Bargad ped सम्पूर्ण भारतवर्ष सहित सम्पूर्ण एशिया यूरोप अफ्रीका अमेरिका आदि में पाया जाता हैं। यह पेड़ बहुत ही विशाल पेड़ होता हैं ।
बरगद पेड़ की उम्र बहुत लम्बी होती हैं ,इसकी लम्बी लम्बी झूलेनुमा शाखाओं के इर्द गिर्द कितनें ही लोगों के बचपन गुजरें हैं यहाँ तक की कई बुजुर्ग अपनें नाती पोतों को पुरानी यादों को यादकर बतातें मिल जातें हैं कि फला बरगद के पेड़ निचें मेरें दादा जी भी झूला झूलतें थे और यह बरगद का पेड़ आज भी वैसा ही सीना तानकर खड़ा हैं जैसें मेरें बचपन के दिनों में खड़ा रहता था ।
बरगद के पेड़ के तनें की चोड़ाई 50 फुट से लेकर 60 फुट हो सकती हैं । इसके पत्तें मोटें और दिल की आकृति के होतें हैं । जिनकों तोड़नें पर दूध निकलता हैं ।
बरगद के फल लाल रंग के होतें हैं । तथा इसके तनों से लम्बी लम्बी जटायें निकलती हैं।
बरगद पेड़ का संस्कृत नाम bargad tree Sanskrit name
बरगद पेड़ को संस्कृत में वटवृक्ष ,शुंगी,स्कन्धज,क्षीरी,यमप्रिय,नामों से पुकारा जाता हैं ।
बरगद पेड़ का हिन्दी नाम
बड़,बरगद
बरगद पेड़ का अंग्रेजी नाम bargad tree English name
बरगद पेड़ को अंग्रेजी में "BANYAN TREE" के नाम से जानतें हैं ।
बरगद पेड़ का लेटिन नाम letin name banyan tree
बरगद पेड़ का लेटिन नाम ficus bengalensis फायकस बेेंंगलेनसिन्स हैं ।
बरगद पेड़ की प्रकृति :::
आयुर्वेद मतानुसार बरगद पेड़ कसेला ,मधुर ,तथा शीतल होता हैं । यह पित्त का शमन करनें वाला पेड़ हैं ।
बरगद पेड़ के चमत्कारिक फायदे :::
1.गठिया रोग पर :::
गठिया रोग में बरगद पेड़ के पत्ते गर्म करके जोड़ों पर बाँधनें से गठिया के दर्द में आराम मिलता हैं ।
इसी प्रकार बरगद पेड़ का दूध गर्म कर जोड़ों पर मालिश करनें से गठिया ठीक हो जाता हैं किन्तु इस प्रयोग में रोगी अपनी प्रकृति को ध्यान रखे । शीत प्रकृति के लोग यह प्रयोग न करें ।
2.मधुमेह रोग में बरगद पेड़ के फायदे :::
बरगद पेड़ की छाल का क्वाथ मधुमेह रोग पर बहुत ही ज्यादा फायदेमंद होता हैं । इसके क्वाथ से पेशाब में शक्कर जाना बंद हो जाता हैं ।
बरगद पेड़ की के पत्तों की कोपल खानें से मधुमेह की बीमारी नही होती हैं ।
3.दाँत दर्द और मसूड़ों की सूजन :::
बरगद पेड़ की छाल का क्वाथ बनाकर कुल्ला करनें से मसूड़ों की सूजन समाप्त हो जाती हैं ।
इसी प्रकार इसके दूध को दर्द करनें वालें दांतों पर लगानें से दांतदर्द मिट जाता हैं ।
4.पैशाब की जलन :::
गर्मीयों में पेशाब की जलन एक आम समस्या हो जाती हैं । यदि आपके आस पास बरगद का पेड़ हैं तो 5 ग्राम इसकी लटकती हुई जटाओं को तोडकर पानी के साथ पीस लें और छानकर पी ले इससे पेशाब की जलन मिट जाती हैं ।
5.उल्टी होनें पर
लगातार उल्टी हो रही हो तो इसकी जटाओं को मिश्री के साथ मिलाकर उल्टी करनें वालें व्यक्ति को खिला दें उल्टी में तुरंत ही आराम मिल जाता हैं ।
6.रक्तप्रदर में :::
बरगद पेड़ के चार पाँच बूंद दूध को प्रतिदिन लेनें से रक्तप्रदर में राहत मिलती हैं ।
7.त्वचा के रोगों में :::
बरगद पेड़ का दूध त्वचा रोगों जैसे फोड़े फुन्सी और खुजली का रामबाण इलाज हैं । इसके दूध को प्रभावित स्थान पर लगानें से बहुत आराम मिलता हैं ।
इसी प्रकार यदि त्वचा जल जायें तो इसके सूखे पत्तों की भस्म बनाकर गाय के दही को मिलाकर प्रभावित स्थान पर लगानें से जलनें के बाद होनें वाले फफोलें नही होतें हैं ।
8.दस्त लगनें पर :::
बरगद के पेड़ के दूध को नाभि में लगानें से दस्त बंद हो जातें हैं ।
9.पैरों की बिवाई फटने पर :::
बरगद पेड़ की जड़ को कूटकर फटी हुई एड़ियों पर लगानें से फटी हुई एडियाँ ठीक हो जाती हैं ।
10.फोडें फुन्सी में :::
बरगद के पत्तों को पीसकर शहद मिला लें और इसे फोडे फुन्सी पर लेप कर दें । लम्बे समय से ठीक नही हो रहें फोडे फुन्सी भी ठीक हो जायेंगें ।
शरीर पर अंधफोड़ा हो जानें पर बरगद के पत्तों को हल्दी और तेल के साथ गर्म कर अंधफोडे पर बाँधनें से फोड़ा फुट जाता हैं और सारा मवाद बाहर निकल जाता हैं ।
यदि शरीर पर कही चोंट लगी हैं जिसमें टांके लगानें की आवश्यकता महसूस हो रही हो तो त्वचा को मिलाकर बरगद के पत्ते उस चोंट पर रखकर कसकर बाँध दें ,2 - 3 दिन बाद इस बंध को खोलें ,चोंट पूरी तरह ठीक हो जायेगी और टांके लगानें की जरूरत भी नही पडेगी ।
11.सेक्स पावर sex power :::
बरगद पेड़ का तीन चार बूंद दूध पतासे के साथ रात को सोनें से एक घंटा पहले लेनें से पुरूष सेक्स समस्या जैसें लिंग में उत्तेजना नही होना,सेक्स की इच्छा न होना ,वीर्य जल्दी स्खलित हो जाना, समाप्त हो जाती हैं ।
12.गंजापन दूर करता हैं :::
बरगद पेड़ के पत्तों को जलाकर राख बना लें इस राख को अलसी के तेल में मिलाकर गंजे सिर पर लगानें से गंजापन धिरें - धिरें समाप्त हो जाता हैं ।
और यदि बाल झड रहें हैं तो बालों का झडना बंद हो जाता हैं ।
13.एडी की हड्डी बढना :::
बरगद पेड़ के पत्तों को रात को सोतें समय एडी पर बाँधनें से एडी की हड्डी बढ़ना रूक जाता हैं ।
14.कानदर्द में :::
बरगद पेड़ के दूध की तीन चार बूंद कानदर्द होनें पर कान में डालनें से कानदर्द में आराम मिलता हैं ।
15.तनाव अनिद्रा होनें पर :::
बरगद पेड़ के पके फलों का सेवन करनें से तनाव अनिद्रा जैसी समस्या समाप्त हो जाती हैं । इसके लियें इसके एक दो पके फल रात को सोतें समय दूध के साथ सेवन करें ।
बरगद पेड़ के निचें कुछ देर ध्यान ,प्राणायाम करनें से मन को असीम शाँति का अनुभव होता हैं यही कारण हैं कि प्राचीन समय में साधु संत ध्यान के लिये बरगद पेड़ को चुनते थे ।
इसी प्रकार गाँव के बीचों बीच बरगद का पेड़ लगाया जाता था। जहाँ चौपाल लगाकर बैठक होती थी । और गाँव के सारे लड़ाई झगड़े शांतिपूर्वक बरगद पेड़ के निचें ही सुलझाये जाते थे ।
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