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बाजरा खाने के फायदे [Benifit of bajra in hindi ]

बाजरा खाने के फायदे

बाजरे का परिचय :::


बाजरा मोटे अनाज के अन्तर्गत आता हैं.यह दिखनें में गोल रंग में हल्का सफेद होता हैं.भारत और दुनिया के अनेक देशों की यह प्रमुख खाद्य फसल हैं.जिसे मनुष्य और जानवर बड़े चाव से खातें हैं.बाजरा एक संतुलित आहार हैं.

बाजरा की पोषणीय महत्ता को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र की साधारण सभा ने सन् 2023 को "अन्तरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष"घोषित किया है । अन्तरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष घोषित करने का मुख्य उद्देश्य यही हैं कि आमजन बाजरा को अपने खाद्य सुरक्षा में शामिल करें ताकि बाजरे की खेती को प्रोत्साहन मिल सकें ।




अन्तरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष 2023
 बाजरा





बाजरे की प्रकृति :::


 बाजरा गर्म, स्वादिष्ट, नमकीन और पचनें में आसान होता हैं



बाजरे में पाए जाने वाले पौषक तत्व



प्रोटीन.  वसा     रेशा     फास्फोरस

  11.6gm.   5gm.     1.2gm.            296mg




पोटेशियम.       कैल्सियम.    मैग्निशियम

   307mg.                45 mg.                          137 mg




 सल्फर.            लोहा.             सोड़ियम. 

 147mg          8.0mg.          10.9 mg






 कापर.        जिंक.      मैगनीज. 

1.06 mg.           3.1 mg.           1.15 m





मालिब्ड़ेनम.       कैलोरी        कैरोटीन.  

 0.069 mg.                 361 kc.              13micro mg





थायमिन.    राइब्लोफ्लेविन.   नायसिन

0.33 mg.            0.25 mg.                       2.3 mg





फोलिक एसिड़

  14.7 mg.                              (प्रति100gm)






बाजरा के फायदे



:::  बाजरा भारत के कई हिस्सों जैसे राजस्थान,गुजरात ,मध्यप्रदेश हरियाणा आदि राज्यों में बड़े चाव से खाया जाता हैं.कई ज़गह ये खाद्य  पदार्थ से बढ़कर सांस्कृतिक,धार्मिक रिति रिवाज का अंग बन चुका हैं,जैसे राजस्थान में शादी,पारिवारिक आयोजनों में इसके बने व्यंजन ही कुल देवता को अर्पित कर आयोजन सम्पन्न होता हैं


बाजरा वसा का बहुत अच्छा स्रोंत हैं,अत: कुपोषण से ग्रस्त शिशुओं को बाजरे की थूली (porridge) बनाकर उसमें घी मिलाकर सेवन करवानें से कुपोषण मिट़ जाता हैं.

::: दूधारू पशुओं,भारवाही पशुओं के लिये बाजरा या इसकी चरी विशेष और महत्वपूर्ण हैं,क्योंकि इसके सेवन से दूधारू पशुओं को दूध अधिक उतरता है.वहीं भारवाही पशुओं को बल प्राप्त होता हैं.



 •गर्भवती स्त्रीयों को प्रसव पूर्व और प्रसव पश्चात इसका अवश्य सेवन करना चाहियें क्योंकि इसमें मोजूद आयरन,प्रोटीन, कैल्सियम, और फास्फोरस माँ और शिशु को खून,हड्डीयों की कमज़ोरी, और प्रोटीन की कमी से बचाता हैं.


::: यह रक्त को साफ करता हैं.इसमें उपस्थित सल्फर त्वचा संबधित समस्या जैसे फोड़े फुंसियाँ, और मुहाँसे को समाप्त कर देता हैं.


::: आँखों को स्वस्थ मज़बूत और सुड़ोल बनानें में बाजरा बहुत उपयोगी होता हैं.अत:अंकुरित बाजरा सुबह के नाश्ते में अवश्य शामिल करें.


::: बाजरे का आटा,जौ का आटा,चावल का आटा 4:3:1 में मिलाकर इसे गर्मीयों में पानी मिलाकर सेवन करनें से लू ( heat stroke) में बहुत आराम मिलता हैं.चाहे तो स्वादानुसार नमक शक्कर मिला सकते हैं.


:::  यदि हड्डीयों से संबधित समस्या हो तो बाजरा की रोटी दूध के साथ सेवन करें.


::: आपरेशन के पश्चात स्वास्थ लाभ ले रहे हो तो इसकी थूली (porridge) सम्पूर्ण आहार के रूप ली जा सकती हैं.


• बाजरे में पाए जाने वाला जिंक खनिज दस्त की रोकथाम करता है यदि दसरत लम्बे समय से बंद नहीं हो रहें हैं तो बाजरे की रोटी दही के साथ सेवन करें बहुत जल्दी दस्त बंद हो जाएंगे।

• जिन लोगों को टेकीकार्डिया यानि ह्रदय की धड़कन अनियमित हो ,ऐसा लगता हो कि ह्रदय बहुत तेजी से धड़क रहा हो तो ऐसे लोग  बाजरा का आटा और छाछ मिलाकर राबड़ी बना लें और सुबह शाम सेवन करें ।

• जिन लोगों को निम्न रक्तचाप की समस्या हो और सुबह उठते से ही चक्कर आते हो,उल्टी जैसा महसूस होता हो,ऐसे लोग रात के भोजन में बाजरा अवश्य शामिल करें। क्योंकि बाजरे में मौजूद उच्च पोटेशियम, सोडियम रक्तचाप सही रखने में मदद करता हैं ।

• बाजरा त्वचा को मुलायम और चमकदार बनाता हैं इसमें मौजूद सल्फर क्षतिग्रस्त कोशिकाओं की मरम्मत करता हैं । इसके लिए बाजरा के आटे का पेस्ट बनाकर चेहरे और शरीर पर लगाना चाहिए।

• बाजरे में पाए जाने वाला कापर या तांबा शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी करता हैं । बाजरे को अंकुरित कर सुबह के नाश्ते में शामिल करें,रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती हैं ।


• बाजरे में पाए जाने वाला मालिब्डैनम नामक सूक्ष्म पोषक तत्व मस्तिष्क के विकास के लिए बहुत आवश्यक होता हैं इसके कमी से मानसिक विकलांगता और आंखों के दोष उत्पन्न हो जातें हैं अतः बाजरा खाने से इन बीमारियो से बचाव होता हैं ।


• जो लोग कोमा में चले जाते हैं उनके लिए बाजरा बहुत ही उपयोगी माना जाता हैं क्योंकि इसमें मौजूद मालिब्डेनम मस्तिष्क को सक्रिय रखने का काम करता हैं । अतः बाजरे के आटे की राबड़ी बनाकर कोमा में चले गए व्यक्ति को पीलाने से आराम मिलता हैं।

• बाजरे में पाए जाने वाला जिंक मनुष्य की स्वाद और सूंघने की क्षमता को प्रभावित करता हैं, जिंक की कमी होनें पर मनुष्य को भोजन का स्वाद और सुगंध नहीं महसूस होती हैं। अतः बाजरे का सेवन करने से स्वाद और सूंघने की शक्ति बढ़ती हैं ‌।

• बाजरा में सोडियम बहुत ही उच्च मात्रा में मौजूद रहता है, यह सोडियम मांसपेशियों के स्वास्थ लिए एक उत्तम पदार्थ है जिसके सेवन से मांसपेशियों में खिंचाव की समस्या नहीं होती हैं। 

• सोडियम रक्त में खनिज और पानी का संतुलन बनाकर रखता है इसके लिए बाजरे की रोटी दूध के साथ सेवन करें।

• बाजरा ग्लूटेन फ्री होता हैं अतः ऐसे लोग जिन्हें ग्लूटेन से एलर्जी हो वह बाजरा का सेवन कर सकते हैं।

• बाजरा प्रोटीन से भरपूर होता हैं अतः कुपोषण से ग्रस्त बच्चों और महिलाओं को इसका सेवन करवाना चाहिए।

• वसा, कैल्शियम और आयरन का उत्तम स्त्रोत होने से बाजरा वज़न और शरीर की लम्बाई बढ़ाता हैं। राजस्थान में बाजरा बहुत अधिक खाया जाता है और आपने देखा होगा कि राजस्थान के लोगों की ऊंचाई और वजन भारत के अन्य राज्यों जहां बाजरा नहीं खाया जाता के मुकाबले अधिक होता हैं।


बाजरा खानें के नुकसान क्या हैं

• जिन लोगों को हाइपोथायरॉइडिज्म होता हैं उन्हें बाजरा नहीं खाना चाहिए क्योंकि बाजरा में गाइटरोजेनिक नामक तत्व होता हैं जो थाइराइड ग्लैंड को थाइराइड हार्मोन बनाने से रोकता हैं।

• जिन लोगों को पथरी हैं उन्हें भी बाजरा कम मात्रा में खाना चाहिए क्योंकि बाजरा कैल्शियम का बहुत अच्छा स्त्रोत है और अधिक कैल्शियम पथरी के आकार को बढ़ा देता हैं।

• बाजरा गर्म प्रकृति का होता हैं अतः ऐसे व्यक्ति जिनका पित्त बढ़ा हो उन्हें बाजरा सेवन गर्मियों में सावधानी पूर्वक करना चाहिए हो सकें तो दही,छाछ,मिश्री मिलाकर इसकी तासीर सामान्य कर लें।

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