से तनाव दूर करने में मदद मिलती हैं।
14.कुछ हरे भरे पौधे जैसे मनी प्लांट, लैवेंडर, स्पाइडर प्लांट घर में आक्सीजन का स्तर बढ़ाकर तनाव को कम करने में मदद करते हैं। अतः घर में ऐसे पौधे अवश्य लगाना चाहिए।
13.नार्वे में तनाव से निपटने के लिए एक अध्ययन किया गया था जिसमें यह निष्कर्ष निकला कि यदि हम दिन प्रतिदिन डायरी लिखते हैं तो तनाव दूर करने का यह बहुत अच्छा उपाय माना जाता है। अध्ययनकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला कि यदि कोई व्यक्ति गलत करता है और इसके बाद वह तनावग्रस्त रहता है तो डायरी लिखने के बाद वह उस गलती को दोहराने से बच जाता हैं अतः डायरी लेखन से तनाव दूर करने में मदद मिलती हैं।
14.कुछ हरे भरे पौधे जैसे मनी प्लांट, लैवेंडर, स्पाइडर प्लांट घर में आक्सीजन का स्तर बढ़ाकर तनाव को कम करने में मदद करते हैं। अतः घर में ऐसे पौधे अवश्य लगाना चाहिए।
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