सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

B.G.R.-34 Tablet | डाइबिटीज के उपचार के लिए हर्बल दवा

B.G.R.-34 Tablet | डाइबिटीज के उपचार के लिए हर्बल दवा

B.G.R.-34 Tablet C.S.I.R.और NBRI के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित पूर्णतः हर्बल औषधि हैं.B.G.R.-34 Tablet के रूप में आती हैं और यह दवा प्रसिद्ध आयुर्वेदिक उत्पाद निर्माता कंपनी AIMIL pharmaceutical द्वारा बनाई जाती हैं.

कंपनी के अनुसार यह गोली टाइप 2 डाइबिटीज के लिए Blood Glucose Regulator का काम करती हैं.

B.G.R.-34 Tablet में पाए जानें वाले तत्व

B.G.R.34 की एक टेबलेट में 620 मिलीग्राम तत्व मौजूद होते हैं आईए जानतें हैं B.G.R.34 Tablet में मौजूद तत्वों के बारें में और B.G.R.34 Tablet ke fayde के बारें में
B.G.R.-34 Tablet, बीजीआर 34 टेबलेट के फायदे और नुकसान


1. दारुहरिद्रा  Berberis aristata 

B.G.R.34 Tablet में दारुहरिद्रा का सत 1150 मिलीग्राम और 75 मिली ग्राम दारुहरिद्रा का पावड़र मिला होता हैं. 
दारुहरिद्रा


दारुहरिद्रा उत्तरी हिमालय में मिलने वाली औषधि हैं, आयुर्वेद चिकित्सा में प्राचीन काल से ही दारुहरिद्रा मधुमेह के उपचार में प्रयोग की जा रही हैं.

• दारुहरिद्रा इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाओं को स्वस्थ्य रखती हैं जिससे शरीर में इंसुलिन का उत्पादन सही स्तर पर बना रहें.

• National Center for Biotechnology Information  के अनुसार टाइप 2 डाइबिटीज से पीड़ित 36 लोगों को 3 माह तक प्रतिदिन दारुहरिद्रा का सत और ऐलोपैथिक दवा Metformin दी गई. शोध के नतीजों के अनुसार जिन लोगों को टाइप 2 डाइबिटीज में उल्लेखनीय सुधार आया और यह सुधार ऐलोपैथिक दवा मेटफॉर्मिन लेने के समान ही था.

शोधकर्ताओं के अनुसार जिन लोगों ने दारुहरिद्रा ली थी उनकी hb1c (पिछले तीन महिनों की औसत ब्लड ग्लूकोज) में 9.5 प्रतिशत से लेकर 7.5 प्रतिशत की उल्लेखनीय कमी आई. 

• दारुहरिद्रा कोशिकाओं की इंसुलिन प्रतिरोधक क्षमता को सुधारती है जिससे रक्त शर्करा कोशिकाओं द्वारा अवशोषित होती हैं और खून में रक्त शर्करा का स्तर कम होता हैं.

2. विजयासार Pterocarpus marsupium 

B.G.R. 34 में  विजयासार का चूर्ण 25 मिलीग्राम और विजयासार के चूर्ण से निकला सत 400 मिलीग्राम होता हैं.

• विजयासार खून में रक्त शर्करा को नियंत्रित करने की शरीर की प्राकृतिक क्षमता को बनाता हैं.

• Delhi Institute of Pharmaceutical Research के चूहों पर किए गए शोध नतीजों के अनुसार विजयासार टाइप 2 डाइबिटीज को प्रभावी ढंग से कम करता है.

• NCBI की चूहों पर की गई शोध के अनुसार विजयासार Diabetic cataract के लिए उत्तरदायी एंजाइम Aldose Reductase को बढ़ने से रोकती हैं.

• ताजा शोध नतीजों के अनुसार विजयासार में मौजूद Flavonoids हिमोग्लोबिन के साथ चिपकने वाली शर्करा जिसे Glycosylated Hemoglobin कहते हैं और जो किडनी, ह्रदय और लीवर की कोशिकाओं को बहुत अधिक नुकसान पंहुचाती हैं के स्तर को कम करता हैं.

• आयुर्वेद मतानुसार B.G.R.-34 में मौजूद विजयासार शीतल प्रकृति की होती हैं इस कारण यह डायबिटिक न्यूरोपैथी के कारण पैदा होने वाली जलन को कम करती हैं.

3. गुडमार Gymnema sylvestre 

B.G.R.-34 में 400 मिलीग्राम गुडमार चूर्ण का जलीय अर्क और 25 मिलीग्राम गुडमार चूर्ण होता हैं.

• गुडमार में Gymnemic Acid नामक एक यौगिक पाया जाता हैं इस यौगिक की परमाणु संरचना ग्लूकोज की परमाणु संरचना के ही समान होती हैं यह यौगिक जीभ की स्वाद कलिकाओं में प्रवेश करके स्वाद कलिकाओं के स्थान को भर देता है जिससे मनुष्य की मीठा खाने की तीव्र इच्छा नियंत्रित होती हैं.

• Gymnemic Acid आंतो की बाहरी परतों में प्रवेश करके आंतों की शर्करा अवशोषित करने की क्षमता को बाधित कर देता है जिससे भोजन में से शर्करा का अवशोषण रूक जाता हैं और खून में शर्करा कम पंहुचती हैं.

• गुडमार की पत्तियों का रस जब Non insulin Dependent Diabetes Mellitus रोगियों को दिया जाता हैं तो यह Pancreas को उत्तेजित कर इंसुलिन स्त्रावण को बढ़ाता हैं.

• गुडमार इंसुलिन स्त्रावण करने वाली क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को ठीक करता हैं.

• जापान में गुडमार पर शोध करके वैज्ञानिकों ने गुडमार के पत्तों से चाय और च्विंगम बनाई जिसने मधुमेह को बहुत बेहतर तरीके से नियंत्रित किया था.

4. मंजिष्ठा Rubia cordifolia 

B.G.R.-34 में मंजिष्ठा का चूर्ण 25 मिलीग्राम और मंजिष्ठा का जलीय अर्क 375 मिलीग्राम होता हैं.

• मंजिष्ठा शोध नतीजों में Antihyperglycemic प्रकृति का पाया गया है जो खून में शर्करा के स्तर को कम करता हैं.

• शोध नतीजों के अनुसार मंजिष्ठा मधुमेह के कारण पैदा होने वाले और मधुमेह के कारण लम्बें समय तक ठीक नहीं होने वाले घावों को तेजी से भरता हैं.

• मंजिष्ठा में मौजूद बायो एक्टिव तत्व जैसे purpurin, xanthopurpurin आदि शुगर के कारण किडनी, लीवर आदि अंगों को होने वाले नुकसान से बचाते हैं.

• मंजिष्ठा काफी प्रजाति का हैं जिस कारण यह मधुमेह से होने वाली हाथ पांवों की शिथिलता और कमजोरी को दूर करता हैं.

5. मैथी Trigonella foenum graecum 

B.G.R.-34 में 350 मिलीग्राम मैथी का सत और 25 मिलीग्राम मैथी पावड़र होता हैं.

मैथी भारतीय घरों की एक सुप्रसिद्ध सब्जी हैं , मैथी का औषधीय रुप में उपयोग सदियों से होता आ रहा हैं.

• मैथी में पाया जानें वाला डायटरी फायबर खून से रक्त शर्करा का स्तर कम करता हैं.

• शोधकर्ताओं के अनुसार मैथी बीज और एलोपैथिक दवा मेटफॉर्मिन एक साथ लेने से मध्यम स्तर की डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति की डायबिटीज बहुत अच्छे तरीके से नियंत्रित होती हैं.

• रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार मैथी में मौजूद Trigonelline नामक यौगिक खून में मौजूद शर्करा को तेजी से कम करता हैं. और यह यौगिक टाइप-1 डाइबिटीज और टाइप-2 डाइबिटीज को समान रूप से कम करता हैं.[√]

• मैथी में मौजूद furostanolic saponins Pre - Diabetic व्यक्ति को Diabetic होने से बचाता हैं.

5. गिलोय Tinosspora Cardifolia

बीजीआर-34 में 350 मिलीग्राम गिलोय का सत और 25 मिलीग्राम गिलोय चूर्ण मिला होता हैं.

• गिलोय में मौजूद फाइटो कान्स्टीट्यून्ट जैसे टेनिन, एल्कलॉइड आदि अग्नाशय से इंसुलिन के स्त्रावण को नियमित करते हैं.

• गिलोय मधुमेह के कारण होने वाली कोशिकाओं की क्षति को रोकती हैं.

• गिलोय में मौजूद फ्लेवनाइड मधुमेह के कारण पैदा होने वाली अत्यधिक प्यास को नियंत्रित करते हैं.

• गिलोय जेस्टेशनल डाइबिटीज ( गर्भवती महिलाओं में होने वाली मधुमेह) में माता और शिशु के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखता हैं और माता के मधुमेह को नियंत्रित करता हैं.[√]

शुद्ध शिलाजीत Purified Black bitumen 

B.G.R.-34 में शुद्ध शिलाजीत 10 मिलीग्राम मिला होता हैं.

• शिलाजीत में मौजूद fulvic acid मधुमेह के कारण शिथिल हुए अंगों की कार्यप्रणाली को सुधारता हैं और ताकत, स्फूर्ति और नवयोवन प्रदान करता हैं.

• मधुमेह के कारण व्यक्ति की योन इच्छा समाप्त होने लगती हैं, शिलाजीत योन इच्छा को पुनः जागृत करता हैं.

• शिलाजीत Anti oxidant प्रकृति का होता हैं जोकि शरीर को नुकसान पंहुचाने वाली फ्री रेडिकल्स को कम करता हैं, इस यह शरीर के ऊतकों को क्षतिग्रस्त होने से बचाता हैं.

• शिलाजीत शरीर में इंसुलिन स्त्रावण को प्रोत्साहित करता हैं जिससे शरीर में रक्त शर्करा कम होती हैं.

B.G.R.-34 Tablet ke nuksan


• B.G.R.34 Tablet ले रहें हैं और यदि उसके साथ खून पतला करने वाली दवाएं ले रहें हैं तो B.G.R.34 लेने से पूर्व चिकित्सक से परामर्श अवश्य करें क्योंकि कुछ शोध नतीजों में दोनों दवाओं के साथ लेने पर अधिक रक्तस्राव की समस्या हुई है.

• गर्भवती महिलाओं और दूध पीलाने वाली माताओं को भी B.G.R.34 लेने से पूर्व चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए.

• जिन लोगों को फूड एलर्जी हो उन्हें अपना एलर्जी टेस्ट कराने के बाद ही B.G.R.34 लेना चाहिए.

• यदि अस्थमा की दवा के साथ B.G.R.34 Tablet ले रहें हैं तो सावधान हो जाएं क्योंकि शोध नतीजों के अनुसार इसमें मौजूद मैथी अस्थमा की दवा Theophylline का असर कम कर देती हैं.[√]

• यदि कुछ दिन पहले सर्जरी हुई हैं या सर्जरी होने वाली हैं तो B.G.R.-34 tablet लेने से पहले चिकित्सक से परामर्श अवश्य करें.

• यदि B.G.R.34 Tablet लेने के बाद सिरदर्द, उल्टी, चक्कर जैसी समस्या होती हैं तो दवाई तुरंत रोक कर चिकित्सक से परामर्श करें.

FAQ

• क्या बीजीआर 34 सच में काम करती हैं? 

बीजीआर 34 एक आयुर्वेदिक उत्पाद हैं और भारत के शीर्ष वैज्ञानिक संस्थान  Council of Scientific And Industrial Research द्वारा निर्मित हैं.यह दवा मधुमेह के लिए  दुनिया भर में बिकने वाली 20 सबसे ज्यादा दवाओं में शामिल हैं.

समय समय पर हुए स्वतंत्र शोध में बीजीआर 34 ऐलोपैथिक दवा मेटफॉर्मिन के समान ही प्रभावी साबित हुई हैं.

• बीजीआर का क्या मतलब हैं? 

Blood Glucose Regulator इसे संक्षिप्त में B.G.R बीजीआर कहते हैं.

• क्या बीजीआर 34 मोटापा कम करती हैं? 

एम्स के शोधकर्ताओं ने तीन साल तक गहन अध्ययन के बाद निष्कर्ष निकाला की बीजीआर 34 मधुमेह नियंत्रित करने के साथ शरीर का मेटाबोलिज्म सुधारती हैं जिससे मोटापा कम करने में मदद मिलती हैं.

• आयुर्वेद में शुगर की सबसे अच्छी दवा कौंन सी है? 

• अब तक के शोध नतीजों और चिकित्सकों के अनुसार बीजीआर 34 आयुर्वेद में शुगर की सबसे अच्छी दवा के रूप में जानी गई हैं. यह दवा शुगर के उपचार के लिए यूरोप का सबसे ज्यादा बिकने वाला ब्रांड हैं.

• बीजीआर 34 कब लांच की गई थी? 

• 25 अक्टूबर 2015 को बीजीआर 34 टेबलेट लांच की गई थी.

• क्या बीजीआर 34 टेबलेट ओएचजी O.H.G. दवा हैं? 

जी हाँ, बीजीआर 34 ओएचजी या Oral hypoglycemic दवा हैं, जिसका मतलब है मुंह के माध्यम से मधुमेह नियंत्रित करने वाली दवा

B.G.R.34 टेबलेट की खुराक

वयस्क 2 गोली दिन में दो बार भोजन से आधा घंटा पूर्व या चिकित्सक के निर्देशानुसार.

B.G.R.34 Tablet की कीमत



Author: Dr. S. K. Vyas 
                

Disclaimer: यह लेख शैक्षणिक उद्देश्य के लिए तैयार किया गया हैं इसका उद्देश्य किसी चिकित्सकीय ज्ञान को प्रतिस्थापित करना नहीं हैं.

यह भी पढ़े














टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

PATANJALI BPGRIT VS DIVYA MUKTA VATI EXTRA POWER

PATANJALI BPGRIT VS DIVYA MUKTA VATI EXTRA POWER  पतंजलि आयुर्वेद ने high blood pressure की नई गोली BPGRIT निकाली हैं। इसके पहले पतंजलि आयुर्वेद ने उच्च रक्तचाप के लिए Divya Mukta Vati निकाली थी। अब सवाल उठता हैं कि पतंजलि आयुर्वेद को मुक्ता वटी के अलावा बीपी ग्रिट निकालने की क्या आवश्यकता बढ़ी। तो आईए जानतें हैं BPGRIT VS DIVYA MUKTA VATI EXTRA POWER के बारें में कुछ महत्वपूर्ण बातें BPGRIT INGREDIENTS 1.अर्जुन छाल चूर्ण ( Terminalia Arjuna ) 150 मिलीग्राम 2.अनारदाना ( Punica granatum ) 100 मिलीग्राम 3.गोखरु ( Tribulus Terrestris  ) 100 मिलीग्राम 4.लहसुन ( Allium sativam ) 100  मिलीग्राम 5.दालचीनी (Cinnamon zeylanicun) 50 मिलीग्राम 6.शुद्ध  गुग्गुल ( Commiphora mukul )  7.गोंद रेजिन 10 मिलीग्राम 8.बबूल‌ गोंद 8 मिलीग्राम 9.टेल्कम (Hydrated Magnesium silicate) 8 मिलीग्राम 10. Microcrystlline cellulose 16 मिलीग्राम 11. Sodium carboxmethyle cellulose 8 मिलीग्राम DIVYA MUKTA VATI EXTRA POWER INGREDIENTS 1.गजवा  ( Onosma Bracteatum) 2.ब्राम्ही ( Bacopa monnieri) 3.शंखपुष्पी (Convolvulus pl

होम्योपैथिक बायोकाम्बिनेशन नम्बर #1 से नम्बर #28 तक Homeopathic bio combination in hindi

  1.बायो काम्बिनेशन नम्बर 1 एनिमिया के लिये होम्योपैथिक बायोकाम्बिनेशन नम्बर 1 का उपयोग रक्ताल्पता या एनिमिया को दूर करनें के लियें किया जाता हैं । रक्ताल्पता या एनिमिया शरीर की एक ऐसी अवस्था हैं जिसमें रक्त में हिमोग्लोबिन की सघनता कम हो जाती हैं । हिमोग्लोबिन की कमी होनें से रक्त में आक्सीजन कम परिवहन हो पाता हैं ।  W.H.O.के अनुसार यदि पुरूष में 13 gm/100 ML ,और स्त्री में 12 gm/100ML से कम हिमोग्लोबिन रक्त में हैं तो इसका मतलब हैं कि व्यक्ति एनिमिक या रक्ताल्पता से ग्रसित हैं । एनिमिया के लक्षण ::: 1.शरीर में थकान 2.काम करतें समय साँस लेनें में परेशानी होना 3.चक्कर  आना  4.सिरदर्द 5. हाथों की हथेली और चेहरा पीला होना 6.ह्रदय की असामान्य धड़कन 7.ankle पर सूजन आना 8. अधिक उम्र के लोगों में ह्रदय शूल होना 9.किसी चोंट या बीमारी के कारण शरीर से अधिक रक्त निकलना बायोकाम्बिनेशन नम्बर  1 के मुख्य घटक ० केल्केरिया फास्फोरिका 3x ० फेंरम फास्फोरिकम 3x ० नेट्रम म्यूरिटिकम 6x

जीवनसाथी के साथ नंगा सोना चाहिए या नही।Nange sone ke fayde

  जीवनसाथी के साथ नंगा सोना चाहिए या नही nange sone ke fayde इंटरनेट पर जानी मानी विदेशी health website जीवन-साथी के साथ नंगा सोने के फायदे बता रही है लेकिन क्या भारतीय मौसम और आयुर्वेद मतानुसार मनुष्य की प्रकृति के हिसाब से जीवनसाथी के साथ नंगा सोना फायदा पहुंचाता है आइए जानें विस्तार से 1.सेक्स करने के बाद नंगा सोने से नींद अच्छी आती हैं यह बात सही है कि सेक्सुअल इंटरकोर्स के बाद जब हम पार्टनर के साथ नंगा सोते हैं तो हमारा रक्तचाप कम हो जाता हैं,ह्रदय की धड़कन थोड़ी सी थीमी हो जाती हैं और शरीर का तापमान कम हो जाता है जिससे बहुत जल्दी नींद आ जाती है।  भारतीय मौसम और व्यक्ति की प्रकृति के दृष्टिकोण से देखें तो ठंड और बसंत में यदि कफ प्रकृति का व्यक्ति अपने पार्टनर के साथ नंगा होकर सोएगा तो उसे सोने के दो तीन घंटे बाद ठंड लग सकती हैं ।  शरीर का तापमान कम होने से हाथ पांव में दर्द और सर्दी खांसी और बुखार आ सकता हैं । अतः कफ प्रकृति के व्यक्ति को सेक्सुअल इंटरकोर्स के एक से दो घंटे बाद तक ही नंगा सोना चाहिए। वात प्रकृति के व्यक्ति को गर्मी और बसंत में पार्टनर के साथ नंगा होकर सोने में कोई