कोरोना संक्रमण के बाद श्वसन तंत्र की देखभाल करना जरूरी
उत्तानपादासन से श्वसन तंत्र बनता है बेहतर
स्वस्थ शरीर और अनुशासित मस्तिष्क के लिए शुद्ध व सही ढंग से ली गई श्वास आवश्यक है।
सर्दी-जुकाम, कफ, अस्थमा आदि के रोगियों को सर्वांगीण योगाभ्यास करना चाहिए। उत्तानपादासन कर श्वसन तंत्र को बेहतर बनाया जा सकता है।
इसे करने के लिए पीठ के बल लेट जाएं और दोनों पैरों को जमीन से अधिकतम एक हाथ की दूरी तक उठाएं।
इसी स्थिति में 10 श्वास तक ठहरें और पुनः यथास्थिति में आ जाएं। इसी क्रिया को दो से तीन बार दोहराएं। यह पेट, फेफड़े के निचले हिस्से की मांसपेशियों के लिए बेहतर है।
उत्तानपादासन पेट की मांसपेशियों को सक्रिय करने व फेफड़ों को मजबूत बनाने में उपयोगी है। इससे श्वास रोग नियंत्रण में रहते हैं। जिन्हें अल्सर हर्निया या उदर संबंधित समस्या है वे चिकित्सकीय परामर्श से करें।
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