स्पाइनल एवीएम क्या है
स्पाइनल एवीएम या spinal arteriovenous malformation (AVM) रीढ़ की हड्डी से संबंधित एक अति दुर्लभ बीमारी है जिसमें रीढ़ की हड्डी के आसपास नसों का गुच्छा बन जाता हैं । जब आक्सीजन युक्त खून धमनियों से होता रीढ़ की हड्डी के आसपास स्थित छोटी छोटी रक्त केशिकाओं (capillaries) में न जातें हुए सीधे नसों में चला जाता हैं तो capillaries आक्सीजन की कमी से रीढ़ के आसपास गुच्छा बना लेती हैं इसे ही चिकित्सकीय भाषा में
स्पाइनल एवीएम या spinal arteriovenous malformation (AVM) कहते हैं ।
इस बीमारी के कारण रीढ़ की हड्डी के आसपास स्थित ऊतक आक्सीजन के कारण फट जातें हैं और मरीज की मौत तक हो सकती हैं ।
स्पाइनल एवीएम के लक्षण
✓ रीढ़ की हड्डी के आसपास केन्द्रित दर्द
✓ पीठ में कांटे के समान चूभता हुआ दर्द
✓ पैरों में सुन्नपन
✓ पैरों बहुत ज्यादा कमजोरी आना
✓ बीमारी अधिक बढ़ने पर रोगी मल मूत्र त्यागने की इच्छा पर भी नियंत्रण नहीं रख पाता है ।
✓ बार बार बैहोश होना
✓ चक्कर आना
✓ पीठ दर्द के साथ रीढ़ की हड्डी में खिंचाव जो गर्दन तक जाता हैं
✓ रोगी की हालत दिन प्रतिदिन गिरती जाती हैं
✓ रीढ़ की हड्डी के आसपास सूजन आना
✓ पीठ के बल लेटने पर परेशानी दर्द बढ़ने लगता हैं
स्पाइनल एवीएम के प्रकार
1.टाइप -1 ड्यूरल अरटिरियोविनस फिस्टूला Dural Arteriovenous fistula
स्पाइनल एवीएम का यह सबसे प्रचलित रुप है जितनी भी स्पाइनल एवीएम के रूप पाए जाते हैं उनमें से 80 से 85 प्रतिशत मामलों में स्पाइनल एवीएम का यही प्रकार पाया जाता हैं । Dural Arteriovenous fistula रीढ़ की हड्डी के निचले भागों में होता हैं और अधिक उम्रदराज लोग इसके शिकार बनते हैं ।
2.टाइप - 2 इन्ट्रामेड्यूलरी एवीएम Intramedullary Arteriovenous malformation
इन्ट्रामेड्यूलरी एवीएम युवाओं में बहुत आम प्रकार का स्पाइनल एवीएम हैं जो कि रीढ़ की हड्डी के ऊपरी भाग में पाया जाता हैं ।
3.टाइप-3 जूवेनाइल एवीएम Juvenile Arteriovenous malformation
यह एक दुर्लभतम प्रकार का स्पाइनल एवीएम होता हैं जिसके बहुत कम मामले प्रकाश में आते हैं। टाइप 3 स्पाइनल एवीएम पूरी रीढ़ की हड्डी में कहीं भी हो सकता हैं ।
4.टाइप-4 पेरीमेड्यूलरी आरटीयोविनस फिस्टूला Perimedullary Arteriovenous fistula
यह भी बहुत दुर्लभतम प्रकार का स्पाइनल एवीएम होता हैं इसके भी तीन उप प्रकार होते हैं ।
• Sub Type-1
• Sub Type -2
• Sub Type-3
क्या स्पाइनल एवीएम का इलाज संभव है
आधुनिक चिकित्सा स्पाइनल एवीएम का संपूर्ण निदान करती हैं और इसके लिए तीन तरह के उपचार बहुत प्रभावी मानें जातें हैं।
1.एंडोवस्कुलर एम्बोलाइजेशन Endovascular Embolization
Endovascular Embolization या एंडोवस्कुलर एंबोलाइजेशन स्पाइनल एवीएम के उपचार की बहुत ही आधुनिकतम तकनीक है और यह तकनीक देश के सभी बड़े शहरों में उपलब्ध हैं ।
इस तकनीक में सबसे पहले एक नली या ट्यूब पैरों की धमनियों से रीढ़ की हड्डी तक पहुंचाई जाती हैं लेकिन इसके पहले high resolution MRI द्वारा या स्पाइनल एंजियोग्राफी द्वारा स्पाइनल एवीएम का सटीक अंदाजा लगाया जाता है ।
इसके बाद ट्यूब के माध्यम से गोंद जैसा पदार्थ स्पाइनल एवीएम प्रभावित भाग तक पहुंचाया जाता हैं जहां पहुंचकर यह गोंद जैसा पदार्थ रक्त के संपर्क में आते ही जम जाता है और केपेलरी से रक्तस्राव बंद हो जाता हैं ।
इस प्रक्रिया के उपरांत मरीज बहुत जल्दी स्वस्थ होता हैं और अपना सामान्य जीवन जीना शुरू कर देता हैं ।
2.आपरेशन
स्पाइनल एवीएम के निदान में आपरेशन अंतिम विकल्प के तौर पर आता हैं । इस प्रक्रिया में रीढ़ की हड्डी में बन गये केपेलरी और ऊतकों के गुच्छों को आपरेशन द्वारा बाहर निकाल दिया जाता हैं। कुछ दिनों का आराम अस्पताल में करना पड़ता है उसके बाद व्यक्ति घर जा सकता हैं ।
3.साइबरनाइफ रेडिएशन थेरेपी
साइबरनाइफ रेडिएशन थेरेपी भी उपचार की बहुत आधुनिकतम तकनीक है जो फर्स्ट स्टेज कैंसर को बहुत प्रभावी तरीके से रोकती हैं लेकिन स्पाइनल एवीएम में भी यह तकनीक उतनी ही प्रभावी मानी जाती हैं।
इस तकनीक में रोबोटिक्स के माध्यम से रेडिएशन की बीम प्रभावित जगह पर डाली जाती हैं रेडिएशन के संपर्क में आने से स्पाइनल एवीएम का गुच्छा धीरे धीरे गल जाता हैं ।और मरीज कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता हैं । साइबरनाइफ रेडिएशन थेरेपी देश के प्रमुख शहरों दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता,चैन्नई,गुरुग्राम,बेंगलुरु आदि शहरों में आसानी से उपलब्ध हैं।
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