फिटनेस मापने का YO-YO TEST KYA HOTA HAI, भारतीय क्रिकेटर के लिए यो यो टेस्ट पास करने का स्कोर कितना होता हैं
यो यो टेस्ट (YO-YO TEST) दौड़ आधारित फिटनेस लेवल जांच करने का तरीका हैं। यो यो टेस्ट पूर्णतः कम्प्यूटर साफ्टवेयर आधारित फिटनेस टेस्ट होता हैं।
शुरुआत में यह टेस्ट फुटबॉल खिलाड़ियों के लिए बनाया गया था किन्तु जिन खिलाड़ियों ने यो यो टेस्ट पास किया उनके फिटनेस के उच्च लेवल और खेलों में उच्च प्रदर्शन को देखते हुए धीरे-धीरे सभी खेलों के खिलाड़ीयों के फिटनेस का पैमाना बन गया।
यो यो टेस्ट की खोज किसने की थी
यो यो टेस्ट YO-YO TEST की खोज सन् 1990 के दशक में डेनमार्क के एक फुटबॉल टीम के फिजियोलाजिस्ट जेन्स बैंग्सबो ने की थीं।
यो यो टेस्ट Yo yo test कैसे किया जाता हैं
यो यो टेस्ट में 25 मीटर की दूरी पर तीन कोन A,B,C रखें जातें हैं जिसमें कोन A से कोन B की दूरी 5 मीटर,कोन B से कोन C की दूरी 20 मीटर होती हैं।
जब कम्प्यूटर आधारित साफ्टवेयर बीप की आवाज देता है तब व्यक्ति को कोन B से दौड़ना शुरू करना होता हैं, और अगली बीप की आवाज तक कोन C तक पहुंचना पड़ता हैं।
कोन C से पुनः अगली बीप की आवाज तक कोन B तक पहुंचना पड़ता हैं।
कोन B से कोन A तक पैदल पंहुचना पड़ता हैं,और इस दौरान 10 सेकंड का समय आराम के लिए मिलता हैं।
यो यो टेस्ट में कुल 23 राउंड होते हैं जैसे जैसे राउंड आगे बढ़ते हैं वैसे वैसे दौड़ने की गति और B कोन से C कोन के बीच दौड़ने के चक्कर बढ़ जाते हैं।
यो यो टेस्ट में पांचवें और नवें राउंड में चक्करों की संख्या एक होती हैं जबकि 11 राउंड में चक्करों की संख्या दो बारहवें में चक्करों की संख्या 3,तेरहवें राउंड में 4 जबकि 14 वें राउंड से
23 वें राउंड तक चक्करों की संख्या आठ तक पंहुच जाती हैं।
यदि कोई खिलाड़ी कोन B से कोन C और पुनः कोन C से कोन B की 40 मीटर की दूरी साफ्टवेयर द्वारा निर्धारित समय में तय नहीं कर पाता हैं तो उसे पहली बार चेतावनी दी जाती हैं और जब वह दूसरी बार भी तय समय में दूरी तय नहीं कर पाता तो उसे यो यो टेस्ट से बाहर कर दिया जाता हैं। अर्थात वह व्यक्ति यो यो टेस्ट में असफल हो जाता हैं।
खिलाड़ियों के लिए यो यो टेस्ट
खिलाड़ियों के लिए यो यो टेस्ट का लेवल पांचवें राउंड से शुरू होता हैं जबकि साधारण व्यक्ति को प्रथम चरण से यो यो टेस्ट देना होता हैं।
भारतीय क्रिकेटरों का यो यो टेस्ट कहां होता हैं
भारतीय क्रिकेटरों के लिए यो यो टेस्ट का साफ्टवेयर NATIONAL CRICKET ACADEMY बेंगलुरु में स्थापित हैं।
क्रिकेट में यो यो टेस्ट (YO-YO TEST) की शुरुआत कहां हुई थी
क्रिकेट के क्षेत्र में यो यो टेस्ट की शुरुआत सबसे पहले आस्ट्रेलिया क्रिकेट बोर्ड ने की थीं इसके बाद लगभग सभी क्रिकेट बोर्ड ने यो यो टेस्ट को अपना लिया।
भारतीय क्रिकेटरों के लिए यो यो टेस्ट कब से लागू हुआ
भारतीय क्रिकेटरों के लिए यो यो टेस्ट सन् 2017 में श्री लंका दौरें के समय उस समय के भारतीय क्रिकेट टीम के Strength And Conditioning कोच शंकर बासु ने लागू किया था।
भारतीय क्रिकेटरों के लिए यो यो टेस्ट (YO-YO TEST) पास करने का स्कोर कितना होता हैं
यो-यो टेस्ट Yo-Yo में पास होने के लिए मापदंड अलग अलग टीमों ने अलग अलग तय कर रखें हैं उदाहरण के लिए भारतीय क्रिकेट खिलाड़ियों के लिए यो यो टेस्ट में 17 वें लेवल तक निर्धारित समय में 2210 मीटर की दूरी तय करनी पड़ती हैं।
आस्ट्रेलियाई क्रिकेटर के लिए 21.1 लेवल पर निर्धारित समय में 2400 मीटर की दूरी करने पर खिलाड़ी को पास माना जाता हैं।
भारतीय क्रिकेटर मनीष पांडे का यो यो स्कोर 19.2 हैं जबकि विराट कोहली का यो यो टेस्ट स्कोर 19 हैं।
रोहित शर्मा का यो यो टेस्ट स्कोर 16 से ऊपर रहता हैं।
यो-यो स्कोर कैसे प्राप्त होता हैं
यो यो स्कोर राउंड और कोन के बीच तय दूरी के आधार पर निकाला जाता हैं उदाहरण के लिए 16 वें राउंड में यदि कोई खिलाड़ी निर्धारित समय में 7 चक्कर लगाता है लेकिन 8 वें चक्कर में फैल हो जाता हैं तो इसका मतलब होता हैं खिलाड़ी का स्कोर 16.7 हैं।
लेवल चक्कर गति(किमी/घंटा) समय(40मीटर)
5 1 10 14 सेकंड
9 1 12 12 सेकंड
11 2 13 11.5 सेकंड
12 3 13.5 10.6 सेकंड
13 4 14 10.25 sec
14 8 14.5 9.88 s
15 8 15 9.6 s
16 8 15.5 9.25 s
17 8 16 9 s
18 8 16.5 8.75 s
19 8 17 8.5 s
23 वें लेवल तक समय कम होता जाता हैं।
यो यो टेस्ट (YO-YO TEST) और क्रिकेट
ऐसा नहीं हैं कि यो यो टेस्ट को सभी क्रिकेटरों और क्रिकेट समीक्षकों का समर्थन हैं। इस टेस्ट के साथ विवाद भी बहुत हैं उदाहरण के लिए क्रिकेटर युवराज सिंह और सुरेश रैना यो यो टेस्ट में फैल होने के कारण भारतीय टीम में सिलेक्ट नहीं हो पाए जबकि पाकिस्तानी क्रिकेटर शान मसूद और बांग्लादेश के क्रिकेटर अल आमिन हुसैन यो टेस्ट में 22.1 का स्कोर कर चुके हैं।
अब क्रिकेट में युवराज सिंह और सुरेश रैना को कौंन नहीं जानता जबकि शान मसूद और अल आमिन का क्रिकेट में कितना योगदान हैं। यह बात सब जानते हैं।
अनेक क्रिकेट समीक्षकों ने कहा हैं कि यो यो टेस्ट मूलतः फुटबॉल खिलाड़ियों के बनाया गया था और फुटबॉल जैसे खेल में जहां खिलाड़ी को लगातार भागना पड़ता हैं वहां यो यो टेस्ट पास करना फिटनेस का पैमाना हो सकता हैं, किंतु क्रिकेट जैसे खेल में जहां फुटबॉल खेल के मुकाबले मात्र 50 प्रतिशत ही भागना पड़ता हैं वहां इसे ज्यों का त्यों लागू करना क्रिकेट खेल और क्रिकेट खिलाड़ी के साथ न्याय नहीं होगा।
जानें मानें क्रिकेटर सुनील गावस्कर कह चुके हैं कि मेरे समय यो यो टेस्ट टीम में चयन का मापदंड होता तो वह कभी यो यो टेस्ट पास नहीं कर पाते।
पूर्व भारतीय आलराउंडर कपिल देव का कहना है कि क्रिकेट खिलाड़ी का चयन मैदान में उसके प्रदर्शन के आधार पर तय होना चाहिए उसमें किसी एक विशेष फिटनेस टेस्ट की अनिवार्यता नहीं होना चाहिए।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड क्रिकेट में yo-yo Test लागू करने के पीछे तर्क देता हैं कि यो यो टेस्ट के माध्यम से क्रिकेट में ऐसे खिलाड़ी का चयन आसान हो जाता हैं जो लम्बें समय तक चोट रहित क्रिकेट खेल सकें और यो यो टेस्ट यही काम आसान कर देता हैं।
अतः इसे क्रिकेट खेल के हिसाब से मोडिफाइड कर लागू करना चाहिए।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यो यो टेस्ट के साथ एक अन्य फिटनेस टेस्ट को खिलाड़ियों की फिटनेस का पैमाना बनाना तय किया हैं।
इस टेस्ट का नाम हैं 2KM RUN FITNESS TEST
2KM RUN FITNESS TEST में बल्लेबाज,स्पीनर और विकेटकीपर को 8 मिनट 30 सेकंड में 2 किलोमीटर दौड़ना पड़ता हैं जबकि तेज़ गेंदबाज को 8 मिनट 15 सेकंड में 2 किलोमीटर दौड़ना पड़ता हैं।
लेखक: healthylifestyehome
टिप्पणियाँ