हाथ पांव ठंडे हो रहें हैं तो सावधान हो जाएं कहीं आपको ये बीमारी तो नहीं है
आसपास,पास पड़ोस, परिवार में,समाज में आपने ऐसे कई लोगों को कहते सुना होगा कि डाक्टर बदल बदलकर थक गये है पर अचानक से हाथ पैर,सिर ठंडा होना, बुखार आना बंद नहीं हो रहा हैं । पता नहीं कोंन सी बीमारी है जो पीछा ही नहीं छोड़ रहीं हैं । लम्बे समय तक बीमारी पीछा नहीं छोड़ती तो मनुष्य अवसाद, तनावग्रस्त होकर आत्महत्या करने की सोचने लगता हैं ।
वास्तव में हाथ पैरों तलवों सिर का ठंडा होना (cold hand,cold feet), बुखार जैसा महसूस होना किसी एक कारण से नहीं होता हैं इसके पीछे पहले से चली आ रही बीमारी या होनें वाली संभावित बीमारी मुख्य कारण होती हैं ,तो आईए जानते हैं हाथ पांव ठंडे रहने के कारणों के बारें में जिनसे बेवजह हाथ पांव ठंडे हो रहें हैं
हाथ पांव ठंडे रहने के कारण ::
मधुमेह
हाथ पांव ठंडे सोनें का सबसे आम कारण मधुमेह हैं , मेडिसिन भाषा में इसे पेरिफेरल न्यूरोपैथी कहा जाता हैं। इस अवस्था में हाथ पैरों में के पंजों में ठंड लगती हैं किंतु हाथ से छूने पर उनमें गरमाहट लगती हैं । इसका कारण मधुमेह से नसों का क्षतिग्रस्त होना होता हैं । यदि लम्बें समय तक समस्या बनी रहती हैं तो यह समस्या स्थाई हो जाती हैं और मरीज की रोजमर्रा की जिंदगी बहुत कष्टप्रद बन जाती हैं ।
ह्रदयरोग
जब ह्रदय की धमनियों में कोलेस्ट्रॉल जमा होकर ह्रदय की धमनियों को जाम कर देता हैं तो हाथ और पांव तक खून की आपूर्ति नहीं हो पाती हैं फलस्वरूप धिरे धिरे हाथ पांव की नसें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं । और हाथ पांव ठंडे पड़ने लगते हैं। इस प्रकार की समस्या में कभी कभी एक ही हाथ या एक ही पांव ठंडा होता हैं या दोनों हाथ पांव कम या ज्यादा ठंडे होतें हैं ।
इस प्रकार की समस्या में हाथ पांव ठंडे होनें की जगह दर्द,सुन्नहोना, पांव हाथ पतले होना और हाथ पांव में कमजोरी भी हो सकती हैं ।
एनिमिया
ज्यादातर युवाओं और किशोरीयों में जब खून की कमी हो जाती हैं और यह कमी लम्बें समय तक बनी रहती हैं तो हाथ पांव के तलवों में ठंडा महसूस होता हैं। चूंकि युवावस्था शारीरिक विकास की अवस्था होती हैं अतः शरीर में खून की पूर्ति होनें पर यह समस्या भी बहुत तेजी से ठीक हो जाती हैं ।
किडनी संबंधित समस्या
यदि किडनी से संबंधित कोई समस्या हैं तो किडनी ठीक से काम नहीं कर पाती हैं और शरीर का रक्तचाप ऊपर-नीचे होता रहता है, फलस्वरूप या तो पूरे शरीर में कंपकंपी महसूस होगी या हाथ पैरों में ठंडा महसूस होगा ।
एनोरेक्सिया नर्वोसा
यह खानपान से संबंधित एक बीमारी है जिसे कामन मेडिकल भाषा में इटिंग डिस आर्डर कहते हैं।इस बीमारी में शरीर में वसा की कमी हो जाती हैं फलस्वरूप हल्की ठंड में भी शरीर में गरमाहट महसूस नहीं होती और शरीर के साथ साथ पांव ठंडे हो जातें हैं ।
हार्मोन असंतुलन
हार्मोन असंतुलन की वजह से शरीर में हार्मोन या तो कम बनते हैं या अधिक बनते हैं उदाहरण के लिए थायरायडिज्म, टेस्टोस्टेरोन हार्मोन , एड्रीनलीन हार्मोन असंतुलन की वजह से शरीर और हाथ पांव ठंडे हो जातें हैं ।
कभी कभी शरीर के जोड़ों में भी बहुत अधिक ठंड महसूस होती हैं ।
रेनोज बीमारी
रेनोज बीमारी में हाथ पांव की नसें तनाव या ठंड बढ़ने पर बहुत तेजी से सिकुड़ जाती हैं और इस वजह से नसों में खून का प्रवाह रुक जाता हैं।यह अवस्था पैरों की उंगलियों के लिए और शरीर के अंगों के लिए बहुत घातक साबित होती हैं। और प्रभावित अंग में ठंड लगने के साथ अंग सफेद और नींदें भी पढ़ जातें हैं ।
अत्यधिक ठंड
जिन इलाकों में तापमान शून्य से नीचे रहता है वंहा सबसे ज्यादा ठंड का प्रभाव हाथ पैरों में और उंगलियों में ही महसूस होता है । यदि हाथ पैरों में लम्बे समय तक बिना ऊनी मोजे पहने शून्य से निचें तापमान में रहें तो हाथ पांव की नसें स्थाई रुप से क्षतिग्रस्त हो जाती हैं और इनमें ठंड महसूस होती रहती हैं ।
शराब, तम्बाकू का अधिक सेवन
यदि शराब और तंबाकू का अत्यधिक सेवन किया जाता हैं तो धीरे-धीर मस्तिष्क का तापमान नियंत्रण केंद्र हाइपोथेलेमस शरीर का तापमान नियंत्रित नहीं कर पाता है । फलस्वरूप हाथ पांव ठंडे होतें हैं ।
दवाईयों का अत्यधिक सेवन
कुछ विशेष प्रकार की दवाईयों जैसे पेरासिटामोल का अत्यधिक इस्तेमाल करने से शरीर का तापमान असंतुलित होकर हाथ पांव ठंडे होना शुरू हो जातें हैं ।
रासायनिक पदार्थों के सम्पर्क से
यदि हाथ और पांव लगातार रासायनिक पदार्थों के सम्पर्क में रहते हैं तो हाथ और पांव की नसें क्षतिग्रस्त हो जाती है फलस्वरूप हाथ पांव में ठंड महसूस होती हैं उदाहरण के लिए खेतों में काम करने वाले किसान बिना सुरक्षा उपकरण के रासायनिक दवा,खाद का छिड़काव करतें हैं तो हाथ पांव में ठंडा महसूस होता हैं ।
विशेष अवसरों पर शरीर की प्रतिक्रिया
कभी कभी कुछ विशेष धार्मिक क्रियाकलापों और ढोल नगाड़ों की आवाज़ में व्यक्ति का शरीर बहुत तेजी से कंपकंपाता हैं, लम्बे समय तक व्यक्ति इस अवस्था में रहता है तो हाथ और पांव सफेद हो जाते हैं और उनमें ठंडक महसूस होती हैं ।
जेट लेग के कारण
जो लोग लगातार लम्बी लम्बी हवाई यात्रा करतें हैं उनके पैरों में खून का प्रवाह कम हो जाता हैं फलस्वरूप पांवों के तलवों और घुटनों से नीचे ठंड महसूस होती हैं।
दुर्घटना
यदि किसी कारणवश दुर्घटना में हाथ पांव की मांसपेशियां अधिक क्षतिग्रस्त हो जाती हैं तो अधिक उम्र होनें पर हाथ पांव में ठंडक महसूस होती हैं ।
शरीर में विटामिन की कमी
कुछ विटामिन जैसे विटामिन डी, विटामिन बी 12, विटामिन ई आदि की कमी के कारण भी हाथ पांव ठंडे रहते हैं।
बचाव के उपाय
यदि हाथ पांव ठंडे हो रहें हों तो तुरंत उचित कारण जानकर विशेषज्ञ से परामर्श कर निदान करें इसके अलावा इस बीमारी से बचाव हेतू कुछ सावधानियां भी बरतें जैसे
1.संतुलित खानपान को जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा बना लें, कुछ विशेष फल और सब्जियां इस बीमारी से बचाव हेतू प्रयोग कर सकते हैं जैसे चुकंदर,पालक,गराडू,अनार और पाइनेप्पल ।
2.त्रिकोणासन और शलभासन जैसे योग बीमारी से बचाव और बीमारी होनें के बाद भी बीमारी को बढ़ने से रोकते हैं ।
3.तिल तेल और सरसों तेल से शरीर की नियमित मालिश करने से शरीर का रक्त संचार सुधरकर बीमारी दूर होती है ।
4. शरीर में पानी की कमी न हो इसके लिए प्रर्याप्त मात्रा में पानी पीतें रहें।
5.यदि मधुमेह और रक्तचाप से पीड़ित हैं तो नियमित रूप से शरीर की जांच अवश्य कराएं।
6.ठंडी जगहों पर रहने वालों को हर समय अपने हाथ और पांव को ढक कर रखना चाहिए ।
7.मस्तिष्क को भ्रमित करनें वाले खानपान जैसे मोनोसोडियम ग्लूटामेट का इस्तेमाल भोजन में नहीं करें ।
8.नियमित रुप से तीन किलोमीटर प्रतिदिन पैदल चलने से बीमारी नहीं होती हैं।
9.चिकित्सकीय सलाह के बिना लगातार पेरासिटामोल या अन्य दर्द निवारक दवा का इस्तेमाल न करें ।
10.हाथ पांव में घाव हैं तो इसके तुरंत उपचार कराएं।
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