धनिया के फायदे।Dhaniya ke fayde
#१.धनिया का संस्कृत नाम क्या हैं ?
धनिये को संस्कृत में धन्याक,धनिक, धन्य,कुस्तुम्बरू,तथा ध्यगन्धा नामों से जानतें हैं।
#२.धनिया का लेटिन नाम क्या हैं ?
coriandrum sativum
३.धनिया का अँग्रेजी नाम क्या हैं ?
Coriander
४.धनिया की प्रकृति
आयुर्वेद मतानुसार धनिया स्निग्ध,कसैला,उष्णवीर्य,जठराग्नि को बढ़ानें वाला और त्रिदोष नाशक होता हैं।
धनिया विटामीन ए, विटामीन C,विटामीन K,फोलेट पोटेशियम, मैंगनीज और बीटा केरोटिन का बहुत उत्तम स्रोत हैं ।
धनिया |
धनिया के बारें संस्कृत में श्लोक है -
धान्यकंचाजगन्धासुमुखाश्वेतिरोचना: ।सुगन्धानातिकटुकादोषानुत्क्लेशयन्तितु ।।
अर्थात धनिया सुगन्धित और त्रिदोष को उखाड़ने वाला हैं।
५.आँखों के रोग में धनिया के फायदे Dhaniya KE fayde :::
आँखों में जलन होनें और आँखें दर्द करनें पर साबुत धनिया के बीजों को कूट ले और इन्हें पानी में उबालकर कपड़ें से छान लें ।इस पानी से आँखों को धोयें इस प्रकार आँखों को धोनें से उपरोक्त समस्या में बहुत आराम मिलता हैं ।
धनिया में विटामीन A प्रचुरता में मिलता हैं,इसकी हरी पत्तियों को कच्चा खानें से आँखों की रोशनी बढ़ती हैं।
धनिया में विटामीन A प्रचुरता में मिलता हैं,इसकी हरी पत्तियों को कच्चा खानें से आँखों की रोशनी बढ़ती हैं।
६.बवासीर में धनिया के फायदे :::
साबुत धनिया के बीजों को मिश्री मिलाकर खिलानें से बवासीर में निकलनें वाला खून बंद हो जाता हैं ।
७.दस्त में धनिया के फायदें :::
दस्त होनें पर धनिया बीज १०० ग्राम की मात्रा में लेकर इन्हें भून लें ,इस तरह भूनें हुये धनियें को ३ - ४ बार तब तक दें जब तक दस्त में राहत न मिलें ।
८.गले की खराश में धनिया के फायदें :::
साबुत धनिया के बीजों को चबानें और इसके बीजों को कूटकर मिश्री के साथ खानें से गले की खराश समाप्त हो जाती हैं ।
९.गंजापन में धनिया के फायदे :::
धनियें के सूखे पत्तों का चूर्ण बनाकर इसे सिरके के साथ मिलाकर सिर पर लेपन करनें और सिर पर लेपन के १५ मिनिट बाद स्नान करने से गंजापन की समस्या दूर होती हैं ।
१०. ज्वर में धनिया के फायदे :::
साबुत धनिया के बीजों को सादे पानी में डालकर कुछ घँटों के लियें रख दें और यह पानी ज्वर प्रभावित व्यक्ति को पीलायें ।ऐसा करनें से ज्वर में होनें वाली शरीर की जकड़न दूर होती हैं ।और ज्वर में ली जानें वाली गर्म दवाईयों का दुष्प्रभाव समाप्त होकर एँटासिड़ दवाईयों की जरूरत नहीं पड़ती हैं ।
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११. सिरदर्द में धनिया के फायदें :::
धनिया के बीजों और आँवलें के चूर्ण को भीगोंकर कपड़े से छान ले इस प्रकार इसका पानी थोड़ी - थोड़ी मात्रा में पीतें रहनें से पुरानें से पुराना सिरदर्द कुछ ही दिनों में बंद हो जाता हैं ।
१२.गर्भावस्था की उल्टी में धनिया के फायदें ::
१०० ग्राम धनिया बीज को आधा लीटर पानी में तब तक उबालें जब तक की पानी एक चौथाई रह जायें ।इस मिश्रण में चावल का माँड़ और मिश्री मिलाकर थोड़ी - थोड़ी मात्रा में गर्भवती स्त्री को पीलानें से गर्भावस्था की उल्टी में आराम मिलता हैं ।
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१३.जोड़ों के दर्द में धनिया के फायदे :::
धनिया बीजों के चूर्ण चार चम्मच लेकर उसमें हल्दी एक चम्मच मिलाकर रात को खानें से जोड़ों का दर्द समाप्त हो जाता हैं ।
१४.पाचनशक्ति बढ़ानें में धनिया के फायदे :::
३ चम्मच धनिया और एक चम्मच सोंठ पावड़र मिलाकर 250 मिलीलीटर पानी में रातभर भीगों दे, इस मिश्रण को छानकर सुबह - शाम 50 - 50 मिलीलीटर लें । यह पाचनशक्ति बढ़ानें वाली अचूक दवा हैं ।
१५.नकसीर में धनिया के फायदे :::
हरे धनिया की पत्तियों को पीसकर इसका रस निकाल लें इस तरह इस रस को नकसीर होनें पर एक दो बूँद नाक में टपकानें से नकसीर में राहत मिलती हैं ।
१६.पेट की गैस में धनिया के फायदें :::
धनिया की चटनी बनाकर इसमें सैंधा नमक मिलाकर खानें से पेट की गैस समाप्त हो जाती हैं ।
१७.थायराइड़ में धनिया के फायदे
थायराइड़ आजकल की जीवनशैली की एक आम बीमारी हैं । थायराइड़ चाहें हाइपो हो या हाइपर दोनों प्रकार में धनिया आशातीत लाभ प्रदान करता हैं । धनिया थायराइड़ ग्रन्थी की कार्यप्रणाली को सुधारकर व्यक्ति को स्वस्थ्य बनाये रखता हैं ।
धनिये की चटनी बनाकर खानें से थायराइड़ ग्रंथि की कार्यप्रणाली सुधर जाती हैं ।
इसी प्रकार एक छोटा चम्मच साबुत धनिया बीज रात को पानी में भिगोकर रख दें सुबह खाली पेट इस पानी को पीनें से थायराइड़ ग्रंथि ठीक होकर सही मात्रा में थायराक्सिन हार्मोन का उत्सर्जन करती हैं ।
धनिया इसके अतिरिक्त शरीर से उत्सर्जित हार्मोन को नियंत्रित करने का काम करता हैं ।
१८.आर्थराइटिस में धनिया के फायदे
एक शोध के अनुसार जो लोग एक आर्थाराइटिस से पीड़ित हैं, उन्हें धनिया का हर दिन सेवन बेहद लाभ पहुंचा सकता है। इसे हर दिन अपने खाने में शामिल करने से जोड़ों की सूजन में कमी आती है और यह रोग को ज्यादा बढ़ने से रोकता है।
धनिए का इस्तेमाल मेडिएटर पदार्थ को शरीर में बनने से रोकता है, जिससे आर्थराइटिस के कारण आई सूजन में धीरे-धीरे कमी आती है। साथ भी दर्द भी कम होता है।
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