कब्ज(Constipation)
कब्ज आज के विश्व की सबसे बडी और जटिल समस्या के रूप में उभरा हैं. आज विश्व का हर तीसरा व्यक्ति कब्ज से परेशान हैं. और भोजन करने के बाद रात को पेट साफ रखने वाली औषधि की शरण मे जाता हैं.कब्ज को हम सारी बीमारींयों की जड़ कहें तो अतिश्योक्ति नहीं होगी क्योंकि गेस,अपच,श्वास,सिरदर्द,वात व्याधि, सुस्ती,पेटदर्द,एसीडीटी और हार्ट फेल तक कब्ज की वजह से हो सकता हैं. आधुनिक चिकित्सा पद्ति में कब्ज का कोई स्थाई इलाज नहीं हैं, जब तक उपचार लिया जाता हैं तब तक आराम रहता हैं, उपचार बन्द बीमारीं फिर शुरू, किन्तु आयुर्वैद कब्ज का रामबाण इलाज का दावा करता हैं.आईयें जानते हैं उपचार-:
कब्ज का आयुर्वेदिक इलाज
२.सुबह एक चम्मच त्रिफला चूर्ण को आधे गिलास पानी मे भीगोंकर रख दे रात को सोते समय इस पानी का सेवन करें.
३.योगिक क्रिया कपालभाँति,पवनमुक्तासन नियमित रूप से करतें रहें.
४.पर्याप्त नींद अवश्य ले.
५.आम में पेट साफ करने का विशेष गुण पाया जाता है अतः कब्ज में आम का सेवन विशेष लाभकारी होता हैं।
७.रात को सोते समय एक चम्मच एरंड तेल आधे कप दूध में मिलाकर पीनें से जीर्ण कब्ज में भी आराम मिलता हैं ।
कब्ज के लिए लाभकारी योगासन
पेट से सम्बंधित समस्यओं जैसे कब्ज, अपच,एसीडीटी व आँतों की क्रियाशीलता को बढ़ानें में पवनमुक्तासन विशेष लाभकारी है.
पवनमुक्तासन करने की विधि
१.सबसे पहलें सीधे पीठ के बल लेट जायें
२. सांस भरते हुए दोनों पैरों को उठाएं व घुटनों को मोडें
३.दोनों हथेलियों को आपस में जोड़ते हुये घुट़नों को पकड़े और खींचते हुये सीने तक लायें
४. सांस छोड़ते हुये गर्दन व पीठ को उठायें व नाक को घुटनों तक लायें घुट़नों के बीच नाक होना चाहियें.
५.तीस सेकंड़ तक इस स्थति मे रहनें के बाद धीरें धीरें पुन: पूर्व की मुद्रा में आ जावें.इस आसन का समय धीरें धीरें बढ़ाते हुयें दस बारह बार तक लें जावें ़़
कब्ज से बचने के तरीके
१. पवनमुक्तासन सुबह खाली पेट करें.
२.गर्भवती महिलायें, घुट़नों की समस्या होनें पर,रीढ़ की हड्डी से सम्बंधित समस्या होने पर आसन नहीं करना चाहिये.
3.भोजन में हरी पत्तेदार सब्जियाँ ,सलाद अवश्य शामिल करें.
४.मेदा से बनी चीजों,जंक फूड़,साफ्ट ड्रिंक का पूर्णत: निषेध करें.
नोट- वैघकीय परामर्श आवश्यक हैं.४.मेदा से बनी चीजों,जंक फूड़,साफ्ट ड्रिंक का पूर्णत: निषेध करें.
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