Valantine Day : प्यार क्यों होता हैं जानिए प्यार के पीछे का विज्ञान
साइंस के पास इस सवाल का जवाब है लेकिन हार्मोन्स की भूमिका के रूप में। हार्मोन्स यानी मस्तिष्क की ग्रंथियों से पैदा हुए ऐसे केमिकल्स जो एक प्रेरणा से पैदा होते हैं और चुपचाप अपना काम कर जाते हैं।
प्रेम के साथ जुड़ी भावनाओं को जगाने और दूसरों तक पहुंचाने में सबसे पहला काम होता है लव हार्मोन का, इसे साइंस की
भाषा में ऑक्सीटोसिन भी कहते हैं लेकिन ये अकेला काम नहीं करता।
इसके साथ ही फीजियोलॉजिकली जो प्रतिक्रिया मिलती है वह प्रेम को स्थापित करती है। प्रेम उपजने का अपना अलग ही साइंस है लेकिन यही एक ऐसी मनोभावना है जिससे हर काम संभव हो सकता है और इसीलिए इतनी शक्तिशाली हैं।
नॉरइपिनेफिन या एडिलिन नाम के हार्मोन से हमें मिलाते हैं- 'हिलते हाथ, धड़कता दिल, खूबसूरत कल्पनाएं।' सीरोटोनिन नाम का फीलगुड हार्मोन हमें अपने साथी के साथ बने रहने की अच्छी भावनाएं पैदा करने में मदद करता है सीरोटोनिन हमारे स्वभाव, नींद, रक्त के प्रवाह और कुछ अच्छा सीखने और करने में अहम भूमिका निभाता है।
हेलेन ऑफ ट्रॉय
पश्चिमी देशों में शारीरिक आकर्षण के प्रतीक के रूप में एक ऐसे चेहरे की कल्पना की जाती है जिसमें हजारों छोटे-छोटे जहाज होते हैं। इस प्रतीक को हेलेन ऑफ ट्रॉय नाम दिया गया है जो कि एक माइथोलॉजिकल प्रतीक है।
जब आकर्षण होता है तो इससे मस्तिष्क में डोपामाइन नाम का हार्मोन पैदा होता है। परिणामस्वरूप मस्तिष्क ऐसी ताकत और मनोबल प्रदान करता है जिससे व्यक्ति खुद को कुछ पाने योग्य महसूस करता है। उसे लगता है कि उसके पास कुछ अनोखी चीज है।
ऑक्सीटोसिन
इसे 'लव हार्मोन' इसलिए कहा जाता है कि ये किसी भी कपल की बॉन्डिंग को मजबूत करता है। फिर चाहें वो प्रेमी हो या कोई और रिश्ता। एक्सपर्ट कहते हैं कि इस हार्मोन को पैदा करना है तो एक-दूसरे का हाथ थामिए, गले लगाइए, छूकर या थपकी देकर एहसास दिलाइए कि मैं आपकी कद्र करता हूं या मुझे आपकी फिक्र है।
दुनिया में स्वीटहार्ट शब्द सन 1847 से प्रचलित है।
वैसीप्रेसीन
ये समर्पण की भावना से जुड़ा हार्मोन हैं। इसका ज्यादा स्तर हो तो कोई भी प्रेमी जोड़ा एक-दूसरे के प्रति ज्यादा समर्पण रखेगा। यही वो हार्मोन है जो प्रेरणा देता है कि मुझे अपने प्यार के बंधन को हमेशा-हमेशा बनाए रखना है। ये दोनों हार्मोन प्रेमी जोड़े के बीच बंधन को लंबे समय के लिए पक्का करने में सीमेंट की तरह काम करते हैं।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक प्रेम में तीसरा और अंतिम कदम अटैचमेंट ही सच्चे सुख की अनुभूति कराता है।
अटैचमेंट यानी लगाव या जुड़ाव तक आप तभी पहुंच सकते हैं जब तक कि पहले दो कदमों में आपकी भावनाएं सही हों और सही समय पर सही हार्मोन पैदा हों। सीधा सा मतलब है कि आप आकर्षित हों, प्रेरित हों और अपनी भावनाओं का इजहार सही तरीके से करने में सक्षम हों।
ऐसा कुछ न भी हो तो निराश न हों, आप खुद से भी प्यार कर दुनिया को बहुत कुछ अच्छा दे सकते हैं।
प्यार होने की तीन निशानियां
आप अपने साथी को बार-बार देखें या देखने की इच्छा करें।
जब साथी आसपास न हो तो उसे मिस करें।
आपका साथी हमेशा आपके दिमाग पर हावी रहे और हर छोटे-बड़े काम में उसकी याद आए।
टिप्पणियाँ