kidney किड़नी |
किडनी (kidney) या व्रक्क मनुष्य शरीर का महत्वपूर्ण अंग हैं,जिसकी सहायता से मनुष्य का शरीर साफ होता हैं, इसके अलावा यह एक महत्वपूर्ण कार्य रक्त शोधन का करता हैं.
यदि व्रक्क की कार्यप्रणाली प्रभावित होती हैं तो सम्पूर्ण शरीर रोगी हो जाता हैं.कभी-कभी केल्सि़यम की अधिकता की वजह से किड़नी मे पथरी बन जाती हैं,ये पथरी मूत्र मार्ग को अवरूद्ध कर भयकंर पीड़ा उत्पन्न करती हैं.आयुर्वैद इसका प्रभावी उपचार वर्णित करता हैं.आईये जानते है उपचार::--
१. हजरल यहूद भस्म, पाषाण भेद,श्वेत पर्पटी ,गोखरू,वरूण छाल, कंटकारी को मिलाकर गोमूत्र या शहद के साथ सेवन करें.
२.त्रिफला चूर्ण को रात को सोते वक्त एक चम्मच लें
३.सो ग्राम गेंहू को आधा लीटर जल मे बारह घंटें तक भीगों दे तत्पश्चात इसे जल आधा रहने तक उबाले इस जल को शहद के साथ सेवन करें ये क्रिया तीन दिनों तक करें.
४.जल पर्याप्त मात्रा में पीयें.
५.चन्द्र प्रभावटी दो-दो गोली सुबह- शाम सेवन करें.
६. योग नियमित रूप से करें इसके लिये योग गुरू की मदद लें.
७.केल्सियम की अधिकता वाले पदार्थों का सेवन न करें.
८.पत्थरचट्टा के हरें चार पाँच पत्ते लेकर पीस लें,और छानकर रस निकाल लें,यह रस रात को सोतें समय पीयें,20 - 25 दिन लगातार प्रयोग से पथरी निकल जाती हैं.
नोट- वैघकीय परामर्श आवश्यक हैं.
टिप्पणियाँ