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जून, 2016 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

बैंगन के ऐसे अचूक फायदे जिनको जाननें के बाद आप बैंगन खाना कभी नही भूलोगे

#बैंगन :: बैंगन भारतीय रसोई का महत्वपूर्ण भाग हैं,सदियों से यह सब्जी और अनेक व्यंजन के रूप में भारतीय रसोई में मोजूद हैं. आयुर्वैद में इसे औषधि के रूप में मान्यता प्राप्त हैं.वैसे तो बैंगन की कई किस्में मोजूद हैं किन्तु तीन चार प्रकार का बैंगन ही खानें और औषधिगत उपयोग के लियें महत्वपूर्ण हैं.जिनमें लम्बा बैंगन,गोल बैंगन,हरा बैंगन और सफेद बैंगन प्रमुख हैं.इसका पौधा 25 से 30 इंच लम्बा और कांटेदार होता हैं. # आयुर्वेद मतानुसार बैंगन की प्रकृति  बैंगन गर्म प्रकृति का होता हैं. बैंगन # बैंगन में पाए जाने वाले पौषक तत्व  (nutrition value of eggplant) कार्बोहाइड्रेट .         प्रोटीन .         कोलेस्ट्राल.             5.7 gm.             1 gm.            00  फाइबर.                एनर्जी               वसा .       ...

congenital heart disease ,कांजिनेटल हार्ट डिजिज,पल्मोनरी एम्बोलिज्म,pulmonary embolism

#1.परिचय  Congenital heart disease आमतौर पर जन्मजात शिशुओं में होनें वाला ह्रदय रोग हैं.जो ह्रदय से संबधित सामान्य कार्यप्रणाली को प्रभावित करता हैं. यब बीमारी बच्चों को गर्भावस्था के दोरान ही होती हैं.                          #2.लक्षण:: :::: शिशु की त्वचा नीली या बैंगनी दिखाई देती हैं,खासतोर पर मुंह,हाथों की ऊँगली,कान,होंठ और नाक .इस अवस्था को साइनोसिस कहतें हैं :::: बार बार निमोनिया होना.फेफडों में गंभीर संक्रमण. :::: बच्चा धोड़ा सा चलनें,व्यायाम करनें या खेल खेलनें में अत्यधिक थक जाता हैं. :::: बच्चा बार बार बेहोश हो रहा हो. :::: धड़कनों का अनियमित रूप से बढ़ना. :::: भूख में कमी यदि बच्चा स्तनपान कर रहा हैं,तो स्तनपान के दोरान बार बार स्तनो को छोड़कर जोर जोर से साँस लेता हैं. :::: बच्चें का वज़न कम होना. :::: अत्यधिक पसीना निकलना. :::: शरीर पर सूजन विशेषकर जन्मजात शिशुओं में,बड़े बच्चों में पेट़,पैर,हाथ और आँखों मेंं सूजन. :::: गहरी नींद में अचानक जाग जाना या बार बार नीं...

क्या पैरासौम्निया कोई स्वास्थ्यगत समस्या है

पैरासोम्निया  (parasomnia) क्या है  यदि आप देर रात तक पढ़ाई कर रहें हो और आपके पास  गहरी नींद में सोया हुआ व्यक्ति अचानक तेज स्वर में नींद में ही बोलनें लगें तो शायद आप सुबह उठकर उसका मज़ाक उड़ायेगें कि रात को तुमनें क्या बोला परन्तु सामनें वाला आपकी बातों से असहमति ही प्रदर्शित करेगा कि वह तो जैसा सोया था वैसा ही उठा हैं,उसनें रात में कोई बढ़बढ़ नहीं की यही स्थिति parasomnia या नींद में बढ़बढ़ाना कहलाती हैं. क्या पैरासोम्निया parasomnia से कोई नुकसान होता हैं. अधिकांश लोग यही सवाल पूछतें हैं,कि क्या यह स्वास्थगत समस्या हैं,इसका जवाब भी सीदा सरल हैं,अधिकांशत: मामलों में ये समस्या नहीं मानी जाती परन्तु जहाँ बढ़बढ़ाना चिल्लानें के समान हो यह गंभीर नींद सम्बंधित बीमारी (sleep disorder) मानी जाती हैं जिनमें सम्मिलित हैं--- 1.REM यानि sleep behaviour disorder. 2. नींद के अतिकारी sleep terror. उपरोक्त दोनों प्रकार की बीमारीं में रोगी जोर -जोर से चिल्ला सकता हैं. ::  मारपीट़ कर सकता हैं. ::  नींद में चल सकता हैं. ::  क...

च्यवनप्राश में पाए जाने वाले घटक द्रव्य कौंन से है

च्वयनप्राश (chyawanprash) च्वयनप्राश या चमनप्राश (chamanprash) या चवनप्राश (chavanprash)आयुर्वैद चिकित्सा में प्रयोग होनें वाला एक महत्वपूर्ण रसायन हैं.च्वयनप्राश की खोज chavanprash ki khoj महान रिषी च्यवन ने जरावस्था से पुन: यौवन प्राप्त करनें हेतू की थी.महात्मा च्वयन के नाम से ही इस औषधि को च्वयनप्राश पड़ा था.इस औषधि का वर्णन चरक सहिंता नामक आयुर्वैद चिकित्सा ग्रन्थ में मिलता हैं.                         च्वयनप्राश|chyawanprash चवनप्राश में पाए जानें वाले घट़क द्रव्य (ingredients) 1. आंवला  (Emblica officinalis). 2.अग्निमंथ. 3.ब्रिहाती.   4.भारंगी. 5.चव्य. 6.दारूहरिद्रा (Berberis aristata). 7.गजपीपली. 8.गोजीहवा. 9.रिषभक. 10.जीवक. 11.काकोली. 12.क्षीरकाकोली. 13.करकटसरंगी. 14.ममीरा. 15.मासपर्णी. 16. मेदा. 17. मुदगापर्णी. 18.परपाट़ा. 19.दक्षिणी परपाट़ा. 20.प्रसारणी. 21.प्रतिविषा. 22.रेवाटेसिनी. 23. रिद्धि. 24....

शहद प्रकृति द्धारा मनुष्य को दिया अनुपम अमृत हैं.Honey nature's gift for mankind

शहद के बारें में जानकारी::- शहद  शहद प्रकृति द्धारा मनुष्य को दिया अनुपम अमृत हैं.लगभग सभी प्राचीन धर्म ग्रन्थों जैसें rigveda,कुरान,बाइबिल और एंजिल में शहद (honey) का व्यापक और विशद वर्णन मिलता हैं. शहद मधुमक्खीयों द्धारा फूलों (flower) के रस को छत्तों में एकत्रित करनें से बनता हैं.लगभग आधा कि.ग्रा.शहद तैयार करनें में मधुमक्खीयों को लगभग 37 लाख बार उड़ान भरनी पड़ती हैं. वनों और फूलों की प्रकृति के आधार शहद की प्रकृति रंग,गंध तथा स्वाद में भिन्नता होती हैं जैसें नीम फूलों के रस की अधिकता होनें पर शहद पतला,गहरे रंग का और स्वाद में कड़वा या कसेलापन लिये होता हैं. सरसों,गेंदा,गुलाब, सेब के फूलों की अधिकता होनें पर शहद गाढ़ा,स्वाद में मिस्री जैसा और गाय के घी समान पीलापन लियें होता हैं. शहद के बारें में वर्णन करतें हुयें भारतीय ग्रन्थ शालीग्राम निघण्टु लिखता हैं. माक्षिक तैलवर्ष स्वादघृत वर्णन्तु पौत्तिकम क्षोद्रं कपिल वर्ष स्वाच्छेत भ्रामर सुच्यते अर्थात माक्षिक शहद तैलवर्ण का एँव पतला,पैत्तिक शहद घृतवर्ण व गाढ़ा,क्षौद्र शहद काले रंग का और भ्रामर शहद बहुत गाढ़...