#कुपोषण malnutrition::-
कुपोषित बच्चा |
विश्व के विकासशील देशो में कुपोषण एक गंभीर समस्या के रूप में विधमान हैं,जो बच्चों के जीवनीय क्षमता और विकास पर प्रतिकूल प्रभाव ड़ालता हैं.
सरल भाषा में बाल कुपोषण बच्चों में उस विकार का नाम हैं जिसमें या तो शरीर के पोषण,विकास एँव स्वास्थ संरक्षण के लिये आवश्यक पर्याप्त संतुलित आहार बच्चें को प्राप्त नहीं होता या बच्चें का शरीर लिये गये आहार का सम्यक् उपयोग करनें में सक्षम नहीं होता हैं. कुपोषण के कारण बच्चों मे कृशता,दुर्बलता व अन्य अनेक लक्षण उतपन्न हो जाते हैं.
संतुलित आहार के बारें में रोचक जानकारी
#कुपोषण का आयुर्वैदिक उपचार::-
१.शतावरी चूर्ण ५ ग्राम, अश्वगंधा चूर्ण ५ ग्राम को रात को ५० मि.ली.पानी में गला दे सुबह इसे छलनी लगाकर अच्छे से दबाकर छान लें इस पानी में १०० मि.ली.दूध मिलाकर १० मिनिट़ तक उबालें तत्पश्चात ठंडा कर बच्चों को पिलायें.यह औषधि सन्धि,शिरा,स्नायुओं को मज़बूत कर शरीर में दृढ़ता,बल और रोग प्रतिरोधकता को बढ़ाता हैं.
२.गोघ्रत को १० ग्राम अश्वगंधा चूर्ण के साथ मिलाकर रोटी के साथ बालक को खिलायें .
३.बला तेल,महामाष तेल, को समान मात्रा में मिलाकर बच्चों को मालिश करवायें.
४.यष्टीमधु,शुंठी का चूर्ण सुबह शाम दूध के साथ बच्चों को सेवन करवायें.
यहाँ एक महत्वपूर्ण ध्यान देनें वाली बात यह हैं कि बच्चों में कुपोषण न केवल संतुलित आहार की कमी से होता हैं बल्कि धात्री माता के दूध की दुष्टि से भी होता हैं अत:धात्री माता के दूध की दुष्टि दूर करनें के लिये शतावरी चूर्ण को प्रवाल पिष्टि में सम भाग में मिलाकर माता को सुबह -शाम घ्रत से सेवन करवायें.
५.धात्री माता को च्वनप्राश सुबह शाम दूध के साथ एक चम्मच देनें से दूध सुपुष्ट़ बनता हैं.
आयुर्वेदिक सुपुष्टि योग द्वारा बालकुपोषण के लिए खीर बनानें की विधि
निचे दी गई तालिका में बच्चों की उम्र के अनुसार सुपुष्टी योग चूर्ण की मात्रा दी गई है उस मात्रा को लेकर दूध जल और शक्कर मिलाकर धीमी आंच पर तब तक उबालना है जब तक तालिका में की दी गया मात्रा अनुसार जल भाप बनकर ना उड़ जाए अर्थात जो खीर बनेगी उसमें से जल भाप बनकर उड़ जाएगा और केवल सुपुष्टी योग दूध एवं शकर की मात्रा शेष रहेगी।
बाल कुपोषण के लिए खीर बनानें की विधि |
सुपुष्टी योग खीर सेवन विधि
सुपुष्टी योग खीर को बच्चे की भूख अनुसार दिनभर में खिलायें।
औषधि युक्त खीर पूर्णतः हानिरहित होकर बच्चों की बल, बुद्धि और शरीर को संपुष्ट बनाती हैं, यदि बच्चें की पाचनशक्ति मजबूत है और बच्चें को दस्त आदि नहीं लग रहें हों तो उसे दोगुनी मात्रा में खीर देने पर भी कोई हानि नहीं होती हैं।
बाल कुपोषण के लिए यूनानी और होम्योपैथी दवाईयां
बाल कुपोषण के लिए यूनानी दवाईयां
हब्बे सूखा मेरी
खमीरा मरवारिद
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बाल कुपोषण के लिए होम्योपैथिक दवाइयां
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