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अलसी में हैं गुणों की भरमार (Miracle health benefits of linseed)

अलसी में  हैं गुणों की भरमार (Miracle health benefits of linseed)

अलसी परिचय ::: 


अलसी एक महत्वपूर्ण खाद्य तिलहन हैं.जो रबी के मौसम में बोई जाती हैं. यह सर्वगुण सम्पन्न होने के कारण आधुनिक जानकार इसे संतुलित आहार का  दर्जा देंतें हैं.

अलसी के बीज अंडाकार, चमकीले भूरे,लाल या सफेद होते हैं।


अलसी के फायदे
अलसी

अलसी में पाए जाने वाले पोषक तत्व


1. कार्बोहाइड्रेट ---------- 28.9 mg



2.  प्रोटीन       ---------- 18.3 



3.   वसा        ---------- 42.3 mg



 ओमेगा -- 3 अल्फा लेनोलेनिक एसिड़

                          ----------- 18.1


 ओमेगा -- 6 अल्फा लेनोलेनिक एसिड़

                        ------------  7.7


4.रेशा (fibre) ----------- 27.3


5.थायमिन.       ------------ 1.64 mg


6.राइबोफ्लेविन ------------- 0.161 mg


7.नायसिन.      ------------- 3.08 mg


8. विटामिन B- 5 ----------- 0.985 mg


9.विटामिन. C.  ------------ 0.6 mg


10.कैल्सियम.   ------------- 255 mg


11. लोहा          ------------- 5.73 mg


12. मैग्निशियम ------------- 392 mg


13 फास्फोरस   -------------- 642 mg


14 पोटेशियम.   ------------- 813 mg


15 जिंक.          ------------- 4.34 mg


16 ओमेगा 3 फेटीएसिड़ ---18 प्रतिशत


इसके अलावा इसमें Antioxidant जैसे लिगनेन,लाइकोपिन,ल्यूटिन ,जियाजोन्थिन पर्याप्त मात्रा में पायें जातें हैं.


अलसी के फायदे


::: मस्तिष्क के लिये --- अलसी में पाया जानें वाला ओमेगा 3 फेटीएसिड़ मानव शरीर में प्राकृतिक रूप में नही बनता हैं.जो कि मस्तिष्क के विकास के लिये अति आवश्यक हैं.


::: ह्रदय रोग में --- अलसी का नियमित रूप से भूनकर उपयोग किया जावें तो धमनियों में खून का धक्का बननें से रोकती हैं.इसके अलावा रक्त में अच्छे कोलेस्ट्राँल (H.D.L.) का स्तर बढ़ाती हैं.जबकि खराब कोलेस्ट्राँल (L.D.L.) तथा ट्राइग्लिसराइड़ का स्तर घटाती हैं.

::: मधुमेह में  ---  इसमें पाया जानें वाला जियाजोन्थिन नामक तत्व मधुमेह के शरीर पर होनें वाले दुष्प्रभावों को नियत्रिंत करता हैं.इसके लिये अलसी को चपाती बनाने वाले आटे में मिलाकर इस्तेमाल करें.


::: त्वचा रोगों में --- दाद,खाज,खुजली या फंगल इन्फेक्शन  होनें पर अलसी का प्रयोग काफी प्रभावशाली रूप में इन समस्याओं को नियत्रिंत करता हैं,क्योंकि इसमें पाया जानें वाला लिगनेन नामक तत्व जीवाणुरोधी,फंफूदरोधी,और वायरसरोधी होता हैं.इसके लिये इसका प्रयोग खाद्य के साथ बाह्य रूप में करें.

अलसी के तेल में समान भाग चूने का पानी मिलाकर मरहम बना लें,यह मरहम जलें हुए स्थान पर लगाने से जला हुआ शीघ्र ठीक होता है और छाले नहीं होते हैं।


:::: कब्ज में --- अलसी में रेशा पर्याप्त मात्रा में होता हैं,जो कब्ज, अपच,एसीडीटी को समाप्त कर देता हैं.

::: बालों की समस्या में ---

 यदि बाल बहुत अधिक झड़ रहे हैं तो सुबह शाम आधा आधा चम्मच अलसी के बीज गर्म पानी के साथ लेना चाहिए ऐसा करने से बाल झड़ना बंद हो जाते है।


अलसी का काढ़ा पीनें से असमय सफेद होने वाले बाल फिर से काले होने लगते है। 

अलसी का तेल सिर पर लगाने से बाल चमकदार,काले और घने बनते हैं।

 कुपोषण समाप्त कैंसे करें--- अलसी में वे सभी तत्व जैसे,विटामिन,प्रोटीन, खनिज लवण पाये जातें हैं,जो कुपोषण को खत्म करते हैं.यदि कुपोषित बच्चों को अलसी का सेवन करवाया जाए तो बच्चा स्वस्थ और सुपोषित हो जाता हैं।

सूजन कम करनें में

अलसी में सूजन कम करनें वालें तत्व प्रचुरता में पाए जाते हैं ये सूजन पैदा करनें c reactin protein की मात्रा शरीर में कम करता हैं जिससे शरीर का सूजन कम होता हैं । 

अलसी की चाय बनाकर पीनें से शरीर की सूजन कम होती हैं।


अलसी में पाया जानें वाला तेल सम्पूर्ण स्नायुमण्ड़ल को मज़बूत बनाकर रोग प्रतिरोधकता बढ़ाता हैं.

::: कैंसर की संभावना कम करती है ---अलसी का 
काढ़ा बनाकर सुबह-शाम पीनें से शरीर में कैंसर कोशिकाओं के बनने की संभावना समाप्त हो जाती हैं,इसी प्रकार यदि शरीर में कोई गांठ हो तो वह अलसी का काढ़ा पीने से पिघल जाती है। 


::: 
मोटापा कम करती है अलसी --- अलसी का  
काढ़ा पीने से शरीर में मौजूद अतिरिक्त चर्बी पिघल जाती है इस तरह से यदि शरीर मोटा हो तो वह कुछ समय पश्चात दुबला होने लगता है। 


::: थाइराइड में --- सुबह 
खाली पेट अलसी का सेवन करने से हाइपोथायरायडिज्म और हाइपरथाइराइड दोनों नियंत्रित हो जातें हैं ।

::: फोड़ा कैसें पकाएं ---  अलसी के बीज और कोयला समभाग  और इसमें थोड़ा सा आटा डालकर मिक्सर में पीस लें,इस मिश्रण को फोड़े पर बांध लें। फोड़ा पक जाएगा‌


अलसी के नुक़सान क्या है


वैसे तो अलसी हर परिस्थिति में फायदा ही पंहुचाती है किन्तु अलसी खाने से कुछ नुक़सान भी हो सकतें हैं जैसे

० अलसी आयुर्वेद मतानुसार गर्म प्रकृति की होती हैं अतः गर्भावस्था,नकसीर की समस्या में,अलसी का सेवन न करें।

० अलसी में फायबर प्रचुरता से पाया जाता हैं अतः जिन लोगों को पतले दस्त हो उन्हें अलसी सेवन नहीं करना चाहिए।

० अलसी से कुछ लोगों में एलर्जी की समस्या हो जाती हैं अतः ऐसे लोग अलसी का सेवन नहीं करें ।

० जिन महिलाओं को मासिक धर्म में अनियमितता होती हैं वे भी अलसी का सेवन न करें ।

० जिन लोगों को आंतों से सम्बंधित बीमारी है वे भी अलसी का सेवन न करें ।

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