आंख की पलकें क्यों फडकती हैं
भारत में यदि किसी की बांयी या दांयी आंख फडकती हैं, तो लोग इसे स्वास्थ संबंधित समस्या न मानकर इसे किसी होनें वाली घटना की शुभता अशुभता का अनुमान लगातें हैं ।
रीना दोपहर के काम निपटाकर अपने अपार्टमेंट की अन्य महिलाओं के साथ गपशप कर रहीं थी , बातचीत के दौरान ही रीना ने अपनी पड़ोसन को बताया की पिछले दो-तीन दिनों से उसकी दांयी आंख फडक रहीं हैं पता नहीं आंख में क्या समस्या हैं ?
इस पर रीना की पड़ोसन तपाक से बोल पड़ी
अरे ! रीना फिर तो तुम्हारे घर जरुर कोई मेहमान आने वाला है, दांयी आंख फड़कने का मतलब यही होता हैं ।
अब इत्तेफाक से उसी दिन रीना का भाई उससे मिलने आ जाता हैं ,अब तो रीना को भी यह विश्वास हो गया ,कि दांयी आंख फडकने का मतलब घर पर कोई मेहमान आना ही होता हैं ।
लेकिन जब बहुत दिन गुजर जाने के बाद भी रीना की दांयी आंख फड़कना बंद नहीं हुई तो रीना ने अपने पति को बताया कि बहुत दिनों से उसकी दांयी आंख फडक रहीं हैं , और अभी दो तीन दिनों से उसे आंख में दर्द भी हो रहा हैं ।
रीना के पति ने इस पर रीना को नेत्ररोग विशेषज्ञ से आंखें दिखाने का बोला तो रीना ने ही यह कहते हुए मना कर दिया कि दांयी आंख फड़कने का मतलब तो घर पर मेहमान आने का संकेत होता हैं ।
एक दिन रीना को रात के मोबाइल देखते समय आंखों में असहनीय दर्द हुआ और रीना को इमरजेंसी मेडिकल कंडीशन में अस्पताल में भर्ती करना पड़ा ,तब नेत्ररोग विशेषज्ञ ने बताया कि रीना की आंख की मांसपेशियां कठोर हो गई है और इसके लिए रीना को कुछ दिन अस्पताल में भर्ती करना पड़ेगा यदि दवाई गोली, इंजेक्शन के बाद भी रीना की स्थिति नहीं सुधरती है तो आंख का आपरेशन करना पड़ेगा ।
यदि आपकी स्थिति भी रीना जैसी है तो संभल जाएं और आंख फड़कने के कारण और प्रकार को जानकर तुरंत नेत्ररोग विशेषज्ञ से परामर्श करें ।
आंख फड़कने के कारण
1.आंखो में संक्रमण होना
यदि आंखों में संक्रमण हैं या conjunctivitis की समस्या है तो आंख फडक सकती हैं । क्योंकि आंखों की पलकें संक्रमण की वजह से प्रभावित होती हैं, आंखों का यह संक्रमण बैक्टेरिया या वायरस जनित भी हो सकता है। अक्सर बरसात के मौसम में जब conjunctivitis होता हैं,इस प्रकार आंखों के फड़कने की समस्या बहुत अधिक होती हैं ।
2.आंखों में एलर्जी होने पर आंख फड़कना
ऐसे लोग जिन्हें आंखों से संबंधित एलर्जी हैं,और एलर्जी की वजह से आंखों से पानी आ रहा हैं , खुजली चल रही हो तो आंखों की पलकों की प्रतिक्रिया के फलस्वरूप आंखों की पलकें फड़कना शुरू कर देती हैं ।
3.संतुलित खानपान का अभाव होने पर आंख फड़कना
जो लोग फास्टफूड ,पिज्जा,बर्गर,और साफ्टड्रिंक अधिक उपयोग करतें हैं उन्हें सूक्ष्म पोषक तत्त्वों जैसे मैग्नेशियम,केल्सियम, विटामिन डी, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स आदि की कमी हो जाती हैं जिससे आंखों की मांसपेशियां कमजोर हो जाती है और आंख फड़कने लग जाती हैं ।
4.शराब का इस्तेमाल
जो लोग बहुत अधिक मात्रा में शराब पीतें हैं ऐसे लोगों में अल्कोहल आंख के कार्निया को नुक़सान पहुंचाकर आंखों की देखने की क्षमता को प्रभावित करता हैं । जब आंख की देखने की क्षमता प्रभावित होती है तो आंखों की मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है जिसके कारण मांसपेशियां फडकती हैं ।
5.उत्तेजक पदार्थों का इस्तेमाल
कैफ़ीन,चाय,चरस,कोकिन जैसे उत्तेजक पदार्थों का सेवन करने से आंखों की मांसपेशियां फडकती हैं। लम्बे समय तक इन पदार्थों का सेवन करने वालों को आंख फड़कने की समस्या स्थाई हो जाती हैं। जिसका निदान आपरेशन से ही हो पाता है ।
6.ब्लेफराइटिस के कारण आंख फड़कना
यह एक तरह की मेडिकल कंडीशन हैं जिसमें आंखों की पलकों में सूजन आकर पपड़ी की तरह जम जाती हैं और दर्द होता हैं । यह स्थिति कुछ दिन बनी रहती हैं तो आंख फड़कने लगती हैं ।
7.नींद की कमी से आंख फड़कना
जो लोग प्रर्याप्त मात्रा में नहीं नहीं लेते हैं,या अनिद्रा की बीमारी से ग्रस्त है, ऐसे लोगों की आंखों की पलकें नींद पर्याप्त मात्रा में नहीं मिलने के कारण बहुत तेजी से फडकती हैं ।
8.मोबाइल,कम्प्यूटर,टीवी का अधिक इस्तेमाल
जो लोग मोबाइल,टीवी,कम्प्यूटर को अंधेरे कमरें में करते हैं उनको आंखों की मांसपेशियों पर बहुत अधिक दबाव पड़ता है फलस्वरूप आंखों की पलकें फड़कने लगती हैं ।
9.आंखों का सुखापन
आंखों में उपस्थित पतली परत जो कि आंखों में नमी बनाए रखने का काम करती हैं जब यह परत दवाओं के दुष्प्रभाव,कांटेक्ट लेंस,तनाव, चोंट,या आंखों के आपरेशन के बाद नष्ट हो जाती हैं तो आंखों में सूखापन बढ़ जाता हैं फलस्वरूप आंखों की पलकों की मांसपेशियां में रगडाहट पैदा होती हैं और पलकें फड़कने लगती हैं।
10.वेल्डिंग मशीन में बिना सुरक्षा उपकरण के काम करना
जो लोग बिना सुरक्षा उपकरण के वेल्डिंग मशीन के साथ काम करते हैं उन लोगों की आंखों की मांसपेशियों बार बार आंखों में तेज रोशनी जाने के कारण संकुचित हो जाती हो और जब आंखें सामान्य होने का प्रयास करती हैं तो बहुत तेज दर्द के साथ आंखों की पलकें फड़कती हैं ।
आंखों के फड़कने के प्रकार
1.हैमिफेशियल स्पाज्म
चेहरे के दोनों तरफ या एक तरफ की मांसपेशियों में दर्द होता हैं तो आंखों की पलकें भी इससे प्रभावित होती हैं और इस प्रकार की समस्या मांसपेशियों में दर्द समाप्त होने पर अपने आप ही समाप्त हो जाती हैं ।
2.Eylids myokemia
इसे बिनाइन आईलिड्स ट्विच भी कहते हैं, इसमें आंख की मांसपेशियां सिकुड़ जाती हैं फलस्वरूप आंखों की पलकें फड़कने लगती हैं। लेकिन इस प्रकार की आंखों का फड़कना कुछ ही देर तक होता हैं और यह इतना घातक भी नहीं होता हैं। यह बिना किसी दवाईयों के ठीक हो जाता हैं ।
3.बिनाइन एसेंशियल ब्लेफारोस्पाज्म
यह स्थिति बुजुर्गों में अधिक देखी जाती हैं, इसमें आंखों के आसपास की मांसपेशियां कठोर होकर फड़कने लगती हैं। स्थिति ज्यादा गंभीर होने पर पलकें नियंत्रित नहीं होती हैं और आंख बार बार बंद होती हैं ।
आंख का फड़कना कैसे रोकें
1.मोबाइल, कम्प्यूटर और टीवी कभी भी अंधेरे कमरें में नहीं चलायें ।
2.विटामीन ए युक्त आहार जैसे पपीता,गाजर,मूली आदि खानपान में सम्मिलित करें ।
3. यदि लम्बें समय से आंख फड़क रही है तो तुरंत नेत्ररोग विशेषज्ञ से परामर्श करें ।
4. कम्प्यूटर पर काम करते समय प्रत्येक बीस मिनट के अंतराल पर आंखो से संबंधित सूक्ष्म व्यायाम जिसमें बार बार दूर और पास देखना शामिल हैं, जरूर करें ।
5. हंसना चेहरे और आंखों से संबंधित बहुत उत्तम व्यायाम है अतः दिन में दो-तीन बार खिलखिलाकर हंसना चाहिए।
6.सप्ताह में एक दिन रात को सोते समय आंखों गाय का घी जरुर लगाएं ।
7.चश्मा सही नंबर और सही ग्लास वाला ही उपयोग करें।
8.धूप का चश्मा उत्तम क्वालिटी का ही प्रयोग करें।
9.आंखों में नमी बनाए रखने के लिए पानी पर्याप्त मात्रा में पीना चाहिए।
10.पलके फड़कने पर कोई भी नुकीली वस्तु पलकों पर नहीं लगांए,बल्कि बर्फ से पलकों पर हल्की हल्की मालिश करें।
11.पलके फड़कने पर खीरा या टमाटर भी आंखों की पलकों पर रख सकते हैं ।
13.आंखों की पलकें फड़कने पर किसी भी प्रकार की शराब, कैफ़ीन युक्त पदार्थ,चरस, कोकिन आदि का सेवन नहीं करें ।
14.आंखों में पानी के छींटें डालना हो तो साफ स्वच्छ पानी का ही प्रयोग करें ।
15.आंखे फड़कने पर आंखों की पलकें तेजी से बंद और खोलें ऐसा दो तीन मिनट तक कुछ कुछ अंतराल रखकर करें।
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