गेरू के औषधीय प्रयोग
गेरू के औषधीय प्रयोग
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गेरू के औषधीय प्रयोग |
आयुर्वेद चिकित्सा में कुछ औषधीयाँ सामान्य जन के मन में इतना आश्चर्य पैदा करती हैं कि कई लोग इन्हें तब तक औषधी नही मानतें जब तक की इनके विशिष्ट प्रभाव को महसूस नही कर लें ।
गेरु भी उसी श्रेणी की आयुर्वेदिक औषधी हैं।जो सामान्य मिट्टी से कहीं अधिक इसके विशिष्ट गुणों के लिए जानी जाती हैं। गेरु लाल रंग की मिट्टी होती हैं। जो सम्पूर्ण भारत में बहुतायत मात्रा में मिलती हैं।इसे गेरु या सेनागेरु कहते हैं।
गेरू आयुर्वेद की विशिष्ट औषधी हैं जिसका प्रयोग रोग निदान में बहुतायत किया जाता हैं ।
गेरू का संस्कृत नाम
गेरू को संस्कृत में गेरिक ,स्वर्णगेरिक तथा पाषाण गेरिक के नाम से जाना जाता हैं ।
गेरू का लेटिन नाम
गेरू silicate of aluminia के नाम से जानी जाती हैं ।
गेरू की आयुर्वेद मतानुसार प्रकृति
गेरू स्निग्ध ,मधुर कसैला ,और शीतल होता हैं ।
गेरू के औषधीय प्रयोग
1. आंतरिक रक्तस्त्राव रोकनें में
गेरू शरीर के किसी भी हिस्से में होनें वाले रक्तस्त्राव को कम करने वाली सर्वमान्य औषधी हैं । इसके लियें गेरू को छलनी से बारीक छानकर पानी में मिलाकर लुग्दी बनाकर प्रभावित भाग पर लपेटतें हैं । जब यह लुग्दी सूख जाती हैं तो इसे उतार देतें हैं । इस प्रयोग से आंतरिक रक्तस्त्राव की समस्या कम हो जाती हैं ।
2.बहरेपन में
बहरेपन में गेरू को दूध के साथ मिलाकर कान में दो चार बूंद टपकानें से बहरापन में फायदा मिलता है।
इसके अलावा गेरू को पानी के साथ मिलाकर कान के आसपास लपेटने से कानदर्द में आराम मिलता हैं ।
3.आग से जलनें पर
गेरू को छानकर इसमें नारियल तेल मीला लें इस मिश्रण को बिना फफोलें पड़े हुये अंग पर लगानें से बहुत आराम मिलता हैं ।
4.व्रण पर
शरीर में यदि कही व्रण हो जाये और बहुत ज्यादा दर्द कर रहा हैं तो गेरू को हल्दी और गाय का घी मिलाकर गर्म कर ले ,जब हल्का गर्म रह जायें तब व्रण पर बाँध दें । व्रण यदि पकनें वाला होगा तो उसका मुँह खुल जायेगा दर्द समाप्त हो जायेगा । इस प्रयोग को रात में करनें पर बहुत आशातीत परिणाम मिलतें हैं ।
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5.कब्ज होनें पर
कब्ज की ऐसी समस्या जिसमें रोज रोज दवाई लेनी पड़ती हैं उसके लिये गेरू बहुत उत्तम औषधी हैं । इस समस्या से निजात पानें के लियें गेरू को पानी के साथ मिलाकर रात को पेट पर लपेटतें हैं । एक घंटे तक लपेटनें के बाद धो लें ,इस प्रकार पन्द्रह बीस दिन यह प्रयोग करनें से कब्ज की समस्या में आराम मिलता है ।
6.चश्मा उतारने के लियें
बारिक छना हुआ गेरू को पानी मिलाकर पेस्ट बना लें यह पेस्ट रात को दोनों आँखों पर बाँध लें और सुबह खोल लें कुछ ही दिनों में आपकी आँखों का नम्बर वाला चश्मा उतारने में सहायक होता हैं । किन्तु ध्यान रखे यह प्रयोग गर्मी के दिनों में ही करें ।
7.गर्भधारण नही होता हैं
यदि बार बार गर्भपात होता हैं तो गेरू को पेडू और योनि के ऊपर तक पानी में गीला कर बाँध लें और तीन चार घँटा बंधा रहनें दें । बार - बार गर्भपात की समस्या समाप्त होकर गर्भ ठहरने में सहायक होता हैं ।
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8.geru powder uses for skin in hindi
गेरू को दही के साथ मिलाकर चेहरे पर लगानें से चेहरा कांतिमय और दाग धब्बे रहित बन जाता हैं ।
9.बालों पर
नहानें से पूर्व गेरू गीलाकर बालों पर लगानें से बाल मुलायम और चमकदार बनतें हैं ।
10.एनिमिया में
गेरू में फेरस आँक्साइड़ प्रचुरता में मिलता हैं । यह आँक्साइड़ हिमोग्लोबिन को स्वस्थ्य बनाता हैं । यदि गेरू की मिट्ट से बनें मटके का पानी पिया जायें तो एनिमिया की समस्या दूर हो जाती हैं ।
11.जोड़ों के दर्द में geru ke fayde
गेरू को सरसो तेल के साथ गर्म करके जोडों पर बाँधनें से जोड़ों का दर्द बहुत जल्दी दूर होता हैं ।
12.सिरदर्द में geru ke fayde
यदि सिरदर्द की समस्या बहुत दवाई लेनें के बाद भी समाप्त नही हो रही हैं तो गेरू को पुदीना के रस के साथ मिलाकर सिर पर बाँधनें से सिरदर्द की समस्या समाप्त हो जाती हैं ।
13.तनाव में
तनावमुक्त जीवन हर किसी का सपना होता हैं यदि गेरू को सिर पर रखकर धिरें - धिरें तब तक पानी डाला जायें जब तक की गेरू पूरा गलकर पानी के साथ बह न जायें ,ऐसा करनें से तनाव समाप्त हो जाता हैं और मनुष्य खुशहाल जीवन व्यतीत करता हैं ।
• तनाव प्रबंधन के उपाय
गेरू मिट्टी से बने पात्र में भोजन बनानें से भोजन स्वादिष्ट बनता हैं और यह भोजन अपनें नैसर्गिक गुणों से संपन्न रहता हैं । यह भोजन आयु और स्वास्थ्य को उत्तम रखता हैं ।
14.हाइपोथायरायडिज्म में गेरू के औषधीय फायदे
गेरू मिट्टी में सेलिनियम नामक खनिज पदार्थ प्रचुरता से पाया जाता हैं यह खनिज पदार्थ थायराइड़ ग्रंथि की कार्यप्रणाली सुधारकर हाइपोथायरायडिज्म रोग में फायदा पहुंचाता है । इसके लिए गेरू मिट्टी में उगा अनाज या फल सब्जी का सेवन करना चाहिए ।
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