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Music therapy : हेल्दी लाइफस्टाइल के लिए जरूरी

Music therapy : हेल्दी लाइफस्टाइल के लिए जरूरी

आजकल संगीत को म्यूजिक थेरेपी की तरह इस्तेमाल किया जा रहा हैं

अल्जाइमर, पार्किंसन, डिप्रेशन, , स्ट्रोक आदि र बीमारियों में म्यूजिक थैरेपी काफी मददगार साबित हो रही है। म्यूजिक से ब्लड प्रेशर को काबू करने में भी मदद मिलती है।

 काम के बोझ के तले दबे लोग जैसे इंजीनियर, प्रोफेशनल्स, कॉल सेंटर में काम करने वाले लोग इस थैरेपी की मदद ले रहे हैं। खास बात है कि जहां दवाइयां काम नहीं कर पाती हैं, वहां पर संगीत से सेहत बन सकती है।

 संगीत आपको शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाता है। संगीत दिनभर के तनाव को तुरंत खत्म कर देता है।

 कुछ लोग संगीत की धुन पर फिजिकल एक्सरसाइज करते हैं। इसे एरोबिक्स कहा जाता है। यह शरीर फिट रखने मे मदद करता है।

भागदौड़ भरी जिंदगी में इंसान को कई तनाव हैं। काम के बोझ के तले दबा हुआ इंसान पूरी तरह से थक चुका है। उसके जीवन में कोई उत्साह नहीं है। इंसान का शरीर बीमारियों का घर बन चुका है।

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 डिप्रेशन, नींद न आने की शिकायत, हाई बीपी आदि कई समस्याओं से इंसान परेशान है। इन सब परेशानियों को दूर करने का एक ही उपाय है- म्यूजिक। म्यूजिक से ज्यादातर बीमारियों में राहत मिलती है, दिमाग शांत रहता है और सेहत अच्छी बनी रहती है। यह हम नहीं कह रहे, बल्कि कई नए शोध इस ओर इशारा कर रहे हैं।



आपरेशन थियेटर में म्यूजिक थेरेपी के फायदे

 पिछले दिनों प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल लेनसेट ने छपे एक अध्ययन के मुताबिक सर्जरी से पहले, दौरान और बाद में मरीज अगर संगीत सुनता है तो उसे दर्द और तनाव नहीं होता। 


शोधकर्ता इस निष्कर्ष पर 72 लोगों की सर्जरी के बाद म्यूजिक से हुई अच्छी रिकवरी के आधार पर पहुंचे हैं। अध्ययन के मुताबिक जिन मरीजों ने सर्जरी के पहले, दौरान और बाद में संगीत सुना, उन्हें अपने दर्द को कम करने के लिए पेनकिलर की जरूरत कम पड़ी।


 म्यूजिक के कारण मरीज इलाज के प्रति आश्वस्त नजर आए। शोध के मुताबिक संगीत का असर उन मरीजों की सेहत पर ज्यादा हुआ, जिन्होंने संगीत का चुनाव खुद किया था। 


क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन के शोधकर्ताओं ने बताया कि मरीजों को हेडफोन्स की मदद से प्री- रिकॉर्डेड म्यूजिक सुनने के लिए दिया गया। यह तरीका काफी सुरक्षित और आसान था। पुराने अध्ययन यह भी बता चुके हैं कि अगर ऑपरेशन थियेटर में धीमा संगीत बजता है, तो इससे सर्जन की परफॉर्मेंस में भी इजाफा होता है।

पुराने दर्द में म्यूजिक थेरेपी के फायदे

अमरीका में असहनीय दर्द से पीड़ित लोगों पर हुए एक शोध से पता लगा है कि संगीत पुराने दर्द को ठीक करने में काफी मदद करता है। 'द जर्नल ऑफ एडवांस्ड नर्सिंग' में छपे इस शोध के मुताबिक रोजाना नियमित रूप से संगीत सुनने पर दर्द से पीड़ित लोगों की सोच में गहरा बदलाव हुआ और वे दर्द को सहन करने लायक बन गए। 

इसी जर्नल में छपी एक रिसर्च के मुताबिक सोने से पहले सॉफ्ट म्यूजिक सुनने से गहरी नींद आती है। जर्मनी में हुए एक शोध के अनुसार संगीत से लकवे से पीड़ित मरीजों को भी फायदा पहुंचता है। यही नहीं संगीत मन में आनंद के भाव जगाता है और गर्भवती महिला के प्रसव के समय होने वाले दर्द को भी आसानी से कम कर सकता है।


मनपसंद संगीत सुने

ऐसा नहीं है कि किसी खास तरह के संगीत से ही बीमारियों और समस्याओं पर काबू पाया जाता है। आपको जिस तरह का म्यूजिक पसंद हो, उसे नियमित सुनें।

 हो सकता है कि आपको संगीत सुनने में रुचि न हो, पर इसे दवा की तरह समझें। आप शास्त्रीय संगीत, पश्चिमी संगीत, फ्यूजन, रोमांटिक, रॉक, सूफी, स्लो म्यूजिक या फास्ट म्यूजिक में से अपनी पसंद का म्यूजिक चुन सकते हैं।

 आपको अपने मनपसंद म्यूजिक का कलेक्शन अपने स्मार्टफोन में रखना चाहिए और समय-समय पर इसे सुनना चाहिए। इससे काम का दबाव काफी कम हो जाता है। संगीत सुनते समय इंसान दुनिया के हर तरह के झंझट को भूल जाता है और खुद के मूल स्वरूप में पहुंच जाता है।


एंटीबॉडीज बढ़ते हैं

एक अध्ययन में रिहर्सल के बाद गायक की के लार का विश्लेषण किया गया। इसमें एंटीबॉडीज की मात्रा ज्यादा पाई गई।

दुनिया की हर संस्कृति में संगीत को दु दु महत्व दिया गया है। मानव जीवन पूरी तरह से रिद्म (ताल) पर आधारित है। सभी साइकोलॉजिकल और बायोलॉजिकल फंक्शन्स रिद्मिक होते हैं।

 संगीत मानव शरीर की रिम के एकरूप होकर नई ऊर्जा का संचार करता है। जर्नल नेचुरल न्यूरोसाइंस के मुताबिक जब हम संगीत सुनते हैं तो दिमाग एक रसायन छोड़ता है, जो हमें खुशी देता है। 

डोपामाइन हमें खुशी महसूस करने के लिए प्रेरित करता है। जब हम कोई गीत गुनगुनाते हैं तो शरीर में फील गुड हार्मोन एंडोर्फिन पैदा होता है। यह सेहतमंद होने की भावना प्रेरित करता है।


बेचैनी कम होती है


संगीत से नकारात्मकता दूर होती है और भावनात्मक रूप से मजबूती आती है।


दिमागी पावर बढ़ती है

गीत गाने से एकाग्रता और याद्दाश्त बढ़ती है।


ठंड से बचे रहते हैं

अगर आप नियमित रूप से कोई गीत गुनगुनाते हैं तो नाक और गले में बैक्टीरिया का इन्फेक्शन नहीं होता और ठंड और जुकाम से बचे रहते हैं।

गीत गुनगुनाने से भी बनती है सेहत ऐसा नहीं है कि सिर्फ संगीत सुनने से ही सेहत संवरती है, अगर आप गीत गुनगुनाते हैं तो भी आपका स्वास्थ्य अच्छा रहता है।


पोश्चर में सुधार होता है

गाना गाने के दौरान आपका सीना चौड़ा होता है और पीठ व कंधे सीधे हो जाते हैं।


इम्यून सिस्टम मजबूत होता है गाना गाने से ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है और सेल्स को ऑक्सीजन पहुंचती है।


बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय म्यूजिक थेरेपी पर कर रहा हैं व्यापक शोध

बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय म्यूजिक थेरेपी पर व्यापक शोध कर रहा है, विश्वविद्यालय के आयुर्वेद संकाय में मरीजों को मल्टी बिहेवियर थेरेपी के साथ संगीत का प्रयोग किया जा रहा हैं।

इस थेरेपी में मरीज को इलेक्ट्रो स्लीप थेरेपी और ब्रेन पोलराइजेशन थेरेपी के साथ संगीत थेरेपी दी जाती हैं, जिसमें मरीज के सिर और दांए पैरों में वाईब्रेशन के साथ 20 मिनट तक सुमधुर संगीत बजाया जाता हैं इस दौरान शांत कमरे में मरीज को संगीत पर ध्यान केंद्रित करना पड़ता है।

बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के आयुर्वेद संकाय के अनुसार लगातार सात दिनों तक म्यूजिक थेरेपी लेने से तनाव,अवसाद,पेट संबंधित बीमारी और अनिद्रा में आराम मिलता हैं।

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