सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

आत्महत्या व्यक्तित्व का गंभीर नकारात्मक पहलू

आत्महत्या (suicide) व्यक्तित्व का ऐसा नकारात्मक पहलू हैं,जो विश्व के प्रत्येक राष्ट्र में घट़ित हो रहा हैं.चाहे राष्ट्र विकसित हो,विकासशील हो,या अल्पविकसित हो.

लोग हर परिस्थितियों में अपनें को मौत के आगोश में धकेल रहे हैं,चाहें बीमारी हो,असफलता हो,तनाव हो,अकेलापन हो,सम्मान की हानि हो,बेरोज़गारी हो, अत्यधिक खुशी हो, सफलता का अत्यधिक नशा हो कहनें का तात्पर्य यही हैं,कि लोग हर परिस्थिति में आत्महत्या करतें हैं.

लेकिन क्या इन आत्महत्याओं को रोका जा सकता हैं.बेशक रोका जा सकता हैं.जीनें की चाह हर प्राणी में होती हैं.कोई शिशु या अबोध बालक आत्महत्या नहीं करता हैं,आत्महत्या करनें वाला इसके परिणाम के प्रति पूर्व परिचित होता हैं.

तो व्यक्तित्व में ऐसा क्या परिवर्तन किया जावें कि आत्महत्या का विचार त्याग दे,कुछ सुझाव निम्न हैं :::


० जीवन अनमोल हैं :::


आत्महत्या करनें वाला व्यक्ति जीवन को सबसे बड़ा बोझ मानकर इसे समाप्त करनें को तत्पर रहता हैं,लेकिन यदि हम उस व्यक्ति को कुछ बातें समझानें में कामयाब हो गये तो निश्चित रूप से उसे जीवन का निहितार्थ समझ में आ जावेगा जैसे सुख हैं तो दुख हैं,दिन हैं तो रात भी हैं यानि हर चीज के दो पहलू हैं और प्रत्येक मनुष्य के जीवन में ये दो पहलू घट़ित होतें हैं. प्रसिद्ध दार्शनिक खलिल जीब्रान का एक कथन बहुत प्रसिद्ध हैं,कि 

जबसे मैनें देखा हैं,कि महलों के गद्दों पर सोनें वालों के सपनें नंगी ज़मीन पर सोनें वालों से जुदा नहीं होतें तब से मुझे न्याय प्रभु के प्रति असीम श्रद्धा पैदा हो गई


सही बात है इस दुनिया में रहनें वाले प्रत्येक प्राणी चाहें राजा हो या रंक हर समय सुखी नहीं रह सकता कभी न कभी परिस्थितियाँ विपरीत जाती ही हैं,और यदि वह हर समय सुखी रहता हैं,उसके जीवन में दुख आता ही नहीं हैं,तो निश्चित रूप से वह मानव नहीं देवता तुल्य हैं,जो कि मेरे हिसाब से प्रथ्वी पर तो नही रहता हैं.


० उपेक्षा के भावों को नजरंदाज करें :::



कई शोधों के पश्चात यह बात साबित हुई हैं,कि यदि व्यक्ति अपनें आपको उपेक्षित महसूस करता हैं,तो उसमें हीन भावना घर कर जाती हैं.


यह हीन भावना जब चर्मोत्कर्ष पर होती हैं,तो व्यक्ति आत्महत्या की ओर उन्मुख हो जाता हैं.


किसी भी व्यक्ति में यह लक्षण दिखनें पर उसका हर पल ख़्याल रखा जाना चाहियें .उसे हर समय यह अहसास दिलाये की उसकी इस दुनिया में बहुत आवश्यकता हैं.


आत्महत्या करनें की अन्य वज़ह यदि देखे तो वो भी काफी मामूली सी प्रतीत होती हैं,उदाहरण के लिये असफ़लता,नशा,गरीबी,बीमारीऔर टूटते रिश्ते.


इस प्रकार की आत्महत्या की दर युवाओं में सबसे ज्यादा देखी जाती हैं.विशेषकर 15 से 35 साल के युवा जो कि बिना सोचें समझे तुरंत ही घातक कदम उठातें हैं.


० आनलाइन गेम्स :::

आजकल आत्महत्या की नई प्रवृत्तियों का जन्म बहुत तेजी से हो रहा हैं.आत्महत्या की इस प्रवृत्ति में एक खेल के माध्यम से कुछ स्तर पूरे करनें को कहा जाता हैं.इन स्तरों में बहुमंजिला इमारतों से कूदने को कहा जाता हैं.इसी प्रकार का एक आनलाइन गेम ब्ल्यू व्हेल(Blue whales) हैं.



इस गेम के द्धारा आत्महत्या करनें वालों में बच्चों एँव किशोरों की अधिक तादात देखी जा रही हैं.


आनलाइन गेम को यदि कड़ी सेंसर प्रणाली अपना कर आमजनों के लिये प्रसारित किया जावें,तो इस प्रकार की आत्महत्या की कोशिशों पर अंकुश लग सकती हैं,इसके अलावा स्कूलों,अभिभावको को भी बच्चों पर निगरानी रखना चाहियें.


० आत्महत्या समस्या का समाधान नहीं :::


क्या कोई समस्याग्रस्त व्यक्ति आत्महत्या करके समस्या का हल कर देता हैं कदापि नहीं  अनेक अविष्कारकों ने अपनें अनुभवों के आधार पर बताया हैं,कि उन्हें भी आत्महत्या का ख्याल आया हैं,किन्तु यह ख्याल तब ज्यादा परेशान करता हैं,जब वे किसी नयें आविष्कार के सबसे करीब होतें हैं.


यानि आत्महत्या करनें वाला व्यक्ति इस तथ्य को जान ले कि वह समस्या के समाधान के सबसे करीब हैं,तो शायद समाज को एक समस्या का समाधान मिल जावें और उसके अनुभवों का लाभ भी.प्रसिद्ध आविष्कारक थामस एल्वा एड़िसिन कहा करते थे कि 

आविष्कार करनें के दोरान यदि मैं निन्नानवें बार असफ़ल होता हूँ तो मुझे इसमें परेशानी नहीं बल्कि संतोष ही मिलता हैं,कि निन्नानवें वे तरीकें हैं जिससे मुझे सफ़लता नहीं मिलगी.


 किसी ने कहा भी हैं,कि मन चंगा तो कठोती में गंगा भावार्थ यही हैं कि मन को इतना मज़बूत बनाओं कि समस्यायें बोनी नज़र आनी लगे .अन्त में एक और उद्धरण के साथ अपनी बात को विराम दूँगा कि


गिरतें हैं सहसवार ही मैंदानें जँग में वो क्या खा़क गिरेंगें जो घुट़नों के बल चलें.



• आत्मविकास के 9 मार्ग


० शास्त्रों में लिखे तेल के फायदे

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

PATANJALI BPGRIT VS DIVYA MUKTA VATI EXTRA POWER

PATANJALI BPGRIT VS DIVYA MUKTA VATI EXTRA POWER  पतंजलि आयुर्वेद ने high blood pressure की नई गोली BPGRIT निकाली हैं। इसके पहले पतंजलि आयुर्वेद ने उच्च रक्तचाप के लिए Divya Mukta Vati निकाली थी। अब सवाल उठता हैं कि पतंजलि आयुर्वेद को मुक्ता वटी के अलावा बीपी ग्रिट निकालने की क्या आवश्यकता बढ़ी। तो आईए जानतें हैं BPGRIT VS DIVYA MUKTA VATI EXTRA POWER के बारें में कुछ महत्वपूर्ण बातें BPGRIT INGREDIENTS 1.अर्जुन छाल चूर्ण ( Terminalia Arjuna ) 150 मिलीग्राम 2.अनारदाना ( Punica granatum ) 100 मिलीग्राम 3.गोखरु ( Tribulus Terrestris  ) 100 मिलीग्राम 4.लहसुन ( Allium sativam ) 100  मिलीग्राम 5.दालचीनी (Cinnamon zeylanicun) 50 मिलीग्राम 6.शुद्ध  गुग्गुल ( Commiphora mukul )  7.गोंद रेजिन 10 मिलीग्राम 8.बबूल‌ गोंद 8 मिलीग्राम 9.टेल्कम (Hydrated Magnesium silicate) 8 मिलीग्राम 10. Microcrystlline cellulose 16 मिलीग्राम 11. Sodium carboxmethyle cellulose 8 मिलीग्राम DIVYA MUKTA VATI EXTRA POWER INGREDIENTS 1.गजवा  ( Onosma Bracteatum) 2.ब्राम्ही ( Bacopa monnieri) 3.शंखपुष्पी (Convolvulus pl

गेरू के औषधीय प्रयोग

गेरू के औषधीय प्रयोग गेरू के औषधीय प्रयोग   आयुर्वेद चिकित्सा में कुछ औषधीयाँ सामान्य जन के मन में  इतना आश्चर्य पैदा करती हैं कि कई लोग इन्हें तब तक औषधी नही मानतें जब तक की इनके विशिष्ट प्रभाव को महसूस नही कर लें । गेरु भी उसी श्रेणी की   आयुर्वेदिक औषधी   हैं। जो सामान्य मिट्टी   से   कहीं अधिक   इसके   विशिष्ट गुणों के लिए जानी जाती हैं। गेरु लाल रंग की मिट्टी होती हैं। जो सम्पूर्ण भारत में बहुतायत मात्रा में मिलती हैं। इसे गेरु या सेनागेरु कहते हैं। गेरू  आयुर्वेद की विशिष्ट औषधि हैं जिसका प्रयोग रोग निदान में बहुतायत किया जाता हैं । गेरू का संस्कृत नाम  गेरू को संस्कृत में गेरिक ,स्वर्णगेरिक तथा पाषाण गेरिक के नाम से जाना जाता हैं । गेरू का लेटिन नाम  गेरू   silicate of aluminia  के नाम से जानी जाती हैं । गेरू की आयुर्वेद मतानुसार प्रकृति गेरू स्निग्ध ,मधुर कसैला ,और शीतल होता हैं । गेरू के औषधीय प्रयोग 1. आंतरिक रक्तस्त्राव रोकनें में गेरू शरीर के किसी भी हिस्से में होनें वाले रक्तस्त्राव को कम करने वाली सर्वमान्य औषधी हैं । इसके ल

होम्योपैथिक बायोकाम्बिनेशन नम्बर #1 से नम्बर #28 तक Homeopathic bio combination in hindi

  1.बायो काम्बिनेशन नम्बर 1 एनिमिया के लिये होम्योपैथिक बायोकाम्बिनेशन नम्बर 1 का उपयोग रक्ताल्पता या एनिमिया को दूर करनें के लियें किया जाता हैं । रक्ताल्पता या एनिमिया शरीर की एक ऐसी अवस्था हैं जिसमें रक्त में हिमोग्लोबिन की सघनता कम हो जाती हैं । हिमोग्लोबिन की कमी होनें से रक्त में आक्सीजन कम परिवहन हो पाता हैं ।  W.H.O.के अनुसार यदि पुरूष में 13 gm/100 ML ,और स्त्री में 12 gm/100ML से कम हिमोग्लोबिन रक्त में हैं तो इसका मतलब हैं कि व्यक्ति एनिमिक या रक्ताल्पता से ग्रसित हैं । एनिमिया के लक्षण ::: 1.शरीर में थकान 2.काम करतें समय साँस लेनें में परेशानी होना 3.चक्कर  आना  4.सिरदर्द 5. हाथों की हथेली और चेहरा पीला होना 6.ह्रदय की असामान्य धड़कन 7.ankle पर सूजन आना 8. अधिक उम्र के लोगों में ह्रदय शूल होना 9.किसी चोंट या बीमारी के कारण शरीर से अधिक रक्त निकलना बायोकाम्बिनेशन नम्बर  1 के मुख्य घटक ० केल्केरिया फास्फोरिका 3x ० फेंरम फास्फोरिकम 3x ० नेट्रम म्यूरिटिकम 6x