ल्यूपस नामक बीमारी मात्र एक बीमारी न होकर बीमारीयों का समूह हैं, जिससे शरीर के प्रत्येक अंग प्रभावित होतें हैं,इसमें शरीर का रोग प्रतिरोधक तंत्र स्वंय के शरीर के प्रति संवेदनशील होकर शरीर के उत्तकों (Tissues) और अंगों को शत्रु मानकर हमला कर देता हैं.इस बीमारी में जो अंग प्रभावित होता हैं,उससे संबधित बीमारी भी हो जाती हैं,जैसें फेफडें प्रभावित होनें पर अस्थमा, त्वचा प्रभावित होनें खुजली, चकते निकलना, जोड़ प्रभावित होनें पर गठिया आदि बीमारीयाँ पैदा हो जाती हैं.
ल्यूपस डिसीज का कारण क्या हैं
ल्यूपस डिसीज़ का वास्तविक कारण अभी तक पता नही चल पाया हैं.और इस पर वर्तमान समय में काफी शोध चल रहा हैं ,कुछ शोधों का निष्कर्श हैं,कि यह बीमारी शरीर की जीन संरचना में परिवर्तन की वज़ह से होती हैं,किन्तु यह परिवर्तन क्यों होता हैं,इस पर लगातार शोध जारी हैं.
● अलसी हैं गुणों की खान
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ल्यूपस डिसीजन होने पर क्या करें
यदि बीमारी का पता लगतें ही जीवनशैली को संतुलित और खानपान संतुलित कर लिया जावें तो स्वस्थ जीवन व्यतित किया जा सकता हैं जैसें
० अपनें दैनिक जीवन को समयबद्ध करें खानें - पीनें ,दैनिक क्रियाकलापों का निश्चित समय रखे क्योंकि नियमित जीवनशैली बाँड़ी क्लाक (body clock) को एक निश्चित दिशा की और ले जाती हैं, जिसमें शरीर हर क्षण में होनें वालें कार्यों का अभ्यस्त हो जाता हैं,ऐसे में बीमारी का शरीर पर आक्रमण नही होता हैं.
० नियमित व्यायाम और योग शरीर और माँसपेशियों को ताकत प्रदान कर रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता हैं,अत : रनिंग ,प्राणायाम, सूर्यनमस्कार,जैसी क्रियाएँ अवश्य करें.
० खानें - पीनें का विशेष ध्यान रखें ऐसा भोजन लें जिसमें ओमेगा 3 फेटीएसिड़, एन्टीआँक्सीडेन्ट़ भरपूर मात्रा में हो जैसें ड्रायफ्रूट,काड लीवर आँयल,मूँगफली,पालक,मैथी आदि.
० जंकफूड़ पूर्णत :बन्द कर दे क्योंकि इसमें प्रयुक्त sodium monoglutamate प्रतिरोधक क्षमता पर विपरीत असर डालता हैं.
० जिन चीजों को खानें से समस्या पैदा होती हो उन्हें तुरन्त बंद कर दे जैसे कुछ लोगों को
बैंगन,आलू,टमाटर ,दही ,छाछ अचार खानें से समस्या बढ़ती हैं, अत : इनका सेवन नहीं करें.
बैंगन,आलू,टमाटर ,दही ,छाछ अचार खानें से समस्या बढ़ती हैं, अत : इनका सेवन नहीं करें.
० तले हुये खाद्य पदार्थों के स्थान पर ताजा फलों और सलाद का प्रयोग भोजन में बढ़ायें.
० लो फेट पदार्थों और नमक का संतुलित उपयोग करें.
कोई भी बीमारी या समस्या मनुष्य के साहस से बढ़ी नहीं होती हैं,अत : इच्छाशक्ति से बढ़ी नही हैं,अत : जीनें की मज़बूत इच्छाशक्ति बनाये रखें.
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