सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

TRIPHLA CHURNA,TRIBHUVANKIRTI RAS

त्रिफला चूर्ण::-



आयुर्वैद चिकित्सा पद्ति में वैसे तो सारी औषधियाँ प्रभावी हैं,परन्तु कुछ औषधियाँ ऐसी हैं,जिन्होनें आयुर्वैद को विश्व के सामनें प्रतिष्ठित किया हैं, त्रिफला भी इन्हीं मे से एक हैं.एक हरड़ ,दो बहेड़ा,और चार आवँला के अनुपात को मिलानें से त्रिफला बनता हैं. यह चूर्ण कफ-पित्त नाशक, कुष्ठ नाशक,कब्ज नाशक हैं.आईयें जानतें हैं इसके उपयोग-::

१.नेत्र रोगों में घी और शहद के साथ सेवन करें.

२.खाँसी मे शहद और गाय के घी के साथ.

३. ज्वर होने पर दूध के साथ.

४. Hydrosil या व्रषणशोध में गोमूत्र के साथ.

५. भगन्दर में खदिर छाल के साथ.

६.मिर्गी में शहद के साथ.

७. भोजन में अरूचि हो तो जल के साथ.

८. शरीर पर सूजन हो तो हल्दी और मिस्री के साथ.

९.विषम ज्वर होनें पर गिलोय रस के साथ.

त्रिभुवनकिर्ती रस (Tribhuvankirti ras):::::::


घट़क (content) :::


1.शुद्ध हिंगुल (sudh hingul).

2.शुद्ध वत्सनाभ (sudh vatsnabh).

3.त्रिकटु (Trikatu).

4.शुद्ध टंकण (pure Tankan).

5.पिपली मूल (pippali mul).

6.तुलसी स्वरस (Tulsi swaras).

7.अदरक स्वरस (ginger juice).

8.धतूरा स्वरस (Dhatura swaras).

9.निर्गुण्ड़ी स्वरस (nirgundi swaras).

रोगाधिकार (indication):::

1.वात - कफ ज्वर (flu).

2.सन्निपातज ज्वर (fever).

3.तरूण ज्वर (viral fever).

4.सर्दी खाँसी (common cold).

5.सिरदर्द (headache).

6.डेँगू ज्वर (Dengue fever).

मात्रा (Dosage) ::::

25 से 250 मिली ग्राम. वैघकीय परामर्श से.शहद, तुलसी स्वरस या अदरक स्वरस के साथ.






० बबूल के औषधीय गुण



टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

PATANJALI BPGRIT VS DIVYA MUKTA VATI EXTRA POWER

PATANJALI BPGRIT VS DIVYA MUKTA VATI EXTRA POWER  पतंजलि आयुर्वेद ने high blood pressure की नई गोली BPGRIT निकाली हैं। इसके पहले पतंजलि आयुर्वेद ने उच्च रक्तचाप के लिए Divya Mukta Vati निकाली थी। अब सवाल उठता हैं कि पतंजलि आयुर्वेद को मुक्ता वटी के अलावा बीपी ग्रिट निकालने की क्या आवश्यकता बढ़ी। तो आईए जानतें हैं BPGRIT VS DIVYA MUKTA VATI EXTRA POWER के बारें में कुछ महत्वपूर्ण बातें BPGRIT INGREDIENTS 1.अर्जुन छाल चूर्ण ( Terminalia Arjuna ) 150 मिलीग्राम 2.अनारदाना ( Punica granatum ) 100 मिलीग्राम 3.गोखरु ( Tribulus Terrestris  ) 100 मिलीग्राम 4.लहसुन ( Allium sativam ) 100  मिलीग्राम 5.दालचीनी (Cinnamon zeylanicun) 50 मिलीग्राम 6.शुद्ध  गुग्गुल ( Commiphora mukul )  7.गोंद रेजिन 10 मिलीग्राम 8.बबूल‌ गोंद 8 मिलीग्राम 9.टेल्कम (Hydrated Magnesium silicate) 8 मिलीग्राम 10. Microcrystlline cellulose 16 मिलीग्राम 11. Sodium carboxmethyle cellulose 8 मिलीग्राम DIVYA MUKTA VATI EXTRA POWER INGREDIENTS 1.गजवा  ( Onosma Bracteatum) 2.ब्राम्ही ( Bacopa monnieri) 3.शंखपुष्पी (Convolvulus pl

गेरू के औषधीय प्रयोग

गेरू के औषधीय प्रयोग गेरू के औषधीय प्रयोग   आयुर्वेद चिकित्सा में कुछ औषधीयाँ सामान्य जन के मन में  इतना आश्चर्य पैदा करती हैं कि कई लोग इन्हें तब तक औषधी नही मानतें जब तक की इनके विशिष्ट प्रभाव को महसूस नही कर लें । गेरु भी उसी श्रेणी की   आयुर्वेदिक औषधी   हैं। जो सामान्य मिट्टी   से   कहीं अधिक   इसके   विशिष्ट गुणों के लिए जानी जाती हैं। गेरु लाल रंग की मिट्टी होती हैं। जो सम्पूर्ण भारत में बहुतायत मात्रा में मिलती हैं। इसे गेरु या सेनागेरु कहते हैं। गेरू  आयुर्वेद की विशिष्ट औषधि हैं जिसका प्रयोग रोग निदान में बहुतायत किया जाता हैं । गेरू का संस्कृत नाम  गेरू को संस्कृत में गेरिक ,स्वर्णगेरिक तथा पाषाण गेरिक के नाम से जाना जाता हैं । गेरू का लेटिन नाम  गेरू   silicate of aluminia  के नाम से जानी जाती हैं । गेरू की आयुर्वेद मतानुसार प्रकृति गेरू स्निग्ध ,मधुर कसैला ,और शीतल होता हैं । गेरू के औषधीय प्रयोग 1. आंतरिक रक्तस्त्राव रोकनें में गेरू शरीर के किसी भी हिस्से में होनें वाले रक्तस्त्राव को कम करने वाली सर्वमान्य औषधी हैं । इसके ल

होम्योपैथिक बायोकाम्बिनेशन नम्बर #1 से नम्बर #28 तक Homeopathic bio combination in hindi

  1.बायो काम्बिनेशन नम्बर 1 एनिमिया के लिये होम्योपैथिक बायोकाम्बिनेशन नम्बर 1 का उपयोग रक्ताल्पता या एनिमिया को दूर करनें के लियें किया जाता हैं । रक्ताल्पता या एनिमिया शरीर की एक ऐसी अवस्था हैं जिसमें रक्त में हिमोग्लोबिन की सघनता कम हो जाती हैं । हिमोग्लोबिन की कमी होनें से रक्त में आक्सीजन कम परिवहन हो पाता हैं ।  W.H.O.के अनुसार यदि पुरूष में 13 gm/100 ML ,और स्त्री में 12 gm/100ML से कम हिमोग्लोबिन रक्त में हैं तो इसका मतलब हैं कि व्यक्ति एनिमिक या रक्ताल्पता से ग्रसित हैं । एनिमिया के लक्षण ::: 1.शरीर में थकान 2.काम करतें समय साँस लेनें में परेशानी होना 3.चक्कर  आना  4.सिरदर्द 5. हाथों की हथेली और चेहरा पीला होना 6.ह्रदय की असामान्य धड़कन 7.ankle पर सूजन आना 8. अधिक उम्र के लोगों में ह्रदय शूल होना 9.किसी चोंट या बीमारी के कारण शरीर से अधिक रक्त निकलना बायोकाम्बिनेशन नम्बर  1 के मुख्य घटक ० केल्केरिया फास्फोरिका 3x ० फेंरम फास्फोरिकम 3x ० नेट्रम म्यूरिटिकम 6x