कांकायन वटी (kankayan vati) :::
कांकायन वटी आयुर्वैद चिकित्सा में अपना अनुपम स्थान रखती हैं. इसके बारें में एक श्लोक हैं, कि
कांकायनेन शिष्येभ्य : शस्त्रक्षाराग्निभिर्विना |भिषग्जितमिति प्रोक्तं श्रेष्ठमशोविकारिणाम् ||
बथुआ
घट़क (content) :::
० हरड़ (Terminalia chebula).
० कालीमिर्च (piper nigrum) .
० सौंठ ( Zingiber officinale).
० जीरा ( cuminum cyminum).
० पीपलीमूल (piper longum).
० चव्य
० चित्रक (plumbago zeylanica).
० शुद्ध भिलावा (semecarpus anacardium).
० यवक्षार (potasil carbonas).
उपयोग (uses):::
० खूनी बवासीर (bleeding piles).
० कब्ज (constipation).
० एसीडीटी (acidity).
० ग्रहणी ( bawl disesease).
मात्रा ( Dosage):::
पानी या छाछ के साथ वैघकीय परामर्श से.
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