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दिनचर्या::
आयुर्वैद ग्रन्थों में स्वस्थ शरीर के लिये सही और नियमित दिनचर्या पर विशेष ज़ोर दिया हैं.आईयें जानते हैं कैसी हो दिनचर्या
सुबह::
१० से १५ मिनिट नियमित रूप से योग एवँ प्राणायाम करें सप्ताह में तीन दिन नहानें से पहलें तिल या सरसों तेल की मालिश कर धूपसेवन करना चाहियें. प्रतिदिन स्नान के लिये मोसमानुसार जल ले.
सुबह ८ से ९ बजे के बच नाश्ता करें नाश्ते में अंकुरित चना,मूंग,गेंहू व मोसमी फलों को रखें.
दोपहर::
शाम::
शाम के वक्त थोड़ी देर खुली हवा में टहले तत्पश्चात हाथ मुँह धोकर हल्की योग क्रियाएँ करें .
रात::
रात का भोजन सोने से दो घंटे पहले करें भोजन में दलिया,खिचड़ी,और हल्के पदार्थों का सेवन करें जो पचनें में आसान हो.
भोजन के बाद दस से पंद्रह मिनिट वज्रासन में बेठें.
सोने से पहलें ध्यान मुद्रा में पन्द्रह मिनिट बेठें,तत्पश्चात शांतचित्त होकर बाँयी करवट लेटे.
जो व्यक्ति उपरोक्तानुसार आचरण कर जीवन जीता हैं,आयुर्वैद के अनुसार उसे वैघों या डाँक्टर की ज़रूरत बहुत कम पड़ती हैं.
अनुलोम विलोम
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