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बैंगन के ऐसे अचूक फायदे जिनको जाननें के बाद आप बैंगन खाना कभी नही भूलोगे

#बैंगन ::


बैंगन भारतीय रसोई का महत्वपूर्ण भाग हैं,सदियों से यह सब्जी और अनेक व्यंजन के रूप में भारतीय रसोई में मोजूद हैं.

आयुर्वैद में इसे औषधि के रूप में मान्यता प्राप्त हैं.वैसे तो बैंगन की कई किस्में मोजूद हैं किन्तु तीन चार प्रकार का बैंगन ही खानें और औषधिगत उपयोग के लियें महत्वपूर्ण हैं.जिनमें लम्बा बैंगन,गोल बैंगन,हरा बैंगन और सफेद बैंगन प्रमुख हैं.इसका पौधा 25 से 30 इंच लम्बा और कांटेदार होता हैं.



# आयुर्वेद मतानुसार बैंगन की प्रकृति 


बैंगन गर्म प्रकृति का होता हैं.

गोल बैंगन
बैंगन


# बैंगन में पाए जाने वाले पौषक तत्व  (nutrition value of eggplant)



कार्बोहाइड्रेट.        प्रोटीन.         कोलेस्ट्राल.       
   5.7 gm.           1 gm.            00 

फाइबर.                एनर्जी              वसा.        
3.4 gm.                24 kcl.          0.19 mg


विटामिन A.           थायमिन.       राइबोफ्लोविन
27 I.U.                 0.039 mg.      0.037 mg

पाइरीडाँक्सीन.     पेन्टा.एसिड़   नियासिन

0.084 mg.                    0.282 mg.                      0.650 


फोलिक एसिड़         विटामिन C.    विटामिन E. 

  22 mcg             2.2 mg.         0.30 mg


विटामिन k.             सोड़ियम.        पोटेशियम
3.5 mcg                   2 mg.           230 mg


कैल्सियम.                काँपर.          आयरन.     
 
  9 mg.                  0.082mg.      0.35 mg


मैग्नीशियम.                  जिंक

14 mg.                  0.16 mg (प्रति 100 gm)




इन सब के अलावा बैंगन में फ्री रेड़ीकल,पानी,और फाइटोन्यूट्रीयन्ट्र पर्याप्त मात्रा में उपस्थित रहते हैं.

#बैंगन के फायदे :::


:::: पेट से संबधित समस्यओं बैंगन रामबाण औषधि हैं,यदि पाचन सम्बंधित समस्या हैं तो बैंगन भूनकर काला नमक मिला लें इसे भोजन के साथ चट़नी की तरह उपयोग करें, कुछ दिन सेवन करनें समस्या समाप्त हो जावेगी.

::: पथरी होनें पर कच्चा बैंगन का जूस बनाकर नियमित सेवन करतें रहें .


::: टाइफाँइड़ होनें पर कच्चा बैंगन मिश्री मिलाकर 10 से 20 ग्राम सुबह शाम खायें.


:::: लू (heat stroke) लगनें पर कच्चें बैंगन का रस हाथ,पैर के तलुओं तथा हाथों की कलाई पर लगा दें तुरन्त आराम मिलता हैं.


:::: चोंट़ ,मोंच आ जानें की शर्तिया दवा बैंगन हैं,इसके लियें बैंगन को भूनकर नमक,हल्दी, और दही मिलाकर मोंच वालें स्थान पर बाँध दें.


:::: बैंगन "मस्तिष्क आहार" हैं.इसके सेवन से स्मरण शक्ति तीव्र बनती हैं.


::::  इसमें पाया जानें वाला फायबर कब्ज, एसीडीटी जैसी समस्या को समाप्त करता हैं.

:::: बैंगन में पोटेशियम पर्याप्त मात्रा में होता हैं,जो कोलेस्ट्राल (cholesterol) के कारण अवरूद्ध हुई धमनियों की सफाई का काम करता हैं.इसके अलावा इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स खून से कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद करता हैं।


::::  गठिया (arthritis) में जोड़ों में जमनें वाला विषेला पदार्थ बैंगन में उपस्थित फ्री रेड़ीकल और पानी शरीर से बाहर निकलता हैं.


:::: इसमें उपस्थित सोड़ियम रक्त दबाव (blood pressure) को नियमित करनें में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है.इसके लियें बैंगन भूनकर ज़रूर सेवन करें.


::::  मधुमेह (Diabetes) में बैंगन का डंठल सूखाकर बारीक चूर्ण बनाकर गिलोय रस के साथ सेवन करें.
:
::: बवासीर (piles) में इसका सेवन संयमित रूप में करना चाहियें,क्योंकि यह उष्ण प्रकृति का होता हैं.


:::: बहरापन आनें पर गोल बैंगन को भूनकर उसकी भाप कान में लें बहुत फायदा मिलता देखा गया हैं.


:::: पेट में कृमि होनें पर बच्चों को इसका रस शहद में मिलाकर दें.


:::: अस्थमा के मरीज को बैंगन का भुर्ता बनाकर उसमें लोंग,काली मिर्च,सौंठ,तुलसी मिलाकर सेवन करना चाहियें.

:::: बैंगन में मौजूद विटामिन ई महिलाओं के अंडाणु और पुरुषों की स्पर्म क्वालिटी में सुधार लाता है ।


देखा दोस्तों सामान्य सा दिखनें वाला बैंगन कितनें विशिष्ट गुणों से सम्पन हैं,यही कारण हैं,कि यह भारतीयों की रसोई में सदियों से अपना स्थान बनायें हुयें हैं.


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