बच्चा बहुत रोता है: पेटदर्द [colic] तो नही
जन्म के बाद बच्चे का जीवन रोने से ही शुरू होता हैं, किंतु उसके बाद बच्चा अपनी मां का सानिध्य पाकर 18 से 22 घंटे तक नींद में रहता है, जैसे जैसे बच्चें की उम्र बढ़ती है बच्चे की नींद कम होती जाती हैं और बच्चा मां की गोद में खेलने लगता हैं। उसे रोना तभी आता है ।
जब वह भूखा हो,या उसने सूसू पाॅटी की हो। इसके अतिरिक्त जब बच्चा बहुत अधिक रोता है तो इसे नजरअंदाज न करें , इसका कारण बच्चें का कालिक या पेटदर्द भी हो सकता हैं । लगभग 50 प्रतिशत नवजात पेट दर्द की समस्या से कभी न कभी ग्रसित होते ही है तो आईए जानते हैं बच्चें के पेटदर्द के बारें में
बच्चों में कालिक के लक्षण
[] बच्चा बहुत तेज रोता है और रोते रोते पैर सीधे तक ले जाकर हाथ भींचता हैं ।
[] बच्चें का पेट फूला हुआ होता हैं ।
[] रोते हुए गैस पास करता हैं ।
[] मां द्धारा दूध पीलाने के बाद भी रोना ।
[] रोते समय पैर आपस में रगड़ना।
[] रुक रूककर रोना ।
[] विशेषज्ञों के मुताबिक यदि छः माह का शिशु तीन घंटे से अधिक रोता है तो बच्चें को कुछ समस्या हो सकती है ।
[] जब बच्चा रोते रोते थकने लगता हैं और कुछ देर पुनः तेजी से रोना शुरू कर दें।
[] पेट पर हाथ लगाने पर बच्चा बहुत संवेदनशील होता हैं और रोना शुरू कर देता है ।
बच्चों में कालिक या पेटदर्द के प्रमुख कारण
[] जो बच्चें ब्रेस्ट फीडिंग या अपनी मां का स्तनपान के बजाय बाटल का दूध पीते हैं उनमें कालिक बहुत ही आम होता हैं । ऊपर का दूध पीने वाले प्रत्येक दस में से नो बच्चों में कालिक होता हैं ।
[] बच्चें अपनी मां द्वारा ग्रहण किए जाने वाले भोजन के प्रति बहुत संवेदनशील होते हैं यदि मां बहुत तीखा, बहुत मीठा या बहुत भारी भोजन करती हैं तो स्तनपान करने वाला शिशु कालिक से पीड़ित हो जाता हैं ।
[] बच्चा शांत वातावरण में गहरी नींद में सो रहा हैं और अचानक बहुत तेज आवाज आती हैं ,घर का कोई बर्तन गिर जाता हैं तो बच्चें में कालिक या पेटदर्द हो सकता हैं ।
[] मां के दूध के प्रति एलर्जी होने पर भी कालिक या पेटदर्द की समस्या हो सकती हैं ।
[] बहुत तेजी से या बहुत अधिक दूध पीने से भी बच्चें को पेट दर्द हो सकता हैं ।
[] बच्चें को स्तनपान के बाद कुछ देर कंधे पर लेकर डकार नहीं दिलाई जाए तो भी बच्चें को पेट दर्द हो सकता हैं ।
[] अचानक से बहुत तेज रोशनी मुंह पर आने पर भी बच्चें को डर की वजह से पेट दर्द हो सकता हैं ।
[] छः माह से कम उम्र के शिशु को शहद, पानी या ठोस आहार खिलाने से भी बच्चें को पेट दर्द हो सकता हैं ।
[] बच्चें को ग़लत तरीके से गोद में उठाने या गोद में उठाने के बाद तेजी से उछालने से भी बच्चें को पेट दर्द हो सकता है।
[] कभी कभी बच्चें को दी जा रही कुछ विशेष दवाईयों से भी पेटदर्द हो सकता हैं ।
[] कुछ बच्चों को नहलाने के दौरान अचानक से शरीर पर पानी डालने से भी पेटदर्द हो सकता हैं ।
[] बच्चों को स्तनपान कराने और उनके कपड़ों से संबंधित स्वच्छता का ध्यान नहीं दिया जाता हैं तो पेट में संक्रमण हो सकता हैं ।
[] नाभि के आस-पास पर्याप्त सफाई नहीं रखी जाती हैं तो भी बच्चें को पेट दर्द हो सकता हैं ।
[] कभी कभी टीकाकरण के बाद भी पेटदर्द की समस्या उभर जाती हैं ।
बच्चों का टीकाकरण चार्ट
[] बच्चा यदि किसी संक्रमित वस्तु को मुंह में लेकर चूसने लगता हैं तो भी पेटदर्द हो सकता हैं।
बच्चों को पेटदर्द होने पर क्या करें
[] बच्चें को पेट दर्द होने पर घरेलू उपाय अपनाकर दूर किया जा सकता हैं इसके लिए बच्चें की नाभि के आस-पास हींग पानी में पीसकर लगा दें ।
[] पेट दर्द होने पर बच्चे के पेट को हल्के हाथों से मालिश करें ।
[] स्तनपान के बाद बच्चें को कंधे पर लेकर कुछ देर तक हल्के हाथों से पीठ थपथपाना चाहिए ।
[] चिकित्सक के परामर्श से आवश्यक दवाई घर पर रखें ताकि रात में पेटदर्द हो तो आपको परेशान न होना पड़े ।
[] स्तनपान कराने वाली माताओं को अपना भोजन इस प्रकार रखना चाहिए कि बच्चे को तकलीफ़ नहीं उठानी पड़े।
[] किसी दवाई से बच्चें को एलर्जी है तो इस संबंध में चिकित्सक से सलाह अवश्य लें ।
[] बच्चों को सुलाने वाली जगह शांत और और उसके कपड़े स्वच्छ रखें ।
[] बच्चों को पेट दर्द होने पर भी स्तनपान अवश्य कराएं।
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