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नवंबर, 2016 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

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पूरी दुनिया में भारत सहित विकासशील राष्ट्रों के गरीब नागरिक बेहतर स्वास्थ सेंवाओं के लियें प्रतीक्षारत हैं.बेहतर स्वास्थ सेंवाएँ मात्र प्रायवेट अस्पतालों में उपलब्ध हैं,जो इन गरीबों के बस की बात नहीं हैं,फलस्वरूप ये गरीब अकाल मोंत के आगोश में समा जातें हैं,एक सर्वे के मुताबिक लगभग 63% कैंसर,एड्स, टी.बी.ह्रदय रोग और अन्य रोगों के मरीजों के पास दवाईयों के लियें पैसें नही होतें दवाईयों की उपलब्धता में इनका सबकुछ बिक जाता हैं ,आईयें   इन ज़रूरतमंद लोगों के साथ खड़े होकर इनकी तक़लीफों को कम करने में उनकी मदद करें.यदि आप मदद करना चाहतें हैं,तो सम्पर्क करें. Email - svyas845@gmail.com ै

सिकल सेल एनिमिया sickle cell क्या हैं सिकल सेल के लक्षण ,कारण और सिकल सेल में क्या जागरूकता रखनी चाहियें

#1.सिकल सेल एनिमिया ::: सीकल सेल एनिमिया (sickle cell) रक्त से सम्बंधित बीमारी हैं,जिसमें रक्त में उपस्थित हिमोग्लोबीन (Haemoglobin) जो रक्त में स्वतंत्र रूप से घूमता हैं,असामान्य रूप में आपस में गुच्छा बना लेता हैं.फलस्वरूप लाल रक्त कणिकाएँ (RBC) अपना रूप गोल से बदलकर सिकल (sickle) या हँसिया के शेप में परिवर्तित हो जाती हैं.

तनाव प्रबंधन के उपाय। Stress Management Techniques for a Healthier Life

तनाव प्रबंधन के उपाय |Stress Management Techniques for a Healthier Life आज की भागती दोड़ती जीवनशैली [Lifestyle] में हर व्यक्ति इतना तनाव में जी रहा हैं,कि तनाव प्रबंधन नहीं करने के कारण व्यक्ति का सामाजिक, पारिवारिक जीवन संकट़ग्रस्त सा हो गया हैं. यह तनाव कई कारणों से पैदा हो रहा हैं, जैसें असफलता,व्यापार में घाटा,प्रतिस्पर्धा,किसी प्रियजन का बिछड़ना आदि कहनें का तात्पर्य यही कि तनाव हर आमो - ख़ास के जीवन का अभिन्न अंग बन चुका हैं.एक सर्वेक्षण के मुताबिक दुनिया की 33% आबादी गंभीर तनाव से गुजर रही हैं,और इसमें उन लोगों का प्रतिशत एक तिहाई हैं,जो समाज के शीर्ष पर हैं. लोग तनाव से निपट़ने के लिये तरह - तरह की गोली दवाईयों को भी आजमातें हैं,किन्तु तनाव आनें पर तनाव प्रबंधन के उपाय और तनाव से निजात पाने के घरेलू उपाय या Home Remedies for relieving stress  सीख लिया जावें तो शायद मनुष्य बिना दवा गोली के बेहतर और लम्बा जीवन जी सकता हैं.   #1.ऊँ के उच्चारण द्धारा तनाव प्रबंधन ::: अमेरिका भारत सहित अनेक देशों में ऊँ ध्वनि उच्चारण के मन मस्तिष्क पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन क...

health news ,स्वास्थ समाचार

#1.हार्ट अटेक का पूर्वानुमान लगाने वाली मशीन के विकास के लिये शोधकर्ता प्रयासरत ::: समाचारों के अनुसार शोधकर्ता एक ऐसे यंत्र का अविष्कार करनें मे लगे हुये हैं,जिससे हार्ट अटेक का संकेत समय रहतें मिल जायें और व्यक्ति का समय रहते इलाज कर जान बचाई जा सकें. यह यंत्र माचिस की डिब्बी के आकार का होगा जो मनुष्य की कालर बोन के निचें फीट किया जायेगा,दिल में असामान्य गतिविविधि की आशंका होनें पर यह यंत्र उन गतिविविधियों को रिकार्ड कर कम्पन के माध्यम से सूचना दे देगा जो तुरन्त रोगी और उससे सम्बद्ध अस्पताल तक पहुँच जायेगी. इस यंत्र के अस्तित्व में आने पर लाखों ऐसे रोगी की जान बचायी जा सकेगी जिनका पारिवारिक इतिहास ह्रदय रोगों का रहा हैं,या जो ह्रदय रोग से ग्रसित हैं. #2 .टेली मेडिसीन (Tele medicine) द्धारा सूदूर क्षेत्रों में स्वास्थ सेंवाओं की बढ़ती लोकप्रियता ::: भारत सहित अनेक विकसित और विकासशील राष्ट्रों में सूदूर ग्रामीण अँचलों में स्वास्थ सुविधायें उपलब्ध करवाना शासन के लियें हमेशा चुनौतीपूर्ण रहा हैं,अब इस चुनोंती को टेली मेडिसीन के माध्यम से पूरा किया जा रहा हैं. इस...

Kasisadi oil,Shadbindu oil ,Somraj oil

name.      | property       | chemical  kasis.        Raktshodhak.   FeSo4 (Iron sul) vranropak.       7H20 Saunth.      |Arsoghan,     | citral, (Zingiber)   Deepniy.         Gingerol, officinale                              Borneal                                                  camphen Danti.       | Deepan,          | starch                     Arshoghna ,                         kushdhgan.                       Pippli.   ...

पेट के छाले या पेप्टिक अल्सर कारण लक्षण और बचाव

1.पेट के छाले पेप्टिक अल्सर भारतीय खान पान मिर्च मसालों के बिना अधूरा माना जाता हैं ,और मिर्च मसाला खानें के बाद यदि पेट में एसीडीटी की समस्या हो तो हम भारतीय इसे साधारण समस्या के रूप में लेते हैं,किन्तु यदि समस्या बार - बार उत्पन्न हो रही हो तो हमें सचेत हो जाना चाहियें कि कही यह पेप्टिक अल्सर (peptic ulcer) तो नहीं हैं.  पेप्टिक अल्सर होनें का मुख्य कारण हेलिकोबैक्टर पायलोरी या H.pylori बेक्टेरिया हैं. यह बेक्टेरिया पेट की सतह पर  चिपककर एसिड़ रोकनें वाली दीवार को संक्रमित कर दीवार को तोड़ देता हैं, फलस्वरूप पेट की अन्दरूनी दीवार पर छाले बन जातें हैं.स्थिति गंभीर होनें पर छोटी आँत में छेद भी हो सकते हैं. 2.पेट में छाले होने के कारण ::: ० रोग प्रतिरोधक क्षमता का कमजोर होना. ० पेट के उपचार में प्रयोग होनें वाली दवाईयों से. ० जीवनशैली की अनियमितता से. ० कैंसर की वज़ह से. ० आनुवांशिक कारको की वज़ह से. ० लगातार दर्द निवारक दवाओं के इस्तेमाल से. ० दूषित खाद्य पदार्थों जैसें सिंथेटिक दूध ,मक्खी बैठी हुई खाद्य सामग्री इत्यादि से. 3.पेट मे...