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नमक के फायदे और नुकसान

 नमक के फायदे और नुकसान

लेखक : डाक्टर पी.के.व्यास
         B.A.M.S.आयुर्वेद रत्न

नमक का नाम आते ही हमारे मन-मस्तिष्क में नमक के फायदे के बारें में विचार तैरने लगते हैं। यदि भोजन में नमक नहीं हो तो भोजन बेस्वाद और अस्वास्थ्यकर हो जाता है । हमारे देश की बहुत बड़ी आबादी नमक के फायदे के बारें में अनजान हैं, तो आईये जानतें हैं प्राचीन आयुर्वेद विज्ञानियों के अनुसार विभिन्न प्रकार के नमक के फायदे

नमक के फायदे
नमक के फायदे


सेन्धा नमक के फायदे sendha namak ke fayde

नमक के फायदे
सेंधानमक


आयुर्वेद ग्रंथों में सेन्धा नमक के बारे में लिखा है

रोचनंदीपनंह्रधंंचक्षुष्यमविदाहिच।त्रिदोषन्घंसमधुरंसैन्धवंलवणोत्तमम्।।


✓ सेंधानमक बहुत स्वादिष्ट होता है,यह भोजन के स्वाद को बढ़ाकर उसे रुचिकारक बना देता हैं ।


✓ सेंधानमक खानें से भूख खुलकर लगती हैं।


✓ भोजन के बाद सेंधानमक खानें से भोजन तुरंत पच जाता हैं ।


✓ सेंधानमक ह्रदयरोग में बहुत लाभदायक होता है। यदि टैकीकार्डिया है तो सेंधानमक भोजन में शामिल करें बहुत लाभ मिलेगा ।


✓ सेंधानमक ह्रदयरोग से बचाता है , इसके सेवन से HDL कोलेस्ट्रॉल,LDL कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड संतुलित रहता है ।


✓ सेंधानमक सेवन करने से आंखों का स्वास्थ उत्तम बना रहता है । नियमित सेंधानमक का सेवन करने से मोतियाबिंद नहीं होता है। यदि फलों पर सेंधानमक डालकर नियमित अंतराल पर सेवन किया जाए तो आंखों का लेंस बढ़ती उम्र के साथ कठोर नहीं होता है।


✓ सेंधानमक खानें से पेट में गैस, एसिडिटी, पेट दर्द की समस्या नहीं होती हैं । और भोजन का अच्छे से पाचन हो जाता है।


✓ सेंधानमक जोड़ों के दर्द, माइग्रेन का दर्द, गठिया और पसली के दर्द में अतिशीघ्र फ़ायदा देता है । इसके लिए सेंधानमक 25 प्रतिशत और बालू रेत 75 प्रतिशत को साथ मिलाकर एक पोटली बना लें और सुबह-शाम इस पोटली को तवे पर गर्म कर प्रभावित भाग की सिकाई करें ।


✓ एक चम्मच सेंधानमक और 250 मिलीलीटर सरसों का तेल मिलाकर गर्म करले इस तेल की मालिश छाती पर करने से निमोनिया, अस्थमा में राहत मिलती है और फेफड़े मजबूत बनते हैं ।


✓ नियमित रूप से सेंधानमक का सेवन करने से मोटापा नहीं होता है ।


✓ शरीर में खुजली, फोड़े फुन्सी हो तो सेंधानमक बहुत लाभदायक होता हैं। इसके लिए सेंधानमक और सरसों तेल मिलाकर प्रभावित भाग पर लगा भी सकते हैं और सेंधानमक भोजन के साथ मिलाकर भी ले सकते हैं ।


✓ आयुर्वेद मतानुसार सेंधानमक मधुर या मीठा होता हैं , इसका सेवन करने वाला व्यक्ति अधिक मेहनत करने पर भी थकता नहीं है ।


✓ सेंधानमक और निम्बू पानी में मिलाकर पीने से पथरी गल जाती हैं ।

✓ सेंधानमक को पोटली में बांधकर तवे पर गर्म करके नाक के आसपास सिकाई करने से साइनस में आराम मिलता हैं।


✓ जिन लोगों की नाक से सूंघने की क्षमता खत्म हो गई है वे आधा सैंधा नमक और आधा अजवाइन मिलाकर पोटली बना लें और इसे नाक से सूंघे। 


सेंधा नमक की प्रकृति

आयुर्वेद के अनुसार सेंधा नमक लवण होने के बावजूद शीतल प्रकृति का होता हैं जबकि अधिकांश लवण उष्ण प्रकृति के ही होते हैं। 

इस संबंध में लिखा है

लवणंसैन्धवंनोष्णमम्लमामलकंतथा।


समुद्री नमक के फायदे

सामुद्रकंसमधुरंसतिक्तंकटुपांशुजम्।रोचनंलवणंसर्वंपाकिस्नंस्यनिलापहम्।।


✓ समुद्री नमक भी सेंधानमक के समान भोजन का स्वाद बढ़ाने वाला होता हैं । 


✓ समुद्री नमक के सेवन करने से शरीर की वायु बाहर निकल जाती हैं अर्थात समुद्री नमक वात के प्रभाव को कम करता हैं ।


 ✓समुद्री नमक का  सेवन करने शरीर का रक्तचाप बढ़ता है ।


✓ समुद्री नमक शरीर की शुद्धि करने का काम करता है ,पंचकर्म चिकित्सा में इसके माध्यम से वमन (vomiting) कराया जाता हैं ।


✓ यह नमक तीखा होता हैं जिससे शरीर में मौजूद अतिरिक्त पानी शीघ्रता से बाहर निकल जाता हैं। यदि शरीर में सूजन हो तो समुद्री नमक का सेवन करवाने से शरीर का सूजन कम हो जाता हैं ।


✓ समुद्री नमक चोंट,मोंच और मांसपेशियों को ठीक करता हैं। यदि समुद्री नमक को पोटली में बांध कर गर्म कर लें और इसे प्रभावित भाग की सिकाई करें तो तुरंत आराम मिलता है ।


✓ समुद्री नमक में सभी आवश्यक खनिज तत्व जैसे सोडियम, पोटेशियम, मैग्नेशियम,आदि प्रचुरता से मिलते हैं जिससे यह बढ़ते बच्चों की सभी आवश्यकताओं की पूर्ति करता हैं ।


✓ समुद्री नमक के साथ शक्कर मिलाकर पीनें से यह शरीर में पानी की पूर्ति करता हैं ।


✓ समुद्री नमक की चिकित्सकीय मात्रा कैंसर, हाइपोथायरायडिज्म,त्वचा की समस्याओं जैसे खुजली, सफेद दाग आदि से तुरंत ही राहत प्रदान करती हैं ।


✓ समुद्री नमक शरीर की मेटाबॉलिज्म को सही रखता है ।


✓ समुद्री नमक का संतुलित इस्तेमाल ग्रंथियों से हार्मोन का सही स्त्रावण करवाता है। जिससे शरीर में हार्मोन असंतुलन नहीं होता हैं ।

संचर नमक के फायदे


सौक्ष्म्यादौष्ण्याल्घुत्वाच्चसौगन्ध्याच्चरुचिप्रदम।सौवर्च्चलंविबन्धन्घंहघमुद्धारशोधित।।


✓ संचर नमक प्रकृति से गर्म होता हैं जिससे यह शीत प्रकृति के लोगों के लिए लाभदायक है।

✓ मोटापा कम करने के लिए संचर नमक का सेवन करना चाहिए ।

✓ जिन लोगों का पेट सुबह पूरी तरह से साफ नहीं होता हैं उन्हें रात को सोते समय संचर नमक से बना भोजन करना चाहिए ।

✓ संचर नमक से बना भोजन करने से पेट का भारीपन समाप्त होता हैं, यदि भारी भोजन के साथ संचर नमक का सेवन किया जाए तो भोजन का भारीपन समाप्त हो जाता हैं ।

✓ संचर नमक ह्रदय की कार्यप्रणाली को सुधारकर धड़कन नियमित रखता है ।

✓ संचर नमक बहुत ही सूक्ष्म होता हैं जिससे यह शरीर द्वारा तुरंत अवशोषित हो जाता हैं ।

✓ संचर नमक भोजन के स्वाद को उत्तम बनाता हैं ।

✓ जिन लोगों का साइनस बढ़ जाता है उन्हें संचय नमक की पोटली बनाकर नाक के आसपास के भागों की सिकांई करनी चाहिए।

विड नमक के फायदे


तैक्ष्ण्यादौष्ण्याद्धयवायित्वाद्धीपनंशूलनाशनम्।ऊर्द्धच्जाधश्चवातानामानुलोम्यकरंविडम्।


• विड नमक भूख बढ़ाकर भोजन का पाचन शीघ्रता से करने में मदद करता हैं ।

• विड नमक मिले गर्म पानी को पांव पर डालने से पांव दर्द में आराम मिलता हैं और थकावट दूर होती हैं ।

• विड नमक एसिडिटी,पेटदर्द की समस्या में आराम देता है ।

• विड नमक भोजन के साथ मिलाकर खाने से सिरदर्द, कमरदर्द,पसली का दर्द आदि में आराम मिलता हैं ।


काला नमक के फायदे


सतिक्तकटुसक्षारंतीक्ष्णमुत्क्लेदिचौद्भिदम्।नकाललवणेगन्ध:सौवर्च्चलगुणाश्चते।।


 

• काला नमक शरीर को बल प्रदान कर मस्तिष्क को शक्तिशाली बनाता हैं ।

• काला नमक फेफड़ों के लिए लाभदायक होता हैं इसके सेवन से फेफड़ों में जमा बलगम बाहर निकल जाता हैं ।

• काला नमक लीवर की कार्यप्रणाली में सुधार लाकर पीलिया, हेपेटाइटिस,आदि से सुरक्षा प्रदान करता हैं ।

• काला नमक स्वादिष्ट और भोजन की पोष्टिकता को बढ़ाता है ।

• काला नमक शरीर में रक्त संचार को व्यवस्थित और नियमित रखता है ।

• काला नमक शरीर से अतिरिक्त वसा की मात्रा बाहर निकाल देता है ।

• काला नमक दिमाग की नसों को मजबूत बनाकर तनाव और अनिद्रा से बचाता है।


उद्भिद नमक के फायदे


• उद्भिद या खारा नमक कड़ुआ होता हैं जिसके कारण यह शरीर और रक्त की अशुद्धि बाहर निकाल देता है ।

• खारा नमक कैल्सियम की अधिकता वाला होकर हड्डीयों के लिए लाभदायक होता हैं । इसके सेवन से बच्चों की लम्बाई बढ़ती है ।


ज्यादा नमक खाने के नुकसान


एक तरफ नमक खाने के बहुत से फायदे वहीं दूसरी ओर अधिक नमक खाने से स्वास्थ्य संबंधी कई परेशानी पैदा हो सकती है जैसे

• अधिक नमक उच्च रक्तचाप का कारण बन सकता है।

• भोजन में अधिक नमक का इस्तेमाल मल्टीपल स्क्लेरोसिस नामक बीमारी का कारण बन सकता है, जिससे एकाग्रता, याददाश्त और चलने में परेशानी पैदा हो सकती है।

• अमेरिका की जार्जिया यूनिवर्सिटी में हुए एक शोध के अनुसार नमक का अधिक इस्तेमाल शरीर की कोशिकाओं को जल्दी जल्दी खत्म करता है जिससे मनुष्य समय से पहले बुढ़ा हो जाता है।

• हमारें शरीर में मौजूद अधिक नमक किडनी द्वारा शरीर से बाहर निकाल दिया जाता हैं किन्तु जरुरत से ज्यादा नमक किडनी की कार्यप्रणाली को कमजोर कर देता है, जिससे किडनी फेलियर होने की संभावना बढ़ जाती हैं।

FAQ

प्रश्न- नमक में आयोडीन क्यों मिलाया जाता हैं?

उत्तर- आयोडीन हमारे शरीर के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण सूक्ष्म पोषक तत्व हैं जिसकी मात्र 150 माइक्रोग्राम की मात्रा हमारे दिनभर की आवश्यकता के लिए पर्याप्त होती हैं अर्थात एक सुई की नोंक के बराबर आयोडीन हमें हमारी दैनिक जरूरतों के लिए आवश्यक होता हैं। 

यदि आयोडीन की कमी शरीर में हो जाती हैं तो घेंघा रोग हो जाता हैं साथ ही आयोडीन की कमी से अन्य शारीरिक समस्या जैसे गर्भपात, बच्चों का कम मानसिक विकास, पुरूषों में शुक्राणु की कमी आदि हो जाती हैं।

आयोडीन मुख्यतया समुद्री किनारों की मिट्टी और समुद्री उत्पादों में ही पाया जाता हैं। जहां समुद्री तट नहीं है वहां आयोडीन नहीं पाया जाता है फलस्वरूप समुद्री तट से दूर रहने वालों में आयोडीन की भारी कमी पाई जाती हैं। 

हमारें देश में कोई ऐसी वस्तु नहीं है जो आयोडीन से भरपूर हो अतः विकसित देशों के अनुभव के आधार पर भारत सरकार ने नमक में आयोडीन मिलाना शुरू किया,

नमक बिना किसी धर्म,जाति, सम्प्रदाय के भेदभाव के बिना प्रत्येक व्यक्ति द्वारा खाया जाता हैं और नमक में आयोडीन मिलानें से नमक के रंग, रुप और स्वाद में किसी प्रकार का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

अतः भारत सरकार ने सन् 1962 में "राष्ट्रीय घेंघा रोग नियंत्रण कार्यक्रम" के द्वारा नमक में आयोडीन मिलाकर घेंघा नियंत्रण का संकल्प लिया।

सन् 1992 में " राष्ट्रीय घेंघा रोग नियंत्रण कार्यक्रम" के स्थान पर " राष्ट्रीय आयोडीन अल्पता विकार नियंत्रण कार्यक्रम" बनाया गया जिसमें आयोडीन की कमी से होने वाले रोगों पर विस्तार से प्रकाश डाला गया।




[नोट::नमक का चिकित्सा के रुप में उपयोग वैद्यकीय परामर्श के बिना नहीं करें ]


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