दूध पीनें के फायदें और नुकसान
भारतीय संस्कृति और समाज में दूध इस तरह से रचा बसा हैं कि बिना दूध के किसी सांस्कृतिक या धार्मिक आयोजन की कल्पना करना भी असंभव हो जाता हैं । यहाँ तक की भारतीयों ने अंग्रेजों से विरासत में मिली चाय को भी दूधमय कर दिया हैं आज के सन्दर्भ में बिना दूध के चाय की कल्पना भी नहीं की जा सकती हैं ।
दूध का नाम लिया और गोपाल कृष्ण कन्हैया के नाम का जिक्र न हो तो लेख अधूरा सा लगता हैं कृष्ण भगवान जिनका बचपन ही गाय ,दूध और माखन के इर्दगिर्द घूमता हैं । दूध को सम्पूर्ण आहार माना गया हैं ।और भारत विश्व का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक राष्ट्र हैं ।
तो दूध पीनें के फायदे और नुकसान के बारें जाननें से पहले दूध के बारें में आवश्यक जानकारी के बारें में
गाय के दूध में पाए जानें वाले पौषक तत्व Nutritional value of cows milk
कार्बोहाइड्रेट ---------- 5.26 ग्राम
वसा -------------- 3.25 ग्राम
प्रोटीन ---------------- 3.22 ग्राम
विटामीन ए --------------- 28 iu
विटामीन B1---------------- 0.44 मिलीग्राम
विटामीन B2 ----------------- 0.183 मिलीग्राम
विटामीन D -------–----------- 40 IU
कैल्सियम ---------------------- 113 मिलीग्राम
मैग्निशियम ------------------- 10 मिलीग्राम
पोटेशियम -----------------------:143 मिलीग्राम
पानी --–---------------–---------- 88.32 ग्राम
(प्रति 100 मिलीग्राम)
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दूध पीने के फायदे और नुकसान |
भैंस के दूध में पाए जानें वालें पौषक तत्व Nutritional value of Buffalo milk
प्रोटीन ---------------- 3.5 ग्राम
कार्बोहाइड्रेट----------- 4.9 ग्राम
वसा (फेट)-------------- 6.0 ग्राम
सैचुरेटेड फैट----------3.8 ग्राम
पाली और मोनो सैचुरेटेड------------ 1.8 ग्राम
कोलेस्ट्राँल------------------ 17.0 मिलीग्राम
कैल्सियम -------------------- 0.15 ग्राम
विटामीन A -------------------- 90 mcg
विटामीन D ---------------------- 1.0 mcg
फास्फोरस ---------------------- .09 ग्राम
सोडियम ------------------------ .03 ग्राम
पोटेशियम ----------------------- 0.1 ग्राम
ऊर्जा ------------------------------ 85 Kcal.
( प्रति 100 मिलीग्राम )
दूध पीने के फायदे
मांसपेशियां मज़बूत बनती हैं
दूध में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन मौजूद रहता हैं जिससे शरीर की मांसपेशी मज़बूत बनती हैं । दूध पीनें वालें व्यक्ति की मांसपेशियां बहुत कम क्षतिग्रस्त होती हैं साथ ही क्षतिग्रस्त मांसपेशी बहुत शीघ्रता से जुडती हैं । प्रोटीन शरीर के क्षतिग्रस्त ऊतकों की मरम्मत और नयें ऊतकों के निर्माण का कार्य करता हैं ।
हड्डीयाँ मजबूत बनती हैं
दूध में मोजूद कैल्सियम, फास्फोरस और विटामीन D हड्डीयों के स्वास्थ्य को बनायें रखता हैं । प्रतिदिन 300 मिलीलीटर दूध पीनें वाले व्यक्ति को ओस्टियोपोरोसीस होनें की संभावना उन लोगों के मुकाबले जो दूध नहीं पीतें हैं के मुकाबलें 90 प्रतिशत कम होती हैं ।
दूध पीनें से चोंट के दौरान हड्डी फ्रेक्चर होनें की संभावना बहुत कम हो जाती हैं ।
The lancent journal में लिखे गये लेख के अनुसार नियमित दूध या दूध उत्पाद का सेवन रिकेट्स होनें की संभावना नगण्य कर देता हैं ।
दाँतों को मज़बूत बनाता हैं
दूध में मोजूद फास्फोरस और विटामीन D बच्चों एंव बड़ों के दाँतों को स्वस्थ और मजबूत बनाता हैं । दूध पीनें से समय से पहलें दाँत गिरनें की समस्या से निजात मिलती हैं। दाँतों पर प्लांक जमनें की समस्या से मुक्ति मिलती हैं ।
मस्तिष्क का सही विकास होता हैं
दूध पीनें से मस्तिष्क का सही विकास होता हैं । मां के दूध के बाद बच्चे के विकास के लिए गाय का दूध सर्वोत्तम माना जाता हैं , प्रतिदिन गाय का दूध पीनें से बच्चें का मस्तिष्क बहुत तेजी से विकसित होता हैं ।
दूध अवसाद से बचाता हैं
दूध में मौजूद पोटेशियम,सोडियम और कैल्सियम स्ट्रेस ब्रस्टर Stress burster का काम करतें हैं । अत:तनाव को दूर करनें के लिए रात को दूध का सेवन करना चाहिए ।
हाई फेट high fat दूध वजन बढ़ाता हैं
दुबले पतले व्यक्ति यदि वज़न बढानें की कोशिश कर रहें हैं तो उन्हें प्रतिदिन मलाईयुक्त दूध का सेवन करना चाहिए ।
खिलाड़ियों के लिए दूध के फायदें
खेलों की दुनिया में नाम चाहनें वाले खिलाड़ी जो विगन vegan हैं उनके लिए दूध किसी वरदान से कम नहीं हैं । ऐसें खिलाड़ी यदि प्रतिदिन दूध का सेवन करतें हैं तो खेलों में बहुत शीघ्रता से नाम रोशन करतें हैं ।
आंखों के लिए दूध के फायदें
दूध में मौजूद विटामीन ए आंखो के स्वास्थ को उत्तम बनाए रखता हैं । प्रतिदिन दूध के सेवन से आंखो में चश्मा नहीं लगता हैं,मोतियाबिंद होनें की संभावना कम हो जाती हैं ।
समय समय पर आँखों में दूध से निकली मलाई का अंजन करनें से मोबाइल,कम्प्यूटर से निकलनें वाली रोशनी से आँखें सुरक्षित रहती हैं । और Digital eye strain की समस्या नहीं होती हैं ।
दूध वजन नियत्रिंत करता हैं
स्किम्ड दूध जिसमें वसा की मात्रा 0.3 प्रतिशत होती हैं का सेवन वज़न नियंत्रित करता हैं । प्रतिदिन दो गिलास स्किम्ड मिल्क का सेवन करनें से मेटाबॉलिज्म रेट बढ़ जाती हैं और इस तरह शरीर से अतिरिक्त वसा ऊर्जा के रूप में बाहर निकल जाती हैं ।
गर्भावस्था में दूध पीनें के फायदे
गर्भवती महिलाओं के लिए दूध पीना सम्पूर्ण आहार माना जाता है दूध के सेवन से माता और गर्भस्थ शिशु का सम्पूर्ण विकास होता हैं ।
गर्भावस्था के दौरान दूध का सेवन करनें वाली महिलाओं के बच्चें कम रोने वाले,कम चिड़चिड़े और बहुत खुशमिजाज होते हैं ।
गर्भावस्था में दूध पीना अन्य खाद्य पदार्थों की तुलना में बहुत फायदेमंद होता हैं क्योंकि दूध बहुत जल्दी पच जाता हैं जबकि दूसरे खाद्य पदार्थ बहुत देर से पचते हैं इस कारण स्त्री को बदहजमी, उल्टी, सिरदर्द जैसी समस्या नहीं होती हैं ।
कामोत्तेजना बढ़ाने में दूध के फायदे
भैंस का दूध पीनें से स्त्री और पुरुष दोनों की कामोत्तेजना बढ़ती हैं । यदि रात को सोने से एक घंटे पहले एक गिलास दूध स्त्री और पुरूष दोनों पीना शुरू कर दें तो कामोत्तेजना में उल्लेखनीय सुधार आता है ।
पुरूष जल्दी स्खलित हो रहें हो तो भैंस के दूध में समान मात्रा में पानी मिलाकर पीना चाहिए ।
दूध पीनें से पुरुष के शुक्राणु की गति बढ़ती है जबकि स्त्री के अंडाणु स्वस्थ बनते हैं ।
दूध पीनें से त्वचा कोमल होती हैं
दूध में मौजूद केसिन नामक प्रोटीन त्वचा की मृत कोशिकाओं की मरम्मत कर नई कोशिका का निर्माण करनें में मदद करता हैं । यदि प्रतिदिन एक गिलास दूध खाली पेट पीया जावें तो चेहरें की त्वचा चमकीली और तंदुरुस्त रहती हैं ।
दूध में पानी मिलाकर दूध पीनें के फायदे
दूध का औसत Ph value 6 से 7.50 के बीच होता हैं जो अम्लीय होता हैं पानी का ph value 7 से 8 के बीच होता हैं। जो कि उदासीन से लेकर हल्का क्षारीय होता हैं । यदि हम दूध में उसके भार के मान से 25 प्रतिशत पानी मिलाकर पीतें हैं तो यह मिश्रण हमारें रक्त के ph value के बराबर हो जाता हैं । इस तरह दूध और पानी मिलाकर पीनें से रक्त के सभी अवयव जैसें RBC,WBC आदि अपनें स्वस्थ और नियत अनुपात में बनें रहतें हैं ।
बालों के लिए दूध पीनें के फायदे
दूध में मौजूद प्रोटीन और कैल्सियम बालों को झड़नें से रोकतें हैं । रोज एक गिलास दूध के सेवन से बाल झड़नें और दोमुंहे होनें जैसी समस्या नहीं पैदा होती हैं ।
आपरेशन होनें के बाद दूध पीनें के फायदें
आपरेशन या सर्जरी होनें के बाद प्रतिदिन 300 मिलीलीटर गाय का दूध या डबल टोंड दूध नियमित रूप से पीनें से आपरेशन या सर्जरी के बाद रिकवरी बहुत तीव्र गति से होती हैं और व्यक्ति हास्पिटल से जल्दी डिस्चार्ज होता हैं ।
महिलाओं के स्तनों का सही विकास होता हैं
जिन महिलाओं के स्तन पूरी तरह विकसित नहीं हो पा रहें हैं ऐसी महिलाओं को नियमित रूप से भैंस का दूध सेवन करना चाहिए क्योंकि दूध में मौजूद कैल्सियम स्तन ग्रंथि को विकसित करनें में मदद करता हैं ।
दूध पीनें से कुपोषण समाप्त होता हैं
दूध में अश्वगंधा, शतावर जैसी औषधियाँ मिलाकर कुपोषित बच्चों को दूध पीलानें से कुपोषित बच्चा अतिशीघ्र सामान्य बच्चों के समान वज़न वाला हो जाता हैं ।
दूध पीनें से पाचन तंत्र सुधरता हैं
दूध में मौजूद लैक्टिक एसिड़ पाचन तंत्र को सही करता हैं । यदि किसी व्यक्ति को भोजन नहीं पच रहा हैं तो भोजन की मात्रा आधी कर आधी मात्रा दूध की रखें या रोटी दूध के साथ मिलाकर खायें ऐसा करनें से पेट से पर्याप्त मात्रा में पाचक रस स्त्रावित होना शुरू हो जाता हैं ।
दूध पीनें से कैंसर नहीं होता हैं
दूध में मौजूद विटामीन और खनिज लवण शरीर में कैंसर कोशिकाओं को विकसित होनें से रोकतें हैं । यदि प्रतिदिन गाय के दूध में हल्दी मिलाकर हल्दीवाला दूध सेवन किया जावें तो कैंसर होनें की संभावना नगण्य हो जाती हैं।
एक तथ्य यह भी हैं कि कैंसर कोशिकाओं की प्रकृति क्षारीय होती हैं जबकि दूध अम्लीय होता हैं जिससे कैंसर कोशिकाओं का विकास बाधित होता हैं ।
रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ानें में दूध के फायदें
गाय के दूध में पाया जानें वाला पीलापन इसमें मौजूद कैरोटीन के कारण होता हैं यह कैरोटीन युक्त दूध पीनें से मनुष्य की रोगप्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी होती हैं ।
दूध पीनें से लम्बाई बढ़ती हैं
ऊँटनी के दूध में कैल्सियम की मात्रा गाय और भैंस के दूध की अपेक्षा बहुत अधिक होती हैं। ऊँटनी के दूध में मौजूद कैल्सियम हड्डीयों का विकास बहुत तेजी से करता हैं जिससे लम्बाई बढ़ती हैं । अत:लम्बाई बढ़ाने के इच्छुक व्यक्ति को ऊँटनी का दूध अवश्य पीना चाहियें ।
दूध पीनें से पागल आदमी ठीक हो सकता हैं
गधी का दूध अत्यंत शीतल प्रकृति का होता हैं इस दूध को यदि पागल आदमी को पिलाया जाए तो उसका दिमाग बहुत जल्दी ठीक होता हैं ।
श्वास और टीबी में दूध के फायदें
बकरी और भेड़ का दूध औषधीय गुणों से संपन्न होता हैं यह दूध यदि श्वास रोगीयों और टीबी ग्रस्त रोगीयों को पिलानें से उनकी बीमारी ठीक हो जाती हैं।
दूध प्राकृतिक टीकाकरण का काम करता हैं
गाय,भैंस,बकरी,ऊँट,और भेड़ के बच्चा पैदा होनें से पाँच दिन तक निकला दूध पीनें से शरीर का प्राकृतिक टीकाकरण हो जाता हैं ऐसा दूध सभी बीमारीयों के विरूद्ध शरीर में एँटीबाडी बनाता हैं ।
दूध पीनें से माहवारी नियमित होती हैं
दूध में मोजूद प्रोटीन और कैल्सियम गर्भाशय की आंतरिक दीवारों की कोशिकाओं की मरम्मत कर अत्यधिक रक्तस्त्राव को नियंत्रित करता हैं । यदि प्रतिदिन सुबह शाम एक गिलास दूध महिलाएं सेवन करें तो माहवारी नियमित होकर अधिक रक्तस्राव की समस्या से निजात मिलती हैं।
दूध कितने प्रकार के होतें हैं Types of milk in hindi
स्किम्ड मिल्क क्या होता हैं what is skimmed milk in hindi
जब संपूर्ण दूध में से फैट या वसा को निकाल लिया जाता हैं तो इस प्रकार के दूध को स्किम्ड मिल्क कहतें हैं । स्किम्ड मिल्क में वसा का स्तर 0.3 प्रतिशत होता हैं । जबकि प्रोटीन 10 ग्राम होता हैं ।
टोंड और डबल टोंड मिल्क क्या होता हैं what is tond And Double tond milk in hindi
जब सम्पूर्ण दूध में से वसा को एक बार निकाला जाता हैं तो यह टोंड मिल्क कहलाता हैं जबकि दो बार वसा निकालनें पर यह डबल टोंड मिल्क कहलाता हैं । टोंड मिस्क में वसा 3 प्रतिशत होता हैं वही डबल टोंड मिल्क में वसा 1.5 प्रतिशत रहता हैं ।
स्टेण्डर्ड मिल्क क्या होता हैं standard milk
सम्पूर्ण दूध में से वसा की मात्रा निकालकर इसे 4.5 प्रतिशत के स्तर पर लाकर इसे पीनें लायक बनाया जाता हैं ।
फिल्ड मिल्क क्या होता हैं
सम्पूर्ण दूध में से वसा निकालकर उसके स्थान पर वनस्पति वसा मिलाई जाती हैं ।
रि कम्बाइन्ड मिल्क what is Recombined milk in hindi
बटर आइल, स्किम्ड मिल्क और पानी मिलाकर जो दूध बनाया जाता हैं उसे रिकम्बाइण्ड मिल्क कहतें हैं ।
रिकन्स्ट्यूट मिल्क what is Reconsitute milk in hindi
जब दूध पावडर को पानी में मिलाकर दूध बनाया जाता हैं तो इसे रिकन्स्ट्यूट मिल्क कहतें हैं ।
आयुर्वेद अनुसार दूध पीनें के फायदे benefit of drinking milk according to expert of Ayurveda
अत:क्षीराणिवक्षयन्तेकर्मचैषांगुणाश्चये।अविक्षीरमजाक्षीरंगोक्षीरंमाहिषंचयत्।।उष्ट्रीणामथनागीनांवडवाया:स्त्रियास्तथा।प्रायशोममधुरंस्त्रिग्धंशीतंस्तन्यंपय:स्मृतम्।।प्रीणनंबृंहणंवृष्यंमेध्यंबल्यंमनस्करम् ।जीवनीयंश्रमहरंश्वासकासनिबहर्णम्।।हन्तिशोणितपित्तश्चजसन्धानंविहतस्यच।सर्वप्राणभृतांसात्म्यंशमनंशोधनंतथा।।तृष्णान्घंदीपनीयंचश्रेष्ठक्षीणक्षतेषुच।पाण्डुरोगेम्लपित्तेचशोषेगुल्मेतथोदरे।।अतीसारज्वरेदाहेश्चयथौचविधीयते।।योनिशुक्रप्रदोषेषुमूत्रेष्वप्रसरेषुच।।पुरीषेग्रथितेपथ्यंवातपित्तविकारिणाम्।।नस्यालेपावगाहेषुवमनास्थापनेषुच।।विरेचनेस्नेहनेचपय:सर्वत्रयुज्यते।यथाक्रमंक्षीरगुणानैकैकस्यपृथक्।।अन्नपानादिकेध्यायेभूयोवक्ष्याम्यशेषत:
आयुर्वेद मतानुसार भेड़,बकरी,गाय,भैंस,ऊँटनी,हथनी,घोड़ी, स्त्री इनका दूध शीतल ,मीठा,चिकना,मांसवर्धक,वीर्यवर्धक, बुद्धि वर्धक, बलवर्धक श्वास और कास का नाश करनें वाला ,टूटे स्थान को जोड़नें वाला,रक्त को शुद्ध करनें वाला,तृष्णा का नाश करनें वाला होता हैं ।
पाण्डुरोग,अम्लपित्त,शोध,गुल्म,उदररोग,अतिसार, ज्वर,दाह,सूजन,योनि दोष,शुक्रदोष,मूत्ररोग,में दूध का सेवन करवाना चाहिए। दूध का सेवन करनें से वात और पित्त रोगों का शमन होता हैं ।
चरक संहिता में लिखा हैं
उपवासाध्वभारस्त्रीमारूतातपकम्मभि:।क्लान्तानामनुपानाथर्पय:पथ्यंयथामृतम्।।
अर्थात उपवास में,बहुत थके हुये व्यक्ति, स्त्री के साथ संभोग के बाद,अन्य कामों की अधिकता से शारीरिक मानसिक रूप से थके व्यक्तियों के लिए दूध अमृत के समान लाभकारी होता हैं
दूध पीनें के नुकसान
यघपि दूध पीनें के असंख्य फायदें हैं लेकिन इसके कुछ नुकसान भी हैं जैसें
० दूध में मौजूद लैक्टोज से कई लोगों को एलर्जी की समस्या होती हैं अत:ऐसे लोग जिन्हें दूध पीनें के बाद एलर्जी की समस्या हो उन्हें दूध पीनें से पहलें चिकितकीय परामर्श अवश्य कर लेना चाहिए ।
० दूध पीनें के बाद कुछ लोगों को पेटदर्द, उल्टी और दस्त की समस्या पैदा होती हैं ऐसे लोगों को दूध नहीं पीना चाहिए ।
० कच्चा दूध किसी भी हालत में नहीं पीना चाहियें क्योंकि ऐसे दूध में अंसख्य हानिकारक बैक्टीरिया मौजूद रहतें हैं जो मनुष्य को बीमार कर सकतें हैं ।
० उच्च रक्तचाप, ह्रदयरोग में दूध चिकित्सकीय सलाहनुसार ही पीना चाहिए ।
० दवाई गोली के साथ दूध तभी लेना चाहिए जब चिकित्सक ने ऐसा करनें की सलाह दी हो यदि अपनें मन से दवाई के साथ दूध ले लिया जाए तो इसके गंभीर परिणाम हो सकतें हैं ।
० एक साथ उतना ही दूध पीना चाहिए जितना शरीर की बचानें की क्षमता हो यदि एकसाथ अधिक दूध पी लिया तो दस्त,पेट में मरोड़,उल्टी जैसी समस्या हो सकती हैं ।
० आयुर्वेद मतानुसार दूध शीतल गुण वाला होता हैं अत:जिन लोगों की प्रकृति शीत गुणों वाली हो उन्हें दूध पीनें से पहले वैधकीय परामर्श अवश्य प्राप्त कर लेना चाहिए ।
दूध में हल्दी मिलाकर पीने के फायदे
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दूध मे हल्दी |
आजकल दूध में हल्दी मिलाकर पीने का विशेषज्ञ सुझाव दे रहें हैं । दूध में हल्दी मिलाकर पीने के अनगिनित फायदे हैं और इसके फायदे को देखते हुये आजकल हल्दी वाले दूध को "Golden milk " कहा जानें लगा हैं तो आईयें जानतें हैं दूध में हल्दी मिलाकर दूध पीने के फायदें Dudh pene ke fayde
० हल्दी वाला दूध कैंसर होनें की संभावना समाप्त कर शरीर में मौजूद कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता हैं ।
० हल्दी मिला हुआ दूध शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाकर शरीर को रोगों से बचाता हैं ।
० हल्दी मिला हुआ दूध श्वसन तंत्र की सूजन कम करता हैं जिससे अस्थमा, खाँसी,और एलर्जी की बीमारी में आराम मिलता हैं ।
० हल्दी मिला दूध त्वचा रोगों की उत्तम औषधि हैं नियमित रूप से हल्दी मिले दूध का सेवन करनें से खुजली,फंगल इंफेक्शन, त्वचा में पित्ती उछलना आदि बीमारीयों में आराम देता हैं ।
० हल्दी मिला दूध पीनें से मधुमेह होनें की संभावना समाप्त होती हैं और यदि मधुमेह हैं तो नियत्रिंत रहती हैं ।
० हल्दी मिला दूध फैटी लिवर की समस्या में आराम दिलाता हैं ।
० हल्दी मिला दूध पीने से टाइफाइड़ की बीमारी बहुत जल्दी समाप्त हो जाती हैं । इसके लिए एक गिलास गुनगुने दूध में एक चम्मच हल्दी मिलाकर रात को सोने से तीन घंटें पहले पीना चाहिए ।
चरक संहिता अनुसार विभिन्न पशुओं के दूध के फायदे
चरक संहिता में विभिन्न प्रकार के पशुओं के दूध का बहुत विस्तृत वर्णन किया गया हैं ,आईयें जानतें हैं इसके बारें में
भैंस का दूध
महिषीणांगुरूतरंगव्याच्छीततरंपय:।स्न्नेहन्यूनमनमनिद्रायहितमत्यग्नयेचतत्।।
उपरोक्त श्लोक के अनुसार महिष अर्थात भैंस का दूध पीनें पर पेट के लिए भारी,भैंस के दूध में स्नेह या चिकनाई अधिक होती हैं। भैंस का दूध शीतल गुण वाला होता हैं । जिन लोगों को नींद नहीं आती उन्हें भैंस का दूध सोनें से पहले पीना चाहियें । इसी प्रकार बलवान होनें की चाह रखनें वालों को भैंस का दूध सेवन करना चाहिए।
बकरी का दूध
छागंकषायमधुरंषीतंग्राहिपयोलघु।रक्तपित्तातिसारघ्नंक्षयकासज्वरापहम्।।
बकरी का दूध स्वाद में कसैला,मीठा,और पेट के लिए हल्का और पचने में आसानी वाला होता हैं। यह दूध त्वचा संबधित बीमारीयों को समाप्त करता हैं । बकरी का दूध पीनें से दस्त,खाँसी,बुखार दूर होकर फेफड़े मज़बूत बनते हैं ।
गाय का दूध
स्वादुशीतंमृदुस्निग्धंवहलंश्लक्ष्णपिच्छिलम्।गुरूमन्दंप्रसन्नच्चगव्यंदशगुणंपय:।।तदेवंगुणमेवौज:सामान्यादभिवर्द्धयेत।प्रवरंजीवनीयानांक्षीरमुक्तंरसायनम्।।
गाय का दूध सभी दूधों में सर्वोत्तम होता हैं,गाय का दूध स्वादिष्ट, हल्का चिकना,पेट के लिए हल्का,ठंडा, और तेज बढ़ानें वाला होता हैं ।
गाय का दूध उत्तम रसायन होता हैं जिसके सेवन से बल,बुद्धि,तेज,आयु,और शुक्र धातु बढ़ती हैं ।
• गाय स्वास्थ कृषि और पर्यावरण
उंटनी का दूध
रूक्षोष्णंक्षीरमुष्ट्रीणामीषत्सलवणंलघु।शस्तंवातकफानाहक्रिमिशोफोदराशर्साम्।।
उंटनी का दूध स्वाद में नमकीन,प्रकृति में गर्म और पेट के लिए हल्का होता हैं,उंटनी का दूध पीनें से मोटापा नहीं होता हैं,पेट संबधित समस्याओं में आराम मिलता हैं। और कैल्सियम का प्रचुर स्त्रोत होनें से मनुष्य की लम्बाई बढ़ाता है।
घोड़ी का दूध कैसा होता हैं
बल्यंस्थैय्रयकरंसर्वमुष्णश्चैकशफंपय:।साम्लंसलवणंरूक्षंशाखावातहरलघु।।
घोड़ी का दूध पीनें से शरीर मज़बूत बनता हैं, यह दूध गर्म,थोडा नमकीन और खट्टा होकर शरीर से वायु विकारों को नष्ट करता हैं ।
हथिनी का दूध
हिक्काश्वासकरन्तूष्णंपित्तश्लेष्मलमाविकम्।हस्तिनीनांपयोबल्यंगुरूस्थैय्यर्कंरंपरम्।।
हथिनी का दूध शरीर के लिए भारी,बल को बढानें वाला होता हैं ।
स्त्री का दूध
जीवनंबृंहणंसात्म्येस्न्नेहनंमानुषंपय:।नावनंरक्तपित्तेचतर्पणश्चाक्षिशूलिनाम्।।
स्त्री का दूध परम जीवनकारक होता हैं।यह पुष्टिकारक, मनुष्य के लिए सात्म्य माना गया हैं । नेत्र रोगों में नेत्र मे डालने हेतू स्त्री का दूध बहुत लाभदायक होता हैं ।
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