सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

ALLERGIES TREATMENT

क्या हैं एलर्जी::-


एलर्जी एक प्रकार की शारिरीक और मानसिक प्रतिक्रिया हैं,जो शरीर के सम्पर्क में आनें वालें पदार्थों के प्रति शरीर पैदा करता हैं.


वास्तव में एलर्जी हमारें शरीर के बिगड़ी हुई रोग प्रतिरोधकता ( immune system) को रेखांकित करती हैं.जिसमें हमारा शरीर हानिकारक पदार्थों के साथ मित्र पदार्थों के प्रति भी अत्यधिक संवेदनशीलता  प्रदर्शित करता हैं.

कारण::-



१.खाद्य पदार्थों के कारण.


२.परफ्यूम,रंग,ड़ाई के इस्तेमाल से.


३.कीड़ों,मच्छर के काट़नें से.


४.पराग कणों,धुल,धुँए से.


५.आनुवांशिकता जन्य.


६.दवाईयों ,एन्टीबायोटिक के कारण.


७.मौसम में परिवर्तन की वज़ह से.

लछण::-


१.आँखों से पानी निकलना,खुजली, लाल होना,सुजन होना.

२.त्वचा में चकते निकलना, खुजली.


३.नाक में खुजली, पानी निकलना, लगातार छींकें आना.


४.अस्थमा, फेफडों में खीँचाव,गलें में खरास.


५.पेटदर्द ,डायरिया,पेट़ फूलना.


६.कानों में दर्द खुजली, सुनाई कम देना.

उपचार::-


आयुर्वैद चिकित्सा  में हमारें बिगड़े हुए इम्यून सिस्टम को प्रभावी बनानें की अद्भूत चिकित्सा हैं यदि कुशलतापूर्वक इसका लाभ रोगी को दिया जावें तो रोगी शीघृ स्वस्थ होता हैं आईयें जानतें है,उपचार

१.एलर्जी से पीड़ित व्यक्तिसितो सर्वपृथम पंचकर्म (panchkarma) करवाना चाहियें.


२.यदि श्वसन संस्थान से संबधित एलर्जी है,तो कालीमिर्च,तुलसी,लोंग,हल्दी, अजवाइन को उबालकर चाय की भाँति नियमित रूप से सेवन करें.


३.सोया दूध पीना शुरू करें.


४.आँवला,पुनर्नवा, द्राछा को समान मात्रा में मिलाकर सुबह दोपहर रात को दो -दो वटी लेना शरू करें.


५.त्वचा से सम्बंधित एलर्जी होनें पर हरिद्राखण्ड़ को  सितोपलादि चूर्ण के साथ मिलाकर सेवन करें.


६.गंधक रसायन तथा निम्बादि चूर्ण को मिलाकर एक-एक वटी सुबह शाम लें.


७.पेट से सम्बंधित एलर्जी होनें पर गिलोय, एलोवेरा रस का सेवन करें

८.शंख में रातभर पानी रख सुबह उठतें ही पीयें.

९.योगिक क्रिया जैसें कपालभाँति अवश्य करें.


११.धूप में तिल या सरसों तेल लगाकर पाँच से दस मिनिट बेठें.१०.सुबह कम से कम पाँच कि.मी.तक दोड़ लगायें.


वैघकीय परामर्श आवश्यक





टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

PATANJALI BPGRIT VS DIVYA MUKTA VATI EXTRA POWER

PATANJALI BPGRIT VS DIVYA MUKTA VATI EXTRA POWER  पतंजलि आयुर्वेद ने high blood pressure की नई गोली BPGRIT निकाली हैं। इसके पहले पतंजलि आयुर्वेद ने उच्च रक्तचाप के लिए Divya Mukta Vati निकाली थी। अब सवाल उठता हैं कि पतंजलि आयुर्वेद को मुक्ता वटी के अलावा बीपी ग्रिट निकालने की क्या आवश्यकता बढ़ी। तो आईए जानतें हैं BPGRIT VS DIVYA MUKTA VATI EXTRA POWER के बारें में कुछ महत्वपूर्ण बातें BPGRIT INGREDIENTS 1.अर्जुन छाल चूर्ण ( Terminalia Arjuna ) 150 मिलीग्राम 2.अनारदाना ( Punica granatum ) 100 मिलीग्राम 3.गोखरु ( Tribulus Terrestris  ) 100 मिलीग्राम 4.लहसुन ( Allium sativam ) 100  मिलीग्राम 5.दालचीनी (Cinnamon zeylanicun) 50 मिलीग्राम 6.शुद्ध  गुग्गुल ( Commiphora mukul )  7.गोंद रेजिन 10 मिलीग्राम 8.बबूल‌ गोंद 8 मिलीग्राम 9.टेल्कम (Hydrated Magnesium silicate) 8 मिलीग्राम 10. Microcrystlline cellulose 16 मिलीग्राम 11. Sodium carboxmethyle cellulose 8 मिलीग्राम DIVYA MUKTA VATI EXTRA POWER INGREDIENTS 1.गजवा  ( Onosma Bracteatum) 2.ब्राम्ही ( Bacopa monnieri) 3.शंखपुष्पी (Convolvulus pl

होम्योपैथिक बायोकाम्बिनेशन नम्बर #1 से नम्बर #28 तक Homeopathic bio combination in hindi

  1.बायो काम्बिनेशन नम्बर 1 एनिमिया के लिये होम्योपैथिक बायोकाम्बिनेशन नम्बर 1 का उपयोग रक्ताल्पता या एनिमिया को दूर करनें के लियें किया जाता हैं । रक्ताल्पता या एनिमिया शरीर की एक ऐसी अवस्था हैं जिसमें रक्त में हिमोग्लोबिन की सघनता कम हो जाती हैं । हिमोग्लोबिन की कमी होनें से रक्त में आक्सीजन कम परिवहन हो पाता हैं ।  W.H.O.के अनुसार यदि पुरूष में 13 gm/100 ML ,और स्त्री में 12 gm/100ML से कम हिमोग्लोबिन रक्त में हैं तो इसका मतलब हैं कि व्यक्ति एनिमिक या रक्ताल्पता से ग्रसित हैं । एनिमिया के लक्षण ::: 1.शरीर में थकान 2.काम करतें समय साँस लेनें में परेशानी होना 3.चक्कर  आना  4.सिरदर्द 5. हाथों की हथेली और चेहरा पीला होना 6.ह्रदय की असामान्य धड़कन 7.ankle पर सूजन आना 8. अधिक उम्र के लोगों में ह्रदय शूल होना 9.किसी चोंट या बीमारी के कारण शरीर से अधिक रक्त निकलना बायोकाम्बिनेशन नम्बर  1 के मुख्य घटक ० केल्केरिया फास्फोरिका 3x ० फेंरम फास्फोरिकम 3x ० नेट्रम म्यूरिटिकम 6x

जीवनसाथी के साथ नंगा सोना चाहिए या नही।Nange sone ke fayde

  जीवनसाथी के साथ नंगा सोना चाहिए या नही nange sone ke fayde इंटरनेट पर जानी मानी विदेशी health website जीवन-साथी के साथ नंगा सोने के फायदे बता रही है लेकिन क्या भारतीय मौसम और आयुर्वेद मतानुसार मनुष्य की प्रकृति के हिसाब से जीवनसाथी के साथ नंगा सोना फायदा पहुंचाता है आइए जानें विस्तार से 1.सेक्स करने के बाद नंगा सोने से नींद अच्छी आती हैं यह बात सही है कि सेक्सुअल इंटरकोर्स के बाद जब हम पार्टनर के साथ नंगा सोते हैं तो हमारा रक्तचाप कम हो जाता हैं,ह्रदय की धड़कन थोड़ी सी थीमी हो जाती हैं और शरीर का तापमान कम हो जाता है जिससे बहुत जल्दी नींद आ जाती है।  भारतीय मौसम और व्यक्ति की प्रकृति के दृष्टिकोण से देखें तो ठंड और बसंत में यदि कफ प्रकृति का व्यक्ति अपने पार्टनर के साथ नंगा होकर सोएगा तो उसे सोने के दो तीन घंटे बाद ठंड लग सकती हैं ।  शरीर का तापमान कम होने से हाथ पांव में दर्द और सर्दी खांसी और बुखार आ सकता हैं । अतः कफ प्रकृति के व्यक्ति को सेक्सुअल इंटरकोर्स के एक से दो घंटे बाद तक ही नंगा सोना चाहिए। वात प्रकृति के व्यक्ति को गर्मी और बसंत में पार्टनर के साथ नंगा होकर सोने में कोई