Weight Loss करनें की सभी दवाईयां और Weight Loss Diet Chart आजमाने के बाद भी वजन कम नहीं होता हैं तो लोगों के सामने सर्जरी का विकल्प मौजूद रहता हैं। लेकिन बहुत से लोग वेट लॉस weight loss के लिए सर्जरी कराने से डरतें हैं।
ऐसे लोगों के लिए Weight loss करने की सबसे आधुनिक तकनीक उपलब्ध हैं जिसे एंडोस्कोपिक स्लीव गैस्ट्रोप्लास्टी या ESG कहते हैं।
तो आईए जानतें हैं आज Weight Loss करनें की सबसे आधुनिक तकनीक के बारें में
एंडोस्कोपिक स्लीव गैस्ट्रोप्लास्टी या ESG क्या होती हैं
एंडोस्कोपिक स्लीव गैस्ट्रोप्लास्टी या ESG वज़न कम करने की सबसे आधुनिक तकनीक है।
इस पद्धति में पेट पर बिना चीरा लगाएं एंडोस्कोप की मदद से पेट का आकार कम कर दिया जाता हैं।
एंडोस्कोपिक स्लीव गैस्ट्रोप्लास्टी में पेट का आकार कम कर दिए जानें से शरीर की आवश्यकता अनुसार ही भोजन पेट में जाता हैं फलस्वरूप कम भोजन में ही पेट भर जाता हैं।
एंडोस्कोपिक स्लीव गैस्ट्रोप्लास्टी को वज़न कम करने की आधुनिक तकनीक क्यों कहा जाता हैं
एंडोस्कोपिक स्लीव गैस्ट्रोप्लास्टी में बिना चीरा और टांका लगाए व्यक्ति के पेट का आकार कम कर दिया जाता हैं। ESG में वजन कम करने की अन्य तकनीकों के मुकाबले बहुत कम समय लगता है।
एंडोस्कोपिक स्लीव गैस्ट्रोप्लास्टी की सम्पूर्ण प्रक्रिया मात्र आधे घंटे में पूरी हो जाती हैं। यदि मरीज एंडोस्कोपिक स्लीव गैस्ट्रोप्लास्टी के लिए सुबह आता है तो उसे शाम तक अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है।
बेरियाट्रिक सर्जरी के बाद यदि मरीज का वजन बढ़ने लगता हैं तो एंडोस्कोपिक स्लीव गैस्ट्रोप्लास्टी बहुत कारगर मानी जाती हैं।
विशेषज्ञों के मुताबिक एंडोस्कोपिक स्लीव गैस्ट्रोप्लास्टी weight loss करने के अन्य दूसरी तकनीकों के मुकाबले बहुत प्रभावशाली तकनीक है इसकी सहायता से मरीज के कुल वजन का बीस प्रतिशत वजन आसानी से कम किया जा सकता हैं।
एंडोस्कोपिक स्लीव गैस्ट्रोप्लास्टी के द्वारा मोटापे से जुड़ी अन्य बीमारियों जैसे उच्च रक्तचाप, ह्रदयरोग मधुमेह, अनिद्रा,गेस्ट्रोइसोफिगल रिफलक्स आदि का भी सफलता पूर्वक निदान किया जा सकता हैं यदि मरीज एंडोस्कोपिक स्लीव गैस्ट्रोप्लास्टी के बाद विशेषज्ञ के निर्देश में रहकर डाइट चार्ट फालो करता हैं तो बहुत जल्दी उपरोक्त समस्याओं से छुटकारा पा सकता हैं।
एंडोस्कोपिक स्लीव गैस्ट्रोप्लास्टी भारत के किन शहरों में उपलब्ध हैं
एंडोस्कोपिक स्लीव गैस्ट्रोप्लास्टी भारत के सभी मेट्रो शहर जैसै दिल्ली, मुंबई, चेन्नई कोलकाता, हैदराबाद, इन्दौर, बेंगलुरु, अहमदाबाद, पुणे, नागपुर आदि के अस्पतालों में सुलभता से उपलब्ध हैं।
एंडोस्कोपिक स्लीव गैस्ट्रोप्लास्टी किन लोगों को करवाना चाहिए?
ऐसे लोगों जो लाख प्रयास, संतुलित आहार और व्यायाम,योगिक क्रियाओं के बाद भी अपना वजन कम नहीं कर पा रहे हैं। जो सर्जरी नहीं करवाना चाहते, जिनका बाड़ी मास इंडेक्स BMI 25 से 35 के बीच है वे लोग एंडोस्कोपिक स्लीव गैस्ट्रोप्लास्टी करवाने के लिए सबसे योग्य मानें जातें हैं।
भारत में एंडोस्कोपिक स्लीव गैस्ट्रोप्लास्टी (ईएसजी) करवानें की किमत क्या है? endoscopic sleeve gastroplasty cost in india
भारत में एंडोस्कोपिक स्लीव गैस्ट्रोप्लास्टी करवाने की लागत शहरों के हिसाब से निर्धारित है। मेट्रो शहर जैसे मुम्बई,चैन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु दिल्ली में इसके लिए 3 से 4 लाख रुपए का पेकेज उपलब्ध हैं जिसमें शुरू से लगाकर फालोअप ट्रीटमेंट तक का सारा खर्च शामिल हैं।
नान मेट्रो शहर जैसे इन्दौर, नागपुर, भोपाल में एंडोस्कोपिक स्लीव गैस्ट्रोप्लास्टी की लागत 1 से लेकर 3 लाख आती हैं।
एंडोस्कोपिक स्लीव गैस्ट्रोप्लास्टी और बेरियाट्रिक सर्जरी में क्या अंतर हैं?
ESG बेरियाट्रिक सर्जरी
1.बिना चीर फाड़ वाली प्रक्रिया। 1.चीर फाडयुक्त प्रक्रिया
2.ईसजी के बाद विशेष विटामिन 2.पूरी जिंदगी विटामिन सप्लीमेंट लेने पड़ते हैं।
आवश्यक नहीं होतें। 3.40 से 50 प्रतिशत कम हो जाता हैं
3.कुल वज़न का 20 प्रतिशत तक कम हो जाता हैं।
4.एक बार से अधिक ईएसजी की जा सकती हैं। 4.सिर्फ एक ही बार
5.ईसजी में संक्रमण का कम खतरा रहता हैं। 4.अधिक खतरा
एंडोस्कोपिक स्लीव गैस्ट्रोप्लास्टी के साइड-इफेक्टस
• वैसे तो अब तक के अध्ययन में Weight Loss करनें की एंडोस्कोपिक स्लीव गैस्ट्रोप्लास्टी (ईएसजी) तकनीक सुरक्षित और प्रभावी साबित हुई हैं। किंतु कभी कभी एंडोस्कोपिक स्लीव गैस्ट्रोप्लास्टी करवाने के बाद कुछ दिनों तक पेटदर्द, चक्कर आना, जैसी समस्या से पैदा हो जाती हैं।जो उचित उपचार के बाद ठीक हो जाती हैं।
Weight loss करनें की अन्य आधुनिक तकनीक
गेस्ट्रिक स्वेलो पिल या weight loss tablet
गेस्ट्रिक स्वेलो पिल या weight loss tablet वज़न घटाने की एक बहुत आधुनिक तकनीक हैं, जिसमें वज़न कम करने के इच्छुक व्यक्ति को एक गोली खिलाई जाती हैं।
इस गोली में एक विशेष और हानिरहित पदार्थ भरा हुआ होता हैं जो पेट में जाकर गुब्बारे में बदल जाता हैं।
पेट में गुब्बारा होनें से व्यक्ति कम भोजन ग्रहण करता हैं और व्यक्ति को पेट भरा होनें का अहसास होता हैं।
गेस्ट्रिक स्वेलो पिल या वज़न कम करने की गोली से पांच महीने में 15 से 20 किलो weight loss आसानी से किया जा सकता हैं।
पेट में मौजूद गुब्बारा फूट तो नहीं जाता
जी नहीं,यह पूर्णतः सुरक्षित तकनीक हैं। पेट में मौजूद गुब्बारा एक चार से पांच महीने बाद स्वत: पिघल जाता हैं और पिघलकर मल के रास्ते बाहर आ जाता हैं। यदि किसी कारण बीच में भी यह पिघल जाता हैं तो भी कोई नुकसान नहीं होता हैं।
Author::healthylifestyehome
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