परिचय :::
केला मूल रूप से दक्षिण - पूर्व एशिया का फल हैं,जो कालान्तर में अपनी बेजोड़ स्वाद विशेषता और औषधि गुणों के कारण सम्पूर्ण विश्व में लोकप्रिय हो गया.
भारत में केले की पत्तियों, केले का तना ,केले का फूल और दूध का इस्तेमाल खानें से लेकर औषधि तक में किया जाता हैं,इसी कारण इसे भारत में " विद्धानों का फल " कहा जाता हैं.
केले में मौजूद पौषक तत्व
ऊर्जा कार्बोहाइड्रेट शर्करा
90 kcal. 22.84 %. 12.23%
वसा प्रोटीन. चिकनाई
0.33%. 1.09%. 0.60%
खनिज़ लवण. पोटेशियम आक्साइड़
0.80%. 11.10%
सोड़ियम आँक्साइड़ कैल्सियम आक्सा
5.61%. 0.68%
फास्फोरस जिंक. विटा. B 1
3.00%. 1.0%. 0.07 mg
विटा.B 2. विटा.B 3. विटा.B 5
0.86mg. 0.83 mg. 0.34mg.
विटा.B 6. विटा.B 9.
0.88 mg. 29 mg.
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(प्रति 100 ग्राम)
केले खाने के फायदे :::
पीलिया (jaundice) में :::
एक पका हुआ केला और शहद (50 gm) लेकर उसे कद्दूकस करलें यह योग लगातार 20 दिनों तक लें पीलिया जड़ से समाप्त हो जावेगा.
इसके अलावा पके केले को चूनें के पानी में रातभर भिगोकर उसे सुबह खा लें यह प्रयोग भी लगातार 20 दिनों तक करनें से पीलिया समाप्त हो जाता हैं.
मधुमेह ( diabetes) :::
केले का फूल banana flower सब्जी के रूप में खानें से मधुमेह नियत्रिंत रहता हैं.
पेचिस और उदर रोगों में :::
केलें को पेट़ रोगों का सर्वोत्तम आहार माना जाता हैं,यह पाचन क्रिया को मज़बूत बनाता हैं.पेचिस में यदि केला निम्बू के साथ खाया जावें तो पेचिस खत्म हो जाता हैं.अल्सर के मरीज़ के लिये केला फायदेमंद होता हैं.केला आँतों को साफ कर कब्ज समाप्त करता हैं.
कच्चे केले की सब्जी खानें से पेप्टिक अल्सर में राहत मिलती हैं।
अस्थमा (Asthma) में :::
पके केले को गर्म कर उसमें हींग ,काली मिर्च मिलाकर खानें से आराम मिलता हैं.
वज़न बढ़ानें (weight grow) में :::
यदि वज़न कम हैं तो दूध के साथ केला मिलाकर खानें से वज़न शीघृ बढ़ता हैं.
एनिमिया (anaemia) में :::
केले में आयरन पर्याप्त मात्रा में पाया जाता हैं,जो हिमोग्लोबिन (haemoglobin) को बढ़ाता हैं.इसके लियें केले का नियमित सेवन करना चाहियें.
मूत्र रोगों में :::
बार - बार पेशाब की समस्या हो तो केले के पत्तों का रस निकालकर उसमें शहद मिलाकर पीयें.शुक्राणु से संबधित समस्याओं में केले दालचीनी, शहद, आंवला रस और मिलाकर चाँदी के पात्र में रातभर रखकर सुबह दूध के साथ सेवन करें.
प्रदर रोगों में :::
यदि श्वेत प्रदर (leucorrhoea) की समस्या हो तो केले के पत्तों की खीर बनाकर खातें रहे जल्दी ही रोग समाप्त हो जाता हैं.
रक्तचाप (blood pressure) में :::
केले में उपस्थित पोटेशियम और मैग्निशियम रक्तचाप को संतुलित बनायें रखता हैं.
बांझपन (infertility) में :::
केले का ताजा फूल दही के साथ खानें से शरीर में प्रोजेस्ट्राँन हार्मोंन का स्तर बढ़ जाता हैं,और इसके कारण होनें वाला बाँझपन समाप्त हो जाता हैं.मासिक धर्म भी खुलकर आता हैं.
जहरीलें जानवर के काट़नें पर :::
साँप,बिच्छू जैसे जहरीलें जानवर के काटनें पर तुरन्त केले के तनें को व्यक्ति चबानें को कहे या रस निकालकर पीलायें,सात आठ बार पीलानें से आराम मिल जाता हैं.
सौन्दर्य प्रसाधक के रूप में :::
चेहरे का कालापन मिटानें और झाइयाँ हटानें के लिये केला और अँड़ा मिलाकर चेहरे पर लगाते रहनें से चेहरा कांतिमय और रंग गोरा हो जाता हैं.बालों को झड़नें से रोकनें,काले घने बनानें के लिये आंवला, अँड़ा और केला तीनों मिलाकर बालों में आधा घँटा लगाकर धो लें.
तनाव (stress) में :::
केले में ट्राइप्टोफान एमिनो एसिड़ पाया जाता हैं,जो आधुनिक खोजों के अनुसार तनाव कम कर मन को शांत करनें वाला एमिनों एसिड़ हैं.साथ ही ह्रदय को मज़बूती प्रदान करता हैं,और ह्रदयघात (Heart attack) की सम्भावना समाप्त करता हैं.
केले में ब्रोमेलेन नामक एंजाइम प्रचुरता से पाया जाता हैं,यह एंजाइम शरीर में टेस्टोस्टेरोन का स्तर बढ़ाता है । जिससे तनाव दूर होता हैं और मर्दाना ताकत mardana takat बढ़ती है ।
इम्यूनिटी बढ़ाने में केला :::
केले को गुनगुने दूध के साथ सुबह नाश्ते में खाने से शरीर की इम्यूनिटी बढ़ती हैं । किन्तु ध्यान रहें जिन लोगों का वज़न अधिक हो उन्हें केला दूध नहीं खाना चाहियें ।
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नकसीर में :::
केले को मीठें दूध के साथ सेवन करनें से नकसीर बंद हो जाता हैं.
केला खातें समय कुछ सावधानियाँ भी अवश्य रखनी चाहियें जैसे आवश्यकता से अधिक केले का सेवन फायदे के स्थान पर नुकसान ही पहुचाँता हैं.भूखे पेट़ केला नहीं खाना चाहियें, केले से एलर्जी होनें पर उसका उपयोग नहीं करें.
० फिटनेस के लिये सतरंगी खान पान
० बरगद पेड़ के फायदे
० तुलसी के फायदे
कच्चा केला खानें के फायदे
आयुर्वेद चिकित्सा ग्रंथों की मानें तो कच्चा केला स्टार्च का उत्तम स्त्रोत होता हैं। कच्चें केले के व्यंजन बनाकर खानें से या कच्चें केले को उबालकर खानें से आंतों में मौजूद गुड बेक्टेरिया की वृद्धि होती हैं।
कच्चा केला प्राकृतिक फायबर का उत्तम स्त्रोत होता हैं जो आंतों की सफाई कर कब्ज से छुटकारा दिलाता हैं।
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