बच्चों में कावासाकी रोग कैसे होता हैं kawasaki disease
कावासाकी रोग या कावासाकी सिंड्रोम 5 साल से कम उम्र के बच्चों में होनें वाली एक प्रकार की आंखों इम्यून बीमारी Auto immune disease हैं । कावासाकी रोग से सबसे ज्यादा त्वचा,ह्र्दय और mucous membrane प्रभावित होती हैं ।
• कावासाकी रोग की खोज किसनें की थी ?
कावासाकी रोग की खोज सन् 1967 में जापानीज डाक्टर तोमिसाकु कावासाकी द्वारा की गई थी । और उन्ही के नाम पर इस बीमारी का नाम कावासाकी रोग या कावासाकी सिंड्रोम पड़ा ।
• कावासाकी रोग के लक्षण
० कावासाकी रोग की प्रारंम्भिक अवस्था में बच्चें को तेज बुखार आता हैं । जो कि एक से दो माह तक किसी बुखार कम करनें वाली दवाई या Antiboitc से कम नहीं होता हैं ।
० बच्चें को नेत्रशोध conjunctivitis हो जाता हैं।
० जीभ का लाल सुर्ख हो जाना जिसे straberry tounge कहतें हैं । इस रोग की बहुत महत्वपूर्ण पहचान हैं ।
० गुदा की चमडी निकलना और गुदा पर सूजन होना ।
० हाथों की चमडी निकलना और खुजली होना
० होंठों पर सूजन होना
० होंठ फटना और होंठों से खून निकलना
० आंखों में लालिमा
० शरीर पर चकतें निकलना
० टीकाकरण वाली जगह पर लम्बें समय बाद सूजन आना ।
० ह्रदय को रक्त प्रदान करनें वाली धमनी का लटक जाना जिसे coronary artery aneurysm कहतें हैं ।
० गर्दन की नसों में सूजन आना
० पेट में तेज दर्द
• कावासाकी रोग का कारण क्या होता है
कावासाकी रोग एक आटो इम्यून Auto immune बीमारी हैं अर्थात मनुष्य का शरीर अपनें खुद की प्रतिरोधक क्षमता से लड़नें लगता हैं ।
कावासाकी रोग का वास्तविक कारण अब तक अज्ञात हैं किन्तु आधुनिक खोजों से ज्ञात हुआ हैं कि वायरल इन्फेक्शन इस रोग का कारण होता हैं ।
• कावासाकी रोग का इलाज
√ कावासाकी रोग आटो इम्यून डिजीज हैं जिसका इलाज लक्षणों के आधार पर किया जाता हैं । यदि रोगी की स्थिति गंभीर हैं तो अस्पताल में भर्ती किया जाता हैं।
√ कावासाकी रोग आयुर्वेद मतानुसार सन्निपातज पित्त प्रधान प्रक्रति का रोग हैं । गिलोय इम्यूनोडाइल्यूटर होनें से इस रोग में बहुत अच्छा फायदा प्रदान करती हैं ।
√ कावासाकी रोग की होनें पर बच्चें को पर्याप्त मात्रा मेंतरल पदार्थों का सेवन करवाना चाहियें ।
√ यदि शरीर में खनिज तत्वों की कमी हो जाती हैं तो इसकी पूर्ति Oral rehydration salt और फलों के रस देकर करनी चाहिए ।
√ रोगी के शरीर का बुखार कम करनें के लियें उसें ठंडी जगह पर रखें ।
√ यदि ह्रदय से संबंधित कोई समस्याए हो रही हो तो चिकित्सक की देखरेख में रखकर उचित इलाज करवाना चाहियें ।
√ बच्चें का बुखार 5 दिन तक कम नहीं हो रहा हो तो तुंरत आगें की जांच करवाना चाहियें ताकि कावासाकी रोग को प्रारंम्भिक अवस्था में पहचाना जा सकें ।
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