उड़द की दाल के फायदे और नुकसान
उड़द भारत समेत नेपाल, पाकिस्तान, बांग्लादेश समेत एशिया भर में लोगों की खाद्य सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण स्त्रोत है । भारत में तो उड़द की दाल और उड़द की दाल के व्यंजन हर त्यौहार पर बनते हैं और बड़े चाव से खाएं जातें हैं । इसके अलावा उड़द हिन्दू धर्म में पूजा के लिए प्रयोग की जाने वाली प्रमुख सामग्रियों में से एक है।
उड़द के औषधीय गुण भी किसी से छिपे नहीं है, उड़द के औषधीय गुणों पर अनेक ग्रंथों में विस्तृत रुप से लिखा गया हैं । आधुनिक वैज्ञानिक भी उड़द के औषधीय गुणों के बारे में लगातार लिख रहे हैं । तो आईए जानते हैं उड़द के ऐसे healthy औषधीय गुण के बारें में विस्तार से
• उड़द में पाए जाने वाले पौषक तत्व udad dal nutrition fact 100 gm in hindi
✓ फास्फोरस === 385 मिलीग्राम
✓ कैल्सियम === 154 मिलीग्राम
✓ कार्बोहाइड्रेट=== 59.6 मिलीग्राम
✓ प्रोटीन === 24 प्रतिशत
✓नमी === 10.9 प्रतिशत
✓ लवण === 0.3.2 प्रतिशत
✓फेट === 0.1.4 प्रतिशत
✓आयरन === 0.9.1 मिलीग्राम
✓विटामीन बी 1(थाइमीन) === 0.42 मिलीग्राम
✓विटामीन बी 2(Riboflovin)=== 0.37 मिलीग्राम
✓ नियासिन vita.B3 === 0.2.0 मिलीग्राम
✓विटामीन B6(pantothenic acid)=== 0.281 मिलीग्राम
✓ऊर्जा ===350 किलो
✓तांबा=== 225.60 मिलीग्राम
✓आइसोल्यूसीन === 159 मिलीग्राम
✓वेलाइन===138 मिलीग्राम
✓ मेंगनीज ===137 मिलीग्राम
✓ फोलेट(Folic acid)=== 628^g
✓पोटेशियम ===983 मिलीग्राम
✓सोडियम===38 मिलीग्राम
✓जिंक === 3.38 मिलीग्राम
• उड़द का वैज्ञानिक नाम
उड़द का वैज्ञानिक नाम Vigna mungo हैं ।
• उड़द का अंग्रेजी नाम
उड़द को अंग्रेजी में Black gram कहा जाता हैं ।
उड़द के औषधीय गुण
उड़द के औषधीय गुणों का वर्णन करते हुए आयुर्वेद ग्रंथों में श्लोक हैं
बृष्य:परंवातहर:स्निग्धोष्णमधुरोगुरू:।बल्योबहुमल:पुंस्त्वंमाष:शीघ्रंददातिच।।
अर्थात उड़द प्रकृति में गर्म वायु को हरने वाला, चिकना, शीघ्र पुरूषत्व और बल प्रदान करने वाला है ।
• कैल्सियम, फास्फोरस और फेट का प्रचुर स्त्रोत
जिन खिलाड़ियों को अपनी विधा में सर्वोत्तम प्रदर्शन करना हो वे उड़द की शक्ति को पहचान लें इसमें प्रचुरता से मौजूद कैल्शियम, फास्फोरस और फेट किसी भी खिलाड़ी की उन शारीरिक ज़रुरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त है जो एथलीट, फुटबॉल, क्रिकेट, मुक्केबाजी, कुश्ती आदि जैसे बहुत मेहनत वाले खेलों के लिए आवश्यक है ।
गर्भवती स्त्री को जितनी कैल्सियम और फास्फोरस की दैनिक आवश्यकता होती हैं उसकी आसानी से पूर्ति उड़द द्वारा की जा सकती हैं।
जो महिलाएं मेनोपॉज से गुजर रहीं हैं उन्हें अपनी कैल्सियम और फास्फोरस की दैनिक आवश्यकता की पूर्ति उड़द दाल से करना चाहिए ।
बढ़ते बच्चों की हड्डियां मजबूत और लचीली हो इसके लिए उड़द का सेवन अवश्य करना चाहिए ।
कैल्सियम फास्फोरस और फेट प्राप्त करने के लिए अंकुरित उड़द या उड़द की दाल बनाकर भोजन में शामिल करें ।
उड़द में मौजूद वसा शरीर को बलशाली बनाती हैं और ठंड के मौसम में शरीर में गरमाहट पैदा करती हैं यही कारण है कि गर्भवती स्त्री, बुजुर्ग और बच्चों को ठंड के मौसम में उड़द के लड्डू बनाकर खिलाए जाते हैं।
उड़द में मौजूद फास्फोरस, केल्शियम और वहां हड्डियों का घनत्व बढ़ातें हैं जिससे दुबले-पतले लोगों का भी वजन बढ़ने लगता हैं।
• प्रोटीन का उत्तम स्त्रोत उड़द
उड़द में 24 प्रतिशत प्रोटीन पाया जाता हैं जो कि मनुष्य की दैनिक प्रोटीन जरुरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त है । प्रोटीन बढ़ते बच्चों के शारीरिक, और मानसिक विकास के लिए बहुत आवश्यक होता हैं।
इसी प्रकार प्रोटीन शरीर की क्षतिग्रस्त कोशिकाओं की मरम्मत कर उनका पुनर्निर्माण करता हैं ,उड़द के आटे में हरा मटर पीसकर मिला लें और इसे त्वचा पर दस मिनट लगाएं त्वचा चमकदार बन जाएगी ।
• आइसोल्यूसिन के फायदे
उड़द में एक महत्वपूर्ण एमिनो एसिड आइसोल्यूसिन बहुत प्रचुरता में मौजूद होता हैं। आधुनिक वैज्ञानिक शोधों के मुताबिक आइसोल्यूसिन रक्त शर्करा को नियंत्रित करता हैं जिससे मधुमेह नही होता हैं।
आइसोल्यूसिन हमारी टूटी हुई मांसपेशियों की बहुत तेजी से मरम्मत करता है।
आइसोल्यूसिन का एक महत्वपूर्ण गुण यह भी है कि यह शरीर में मोजूद यूरिया को पेशाब के माध्यम से बाहर निकालता हैं । अतः जिन्हें यूरिया साइकिल डिसआर्डर बीमारी हैं वे उड़द का सेवन आवश्यक रूप से करें।
• सेक्सुअल लाइफ में उड़द के फायदे
उड़द महिला और पुरुष दोनों की सेक्स लाइफ को बेहतर बनाती हैं, इसमें मौजूद विटामिन और मिनरल और वसा पुरुषों के वीर्य को गाढ़ा कर सहवास के समय को बढ़ाती
हैं ।
उड़द महिलाओं की कामेच्छा जागृत कर योनि में कसावट लाती हैं ।
जिन लोगों को उड़द से उपरोक्त लाभ प्राप्त करने की इच्छा है वे उड़द की दाल रात के भोजन में लें ।
• 9 नेचुरल सुपरफूड फार वेजाइनल हेल्थ
• निम्न रक्तचाप की समस्या में की समस्या में उड़द की दाल के फायदे
उड़द में मौजूद लवण, कैलोरी और वसा की उच्च मात्रा निम्न रक्तचाप की समस्या में शीघ्र राहत प्रदान करती हैं । यदि उड़द की दाल या अंकुरित उड़द को नियमित रूप से बाजरा की रोटी के साथ भोजन में शामिल किया जाए तो निम्न रक्तचाप बहुत जल्दी ही सामान्य हो जाता हैं ।
• बाजरा खाने के फायदे
• आंतों की सफाई करती है उड़द
आयुर्वेद मतानुसार उड़द भारी होने से पेट में जाकर आंतो में मौजूद रुके हुए अन्न को बाहर निकाल देती हैं । जिससे कब्ज,अपच और एसिडिटी जैसी समस्याओं में शीघ्र आराम मिलता हैं ।
• शीतल प्रकृति वालों के लिए उड़द की दाल के फायदे
जिन लोगों को बार बार सर्दी,खांसी होती हैं । जिनको अस्थमा की शिकायत है ऐसे लोगों को उड़द की दाल या उड़द से बने व्यंजन भोजन में शामिल करना चाहिए क्योंकि उड़द की प्रकृति गर्म होती हैं और यह रक्त को गर्म बनाए रखती है।
• उड़द की दाल रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती हैं
उड़द में मौजूद मैंगनीज शरीर के लिए बहुत आवश्यक माइक्रो न्यूट्रीएंट हैं, मैंगनीज लाल रक्त कोशिकाओं स्वस्थ रखता हैं। जिससे शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती हैं। उड़द की दाल को उबालकर इसमें अदरक का रस और नमक मिलाकर सुबह-शाम सेवन करें।
• नमक के फायदे और नुकसान
• खाली पेट अंकुरित उड़द दाल खाने के फायदे
उड़द में पाए जाने वाला विटामिन बी 1 या थाइमीन भोजन से ऊर्जा का निर्माण करता है अतः यदि खाली पेट अंकुरित उड़द का सेवन किया जाए और इसके बाद अन्य पदार्थ खाया जाए तो शरीर में फेट जमाव (fat deposit) नहीं होता हैं। जिससे ह्रदयरोग, मधुमेह, मोटापा जैसी lifestyle बीमारीयां नहीं होती हैं ।
• उड़द के लड्डू के फायदे
आयुर्वेद मतानुसार उड़द के लड्डू गर्म,भारी और बल प्रदान करने वाले होते हैं। ठंड के समय उड़द के लड्डू शरीर को शीघ्र ठंड से बचाकर गर्माहट, ऊर्जा और बल प्रदान करतें हैं । इनके सेवन से शरीर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और बुढ़ापा आने की रफ्तार धीमी पड़ती हैं ।
जो स्त्री पुरुष निरोगी संतान की चाह रखते हैं उन्हें चाहिए कि वे baby planning से एक माह पूर्व से ठंड के मौसम में उड़द के लड्डू का सेवन करें । क्योंकि इसमें मौजूद फोलिक एसिड गर्भावस्थ के प्रथम माह में शिशु के विकास के लिए आवश्यक माना जाता हैं ।
• चेहरे की झुर्रियों का इलाज उड़द से
उड़द में प्रचुरता से मौजूद नमी (moisture) चेहरे की झुर्रियों के लिए रामबाण उपाय हैं। और महंगे झुर्रियों मिटाने वाले क्रीमों के मुकाबले बहुत सस्ता उपाय हैं ।
यदि चेहरे पर झुर्रियां बहुत अधिक हो गई है तो उड़द के आटे में शहद, मुल्तानी मिट्टी और दूध मिलाकर चेहरे पर फेसपेक (facepack) की तरह पन्द्रह मिनट लगाकर चेहरा धो लें ।
गर्दन,कोहनी,और शरीर के अन्य जोड़ यदि काले हो गये हैं तो उड़द के आटे में हल्दी मिलाकर इन भागों पर मसाज करें ।
• बच्चों के लिए उड़द के आटे की मसाज
हमारे यहां बच्चें को नहलाने से पहले बहुत मंहगे मंहगे आइल लगाकर बच्चों की मालिश की जाती हैं लेकिन इन मंहगे आइल से मसाज के बाद भी बच्चा बहुत कमजोर ही रहता है । उड़द के आटे में नारियल तेल और पानी मिलाकर लोई बना लें,इस लोई से बच्चें की मसाज करें, बच्चा बहुत हष्ट-पुष्ट और बलवान हो जाएगा।
• उड़द से सिकाई
उड़द को पोटली में बांधकर तवे पर गर्म कर लें,इस गरम पोटली से दर्दयुक्त कंधों, जोड़ों,पीठ,आदि पर सिंचाई करने से बहुत शीघ्र आराम मिलता हैं क्योंकि उड़द में ऊर्जा को लम्बे समय तक रोककर रखने की प्रवृत्ति होती हैं ।
उड़द के ऐसे healthy फायदे जो lifestyle बना दे
उड़द के संबंध में आमजनों में व्याप्त भ्रांतियां
• उड़द की दाल बादी करती हैं - आमजनों में व्याप्त यह सबसे आम धारणा है कि उड़द की दाल खाने से बादी यानि इसके खाने के बाद पेटभारी, हाथ-पांव में दर्द होना होता हैं , वास्तव में यह पूरी तरह से ग़लत धारणा है उड़द की दाल बादी नहीं करती बल्कि उड़द को पकाने का ग़लत तरीका इसके लिए जिम्मेदार होता हैं ।
यदि उड़द के आटे से बने व्यंजन और उड़द की दाल बहुत अधिक तेल में पकाकर बनाये जातें हैं तो इसके पौषक तत्वों का मूल्य कम हो जाता हैं और फेट का मूल्य बढ़ जाता हैं फलस्वरूप इस तरह बनी उड़द की दाल या उड़द के अन्य व्यंजन शरीर को नुक़सान ही पहुंचायेंगे। अतः इस तरह की समस्या से बचने के लिए अंकुरित उड़द या उबली हुई उड़द की दाल का सेवन करें ।
उड़द की दाल के नुकसान
• क्या उड़द बवासीर या पाइल्स में खाना उचित होगा
बहुत से लोग उड़द की दाल खाने के बाद बवासीर या पाइल्स की समस्या बढ़ने की बात कहतें हैं उन लोगों को उड़द की प्रकृति को जान लेना चाहिए , उड़द गर्म प्रकृति और फेट युक्त होती हैं,अब यदि इसकी दाल कोई व्यक्ति मिर्च-मसाले के साथ खाएगा तो निश्चित ही बवासीर या पाइल्स की समस्या और बढ़ जाएगी, इसके बनिस्बत अंकुरित उड़द खाने से इतना नुक़सान नहीं होगा ।
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