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यूरिया साइकिल डिसआर्डर (USD) : बच्चों में होने वाली दुर्लभ आनुवंशिक बीमारी

 यूरिया साइकिल डिसआर्डर (USD) क्या होता हैं 

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Urea cycle disorder


यूरिया साइकिल डिसआर्डर(USD) बच्चों से संबंधित एक आनुवंशिक बीमारी हैं जो 35 हजार बच्चों में से किसी एक बच्चें में होने की संभावना होती हैं। 

यूरिया साइकिल डिसआर्डर में बच्चों का शरीर प्रोटीन तोड़ने की प्रक्रिया में बचें हुए उप उत्पाद को पेशाब के माध्यम से शरीर के बाहर नहीं निकाला पाता है ।


यूरिया साइकिल डिसआर्डर बच्चों को माता पिता से स्थानांतरित होता हैं, जब माता या पिता दोनों में से किसी एक के खराब जिंस बच्चों में आ जाते हैं तो बच्चा इस बीमारी से ग्रस्त हो जाता हैं । 

जब बच्चें को प्रोटीनयुक्त भोजन दिया जाता हैं शरीर इस प्रोटीन को तोड़कर एमीनो एसिड में बदल देता हैं,इस एमीनो एसिड का इस्तेमाल शरीर आवश्यकता होने पर करता हैं और बचा हुआ उप उत्पाद शरीर से बाहर निकाल देता हैं इसे यूरिया साइकिल कहते हैं।

  जब आनुवंशिक कारण से बच्चें का लिवर ऐसे एंजाइम बनाना बंद कर देता है जो प्रोटीन को तोड़कर यूरिया बनातें हैं। और शरीर से बाहर निकालते हैं तो अमोनिया, नाइट्रोजन जैसे पदार्थ खून में इक्कठा होने लगते हैं । इसे ही यूरिया साइकिल डिसआर्डर कहते हैं । जिससे बच्चें का दिमाग, किडनी,लिवर आदि अंग क्षतिग्रस्त होने लगते हैं ।


यूरिया साइकिल डिसआर्डर के लक्षण


1.बच्चा बिल्कुल भी ध्यान केंद्रित नहीं कर रहा हो। 

2.हमेशा शांत और नींद में दिखाई देता हो ।

3.अधिक रोता हो।

4.बच्चें का शरीर नीला दिखाई देता हो। 

5.स्तनपान ठीक से नहीं करता हो।

6.कभी भी अचानक से बहुत तेज सांस चलने लगती हो और फिर धीरे धीरे कम हो जाती हो ।

7.उल्टीयां बहुत उपचार के बाद भी बंद नहीं हो रही हो।

8.बच्चें के शरीर का तापमान अचानक कम या ज्यादा होता हो।

• हाथ पांव ठंडे हो रहें हों तो सावधान हो जाएं कहीं ये बीमारी तो नहीं


9.अचानक से बच्चें को झटके आते हो और मुंह से झाग निकलना।


10.बच्चा बार बार बेहोश होता हो।


11.बच्चा कुपोषित दिखाई देता है।


12.इलाज के बाद भी दस्त बंद नहीं हो रहें हों।



यूरिया साइकिल डिसआर्डर का इलाज


यूरिया साइकिल डिसआर्डर बहुत देर से पकड़ आनें वाली बीमारी है , शुरुआती अवस्था में बीमारी की पहचान नहीं होने के कारण इस बीमारी से ग्रस्त दस में से 9 बच्चें काल के गाल में समा जाते हैं । जो एक बच्चा बचाया जाता हैं उसे भी आंशिक यूरिया साइकिल डिसआर्डर की समस्या होती हैं । अर्थात लिवर में एंजाइम तो बनता हैं किन्तु बहुत कम मात्रा में । अतः यूरिया साइकिल डिसआर्डर के लक्षण प्रकट होने पर तुरंत ही बच्चें का इलाज कराना चाहिए ।


यूरिया साइकिल डिसआर्डर में डाक्टर शरीर से अतिरिक्त यूरिया और नाइट्रोजन निकालने के लिए डायलिसिस का सहारा लेते हैं । लम्बे समय तक बच्चें के इलाज से यूरिया साइकिल डिसआर्डर को नियंत्रण में रखा जा सकता है ।


बच्चें को न्यूनतम प्रोटीन और उच्च कैलोरी वाला भोजन दिया जाता हैं ताकि बच्चें का सही शारीरिक विकास हो ।

शरीर से अमोनिया बाहर निकालने वाली औषधियां दी जाती हैं ।

एमीनो एसिड युक्त दवाई दी जाती हैं ताकि कोशिकाओं और शरीर के अंगों का सही विकास हो ।


यूरिया साइकिल डिसआर्डर का संपूर्ण इलाज लिवर ट्रांसप्लांट हैं जिसके द्वारा नया लिवर जो सही तरीके से यूरिया बाहर निकालने वाले एंजाइम बनाता हो बच्चें में स्थानांतरित कर दिया जाता हैं ।






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