पोलियो (poliomyelitis) क्या हैं ? बताइये what is polio in Hindi
पोलियो माइलाइटिस विषाणु (poliomyelitis) से होनें वाला तीव्र संक्रामक रोग हैं, जो शून्य से पाँच साल तक के बच्चों में फैलता हैं.पोलियो वायरस polio virus matr manusyo ko hi prabhavit karta hai मात्र मनुष्यों को ही प्रभावित करता हैं.यह वायरस बच्चों में रीढ़ की हड्डी के माध्यम से मस्तिष्क मे पहुँच जाता हैं,और बच्चें का एक पाँव या दोनों पाँव पक्षाघात से ग्रस्त हो जातें हैं.
यघपि विश्व स्वासथ संगठन (W.H.O.) भारत को पोलियो मुक्त घोषित कर चुका हैं.परन्तु अनेक अल्पविकसित राष्ट्रों की यह प्रमुख समस्याओं में से एक हैं.
यघपि विश्व स्वासथ संगठन (W.H.O.) भारत को पोलियो मुक्त घोषित कर चुका हैं.परन्तु अनेक अल्पविकसित राष्ट्रों की यह प्रमुख समस्याओं में से एक हैं.
पोलियो कैसें फेलता हैं ? how to spread polio in Hindi
० पोलियो प्रभावित व्यक्ति के मल से .
० पोलियो प्रदूषित जल से.
० प्रदूषित भोजन से .
पोलियो कितनें प्रकार का होता हैं ? Types of polio in Hindi
पोलियो मुख्यत तीन प्रकार का होता हैं ::
० PV - 1 यह पोलियो वायरस सर्वाधिक खतरनाक किस्म का होता हैं,जिसमें होनें वाला पक्षाघात अत्यन्त कष्ट़दायक होता हैं.
० PV - 2 यह वायरस PV - 1 से दुर्बल होता हैं ,जिसमें मस्तिष्क ज्वर जैसे लक्षण दिखाई देते हैं.और मस्तिष्क क्षतिग्रस्त होकर स्मरण शक्ति का लोप हो जाता हैं.
० PV - 3 यह वायरस छिटपुट रूप में ही पाया जाता हैं, इससे ग्रस्त रोगी को लम्बे समय तक थकान बनी रहती हैं.तथा कालांतर में रोगी को पार्किसंन की संभावना बनी रहती हैं.
क्या पोलियो (polio) का कोई इलाज़ हैं ?
जी नहीं, पोलियो का अब तक कोई प्रभावी इलाज़ विकसित नहीं हो पाया हैं.सिर्फ ट़ीकाकरण द्धारा इससे बचा जा सकता हैं ,टीकाकरण भी दो प्रकार का होता हैं ::-
#1.opv या oral polio vaccine :::
यह मुहँ के द्धारा बच्चों को पिलानें वाला ट़ीका हैं,यह सबसे सर्वोंत्तम और सुरक्षित माना जाता हैं.यह जंगली वायरस से प्रभावी सुरक्षा प्रदान कर संक्रमण से बचाता हैं. सबसे बड़ी बात यह हैं कि इसे बीमार और एक दिन के शिशु को भी पिलाया जा सकता हैं.यह ट़ीकाकरण पद्धति सामूहिक रूप से वायरस का उन्मूलन करती हैं.भारत ने इसी पद्धति के द्धारा पोलियो का उन्मूलन किया हैं.
#2.Ipvया injectable polio vaccine :
यह इंजेक्सन के द्धारा दियें जानें वाली ट़ीकाकरण पद्धति हैं.जिसमें बच्चा व्यक्तिगत रूप से सुरक्षा प्राप्त करता हैं,यह पद्धति मुख्यत विकसित राष्ट्रों में अपनाई जाती हैं,क्योंकि वहाँ सामूहिक संक्रमण का खतरा कम होता हैं.
###कितनी मात्रा में और कब तक ट़ीकाकरण किया जाता हैं ?
यह कई बातों पर निर्भर करता हैं, जैसे बच्चें की प्रतिरक्षा प्रणाली कैसी हैं. पोषण स्तर कैसा हैं.और जिस क्षेत्र में पोलियों टीकाकरण किया गया वहाँ पोलियों वायरस के फेलनें की दर क्या हैं. यदि आबादी की सघनता हैं, और पोलियो के प्रकरण प्रकाश में आ रहे हैं,तो बार - बार टीकाकरण करना पड़ेगा और बार - बार दो बूँद जिंदगी की पिलानी पड़ेगी.
भारत पोलियो मुक्त हो गया हैं,किन्तु फिर भी बार - बार पोलियो अभियान क्यों चलाया जाता हैं ?
विश्व में तीन राष्ट्र ऐसे हैं,जहाँ आज भी पोलियो का प्रभाव हैं,ये राष्ट्र हैं पाकिस्तान,अफगानिस्तान और नाइजिरिया जिनमें से दो राष्ट्रों की सीमा भारत को स्पर्श करती हैं ,इन राष्ट्रों से नागरिको का आवागमन भारत में और भारत से इन राष्ट्रों में नागरिको का आवागमन होता रहता हैं,अत: विषाणु से नागरिको को बचानें हेतू तब तक पोलियो अभियान चलाना पड़ेगा तब तक कि ये तीनों राष्ट्र पोलियो मुक्त नही हो जाते.
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