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प्रोस्टेट कैंसर क्या है। what is prostate cancer in hindi

प्रोस्टेट कैंसर क्या हैं। what is prostate Cancer in hindi

प्रोस्टेट कैंसर (prostate cancer) पुरूषों के प्रजनन तंत्र से सम्बधित बीमारी हैं.जो प्रोस्टेट ग्लेंड़ को प्रभावित करती हैं.यह बीमारी धीरें - धीरें बढ़ती हैं,और बढ़ती उम्र के साथ इसका खतरा अधिक बढ़ जाता हैं.

प्रोस्टेट कैंसर से सम्पूर्ण विश्व में मरने वालो का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा हैं.इसका अन्दाजा इस बात से लगा सकतें हैं,कि जितने भी प्रकार के कैंसर होते हैं उनमें प्रोस्टेट कैंसर का प्रतिशत लगभग 25 हैं.
प्रोस्टेट कैंसर
prostate cancer affected cells
         

प्रोस्टेट कैंसर के कारण :::


० टेस्टोस्टेराँन हार्मोंन का असंतुलित होना.


० शारिरिक गतिविविधियों में कमी.


० मोटापा.


० उच्च वसायुक्त खाद्य पदार्थों का लगातार सेवन


०  बीमारी का आनुवांशिक रूप से स्थानानंतरण.


० हार्मोंनल दवाईयों का अनियमित रूप से प्रयोग


० आक्सीटोसीन हार्मोंन युक्त दूध या माँस के लगातार प्रयोग से.


० तम्बाकू, शराब के सेवन से.


० डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों और लाल मांस का अत्यधिक सेवन.

प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण:::


० बार - बार पेशाब होनें के साथ तीव्र दर्द.


० खून मिश्रित पेशाब होना.


० पेशाब की धार या urine Flow का कम होना.


० पीठ के निचले हिस्सों में दर्द.


० हड्डीयों में कडापन आना जिससे शरीर थका,और चेहरा कांतिहीन लगता हैं.


० योन सुख का आनंद नहीं ले पाना.


० पैरों में सूजन होना


० भूख नहीं लगना



० वीर्य में खून आना

prostate Cancer का प्रबंधन :::


प्रोस्टेट कैंसर की पहचान शुरूआती स्तर पर हो जावें तो रेडियोथेरेपी,हार्मोंन थेरेपी(harmone therapy) द्धारा प्रभावी लाभ होता हैं,और बीमारी खत्म हो जाती हैं,किन्तु द्धितीय और तृतीय स्तर का कैंसर का उपचार करना असंभव सा हो जाता हैं.

इसलिये प्रत्येक व्यक्ति जो 45 उम्र पार कर रहा हैं,अपने स्वास्थ के प्रति सजगता बरतें और प्रोस्टेट कैंसर की जांच के लिए psa test या psa test full form prostate specific antigen test करवाते रहें.

• इम्यूनोथेरेपी कैंसर उपचार की नई तकनीक

• लेप्रोस्कोपिक सर्जरी बेस्ट होती हैं या ओपन सर्जरी


बीमारी की आनुवांशिकता होनें पर  व्यायाम और यौगिक क्रियाओं जैसे कपालभाँति, मण्डूकासन करतें रहना चाहियें. भोजन में ओमेगा 3 फेटीएसिड़, एन्टी आक्सीडेन्ट,विटामिन E, युक्त आहार और हरी पत्तियों वाली सब्जी का नियमित सेवन करें.इसके अलावा हमेशा सकारात्मक,प्रसन्न और शांत रहें.


मैदा, अधिक शक्कर,जंक फ़ूड और शराब से दूर रहें ।

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