आज मैं आपका ध्यान एक महत्वपूर्ण समस्या की और आक्रष्ट करना चाहता हूँ, जो कि बालों से सम्बंधित हैं, आजकल यह समस्या हर घर मे आम हो चुकी हैं, चाहे महिला हो पुरूष बालक हो या बालिका हर पाँचवा व्यक्ति बालों से सम्बंधित समस्या से परेशान हैं. और इस कारण अपनें व्यक्तित्व में कमी महसूस करता हैं.आयुर्वैद चिकित्सा पद्धति हजारों वर्षों से प्राणी मात्र के कल्याण के लिये कार्य कर रही हैं ,और व्यक्ति को निरोगी कर रही हैं .इसकी इसी परिणामन्मुखी विशेषता के कारण यह विश्व में सर्वाधिक लोकप्रिय चिकित्सा पद्धति बनी हुई हैं.
आईयें जानते हैं बालों से सम्बंधित समस्या का आयुर्वैदिक उपचार
१.यदि बालों में रूसी हो गई हो तो नीम,तुलसी, एलोवेरा,निम्बू इन तीनों के रस को मिलाकर नहानें से दो घंटा पहले सिर में लगायें फिर सिर धो लें, ऐसा हफ्तें में तीन दिन करना हैं जब तक रूसी खत्म न हो ये उपाय करतें रहें.
२. बाल बेजान ,रूखे हो गये हो तो काली मिट्टी रोज नहाते वक्त बालों में लगायें.
३. बाल झड़ रहें हो तो एलोवेरा और आवँला रस को मिलाकर बालों लगाकर हल्के हाथों से मालिश करें और फिर सिर धो लें.महाभ्रंगराज तेल नहानें के बाद सिर मे हल्के हाथो से लगायें.
४.दो मुँहे बाल होने पर रोज आवँला रस दही में मिलाकर लगायें और इसका सेवन भी करतें रहें.
५.बाल असमय सफेद हो रहें हो तो एलोवेरा, भ्रगंराज रस मिलाकर सिर में सोते वक्त लगायें और सुबह सिर धो लें
६.भ्रगंराज,पिपली, हरड़,आवँला,बादाम,ब्राम्ही वटी,मुक्ता पिष्टी,को मिलाकर एक-एक चम्मच सुबह शाम उपरोक्त समस्या में सेवन करें.इसके अतिरिक्त भ्रगंराजासव और सारस्वतारिष्ट को मिलाकर सुबह शाम दो-दो चम्मच सम भाग जल मिलाकर सेवन करें.
० धनिया के फायदे
नोट- वैघकीय परामर्श आवश्यक हैं.
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