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बलात्कार हुआ था अब आगे कैसी जिंदगी जीना है

 बलात्कार हुआ था अब आगे कैसी जिंदगी जीना है  


बलात्कार शब्द सुनते ही इस हादसे से पीड़ित महिला कांपने लगती हैं, किशोरीयों,बच्चीयों के लिए यह ऐसा जख्म होता हैं जिसे जब कूरेदा जाता हैं तब भय, एकाकीपन, बेइज्जती,और  समाज का कभी न खत्म होने वाला संदेह नामक मवाद ही बाहर निकलता है। और इसी कारण बलात्कार पीड़िता या तो समाज से पूरी तरह से कट जाती हैं या फिर आत्महत्या जैसा कदम भी उठा लेती हैं, लेकिन क्या एक हादसे के बाद जिंदगी खत्म मान लेना चाहिए ?
बलात्कार



अ,ब,स नामक एक बलात्कार पीड़िता हैं और इस ज़ख्म से उबरने का प्रयास कर रही हैं अब अ,ब,स, तमाम कांउसलिंग सेशन के बाद भी यह मानने को तैयार नहीं हैं कि वह भी सामान्य जीवन जी सकती हैं । 


यह कहानी हर बलात्कार पीड़िता के लिए सही है लेकिन क्या इस प्रकार  बलात्कार के बाद के जीवन को बर्बाद कर देना स्वयं, समाज,और राष्ट्र के दृष्टिकोण से उचित है ? नहीं ना तो आईए फिर से खड़े होकर जवाब देने की कोशिश करते हैं 

• आत्महत्या व्यक्तित्व का गंभीर नकारात्मक रुप


अब कहां जाऊं 


हर बलात्कार के बाद जब थोड़ा सा समय गुजरने लगता हैं,हर पीड़िता के मन में यही सवाल उठता हैं अब कहां जाऊं क्योंकि बलात्कार का ज़ख्म शारीरिक ज़ख्मों से बहुत आगे दिलों दिमाग को ज़ख्मी कर देता हैं । बलात्कार पीड़िता को दुनिया का हर कोना असुरक्षित महसूस होता हैं । 


उसे लगने लगता हैं कि जिस प्रकार कबाड़ का कोई मोल नहीं होता हैं अब वही स्थिति उसकी हो गई है । 


बलात्कार पीड़िता के इन विचारों को समझकर उस पर प्रतिक्रिया देना किसी के लिए भी बहुत ज्यादा मुश्किल काम होता हैं और ये मुश्किल तब ओर बड़ जाती हैं जब बलात्कारी बहुत निकटतम होता हैं लेकिन यदि हम ईमानदारी से बात करें तो पीड़िता को चाहिए कि वह पुरानी घटनाओं से बाहर निकलकर अपने सबसे निकटतम मां,बहन,भाभी के साथ जीवन की फिर से शुरुआत करें ।

पालतू जानवरों को अपने घर लेकर आएं ये मूक पशु बोलते तो नहीं है लेकिन जिन भावनाओं की कमी आप में हैं,उन भावनाओं की कमी कभी महसूस नहीं होने देंगे । 

• तनाव प्रबंधन के उपाय

दुनिया की परवाह छोड़ दें 


बलात्कार पीड़िता, बलात्कार के पहले चाहें दुनिया की परवाह नहीं करती थी, लेकिन बलात्कार के बाद सबसे ज्यादा दुनिया क्या कहेगी उन्हीं के मुंह से सुना जाता हैं ।


बलात्कार हुआ यह आपकी गलती नहीं है ,यह तो समाज की गलती है कि यह समाज अपने सदस्यों को इस लायक भी नहीं बना पाया कि एक महिला से किस तरह के संबंध रखने चाहिए।


बलात्कार के बाद समाज के लोग महिला के चरित्र, उसके कपड़े,और पुरुषों से उसके संबंधों को लेकर तरह-तरह की बातें करते हैं इन बातों में कोई दम नहीं होता हैं । 

आज दूध पीती बच्चीयों के साथ भी बलात्कार होता हैं क्या बलात्कार के पिछे उसका कपड़े पहनने का अंदाज जिम्मेदार था नहीं ना तो फिर आप समाज की बातों में आकर क्यों अपने आप को जिम्मेदार ठहरा रहीं हैं बल्कि आप को आगे आकर ऐसे लोगों को जवाब देना चाहिए ,आप ही को समाज को यह संदेश देना चाहिए कि औरत का कोई भी अंग प्रदर्शन किसी को भड़काने के लिए नहीं होता । बल्कि बलात्कारी की गंदी सोच ही बलात्कार के लिए उत्तरदायी होती हैं।

दुनिया की परवाह छोड़ अपने लिए जीना शुरू करें, हर वो किताब,हर वो कानून जानें जो महिलाओं के लिए है। और इन कानूनों को जानकर अपनी और अन्य महिलाओं की मदद करें ।


रोज बेहतर बनना होगा


हर दिन एक नया अवसर लेकर आता है उन अवसरों को पहचान कर आपको बेहतर बनना होगा। यदि आप अविवाहित हैं और पढ़ाई कर रहीं हैं तो अपनी पढ़ाई पूरी कीजिए। ऐसा करने से आप पुराने समय को भूलने लगेगी ।

यदि आप कामकाजी हैं तो कुछ अतिरिक्त हुनर सीखिए ये आपके कामकाज से संबंधित हुनर हो सकता है या कुछ अलग  हो सकता है ऐसा करने से आप समाज को यह संदेश देने में कामयाब हो जायेंगी कि आप पुराने समय को पीछे छोड़ चुकी हैं । और ऐसा करने से आप भी मानसिक रूप से मजबूत होंगी ।

अपने आप को जिम्मेदार ठहराने की बजाय थोड़ा सा सकारात्मक दृष्टिकोण से सोचें जो गलतीयां समाज ने आपके साथ की है उन गलतियों को समाज, राष्ट्र से सुधरवाने का प्रयास करें और इसके लिए सामाजिक संस्थाओं,गैर सरकारी संगठनों, मीडिया समूह, सामाजिक कार्यकर्ताओं की मदद लें ।


हर व्यक्ति गलत नहीं होगा


प्रायः देखा जाता हैं कि बलात्कार के बाद बलात्कार पीड़िता का व्यवहार हर व्यक्ति के प्रति बहुत रुखा और अभद्र हो जाता हैं इसके पीछे का कारण भी बहुत स्वाभाविक है , लेकिन इस रुखे और अभद्र व्यवहार के कारण महिला स्वयं तनाव, चिंता और अवसाद में चली जाती हैं । अतः आवश्यकता इस बात कि है हर व्यक्ति से ग़लत तरीके से पेश आनें के बजाय ,सही तरीके से बात की जाए ताकि स्वयं को चिंता, तनाव और अवसाद से दूर रखा जा सके ।


बलात्कार का भूत दांपत्य जीवन को न बिगाड़े


जो महिलाएं अविवाहित होती हैं और उनके जीवन में इस तरह की घटना हुई है और आगामी जीवन में वैवाहिक जीवन जीना चाहती हैं उनको चाहिए कि इस घटना के बारें में आप अपने होने वाले जीवनसाथी से विस्तारपूर्वक बात करें । इस घटना को उसी तरह से ट्रीट करें जैसे कोई दुर्घटना हो । बस उसके बाद उस घटना से अपना संबंध तोड़ लें, इससे आप अपना वैवाहिक जीवन सुखमय बना पाएंगी।


समानता से युक्त समाज बनाने का प्रयास करें


बलात्कार की उम्र तभी तक है जब तक समाज में लड़के और लड़कियों के बीच लिंग के आधार पर कार्यविभाजन हैं, सेना में अग्रिम मोर्चों पर महिलाएं तैनात नहीं होगी ये काम सिर्फ लड़कों के लिए आरक्षित हैं। लड़कियां घर और चूल्हा चोका संभालेगी । पुरुष बाहर कमाने जांएगे, यही जाब मिला तो ठीक वरना लड़कियों को घर से बाहर नहीं भेजेंगे। बस यही सोच बलात्कारी को बलात्कार के लिए उकसाती हैं । 

इस्राइल और दूसरे पश्चिमी देशों में आपने बलात्कार का नाम सुना शायद नहीं , क्योंकि इन देशों में लैंगिक भेदभाव किसी भी क्षेत्र में नहीं है । महिलाएं उतनी ही शिद्दत से अग्रिम मोर्चों पर हथियार चलाती हैं जितना कि पुरुष ।  

लैंगिक समानता के लिए प्रयास करना अब आपकी जिम्मेदारी है और ये शुरुआत आपको अपने जीवन से करनी है । अपने बच्चों में किसी भी प्रकार का लैंगिक भेदभाव नहीं रखें ।


महिलाएं पुरुषों की तरह कपड़े पहनकर न तो मजबूत बनेगी और ना ही पुरुषों की तरह बाल कटवाने से पुरुष सत्ता को चुनौती दे पायेगी, महिला  जब तक अपनी स्वतंत्र अस्मिता और बराबर का समाज बनाने के लिए प्रयास नहीं करेगी तब तक हवस में पागल भेड़िए उन्हें नोंचते रहेंगे ।


अश्लीलता आपकी नजरों में होती हैं, आपके विचारों में होती हैं , नहीं तो क्या कारण है कि एक अर्द्ध नग्न लड़का आपको कामुक नहीं लगेगा जबकि एक अर्द्ध नग्न लड़की आपको कामुक लगेगी ,इस स्थिति को सुधारने की जिम्मेदारी आपको ही लेनी पड़ेगी यह बहुत चुनौतीपूर्ण काम है लेकिन यह आपकों करना होगा। 

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