Benifits of Ajwain।अजवाइन के फायदे
औषधि के रूप में अजवाइन का प्रयोग प्राचीन समय से हो रहा है। प्रसूता को इसका विशेष रूप से सेवन कराया जाता है क्योंकि इससे गर्भाशय की शुद्धि एवं पीड़ा खत्म होती है। इससे भूख बढ़ती है तथा भोजन का पाचन सम्यक रूप से होता है। अजवाइन के लिए कहा जाता है कि अजवाइन कई प्रकार के अन्न को पचा सकती हैं।
पुरानी खांसी में अजवाइन के फायदे
सूखी खांसी होने पर अजवाइन 1 ग्राम, मुलेठी 2 ग्राम एवं काली मिर्च 2 ग्राम का काढ़ा बनाकर रात्रि में सोते समय लेवें।
पुरानी खांसी जिसमें पीला एवं दुर्गन्धित कफ निकलता हो, उसमें अजवाइन का अर्क 20 मिली दिन में 3 बार पिलाएं।
बार-बार खांसी का वेग आ रहा हो तो अजवाइन सत्व 125 मिग्रा, घी 2 ग्राम, शहद 4 ग्राम मिलाकर चटाने से कफ बाहर निकलता है एवं खांसी में आराम मिलता है।
पेट के कीड़े
अजवाइन का चूर्ण आधा ग्राम, काला नमक आधा ग्राम मिलाकर रात को सोते समय गर पानी से बच्चों को देने से पेट के कीड़े बाहर निकल जाते है तथा भूख बढ़ती है।
अजवाइन का चूर्ण 3 ग्राम, काला नमक 1 ग्राम मिलाकर सुबह खाली पेट गरम पानी के साथ लेने से पेट के कीड़े निकल जाते हैं एवं साथ ही अजीर्ण, अफारा एवं जोड़ों के दर्द में लाभ होता है।
पेट के विकारों में
पेट में दर्द हो तो अजवाइन, छोटी हरड़, सैंधा नमक एवं सोठ को मिलाकर चूर्ण बना लें एवं 2 से 3 ग्राम की मात्रा में छाछ अथवा गरम पानी के साथ लेने से पेट दर्द में तुरंत आराम मिलता है।
छाती में जलन हो तो 1 ग्राम अजवाइन, 2 बादाम को खूब पड़ चबा कर खाएं।
पेट में गैस बनने पर भोजन के बाद 125 ग्राम दही में 3 ग्राम अजवाइन, 2 ग्राम सोठ एवं आधा ग्राम काला नमक मिलाकर सेवन करें।
शराब छुड़ाना
जब भी शराब पीने की तलब हो 10 "ग्राम अजवाइन 2-3 बार चबाएं, शराब पीने की इच्छा नहीं होगी।
750 ग्राम अजवाइन 4-5 लीटर पानी में धीमी आंच पर पकाएं, आधा पानी शेष रहने पर उतार कर छान लें एवं ठंडा करके शीशी में भर लें तथा फ्रिज में रख दें।
सुबह-शाम भोजन से पहले 150 मिली. काढ़ा शराबी को पिलाएं। 10-15 दिन में ही लाभ प्राप्त होगा।
अजवाइन ताजा ग्रहण करनी चाहिए। क्योंकि पुरानी होने पर इसका तैलीय अंश थायमोल नष्ट हो जाता है।
मात्रा का अवश्य ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि अधिक मात्रा में सेवन करने से सिरदर्द एवं बेचैनी होने लगती है।
मासिक धर्म
महिलाओं में मासिक धर्म की रुकावट यदि उम्र से पूर्व हो गई हो तो अजवाइन 10 ग्राम, पुराना गुड़ 50 ग्राम को 200 मिली. जल में पकाकर सुबह-शाम सेवन करने से मासिक धर्म प्रारम्भ हो जाता है तथा गर्भाशय की शुद्धि हो जाती है।
3-4 ग्राम अजवाइन चूर्ण प्रातः शाम उष्ण गोदुग्ध के साथ सेवन करने से रुका हुआ मासिक धर्म पुनः चालू हो जाता है।
पाइल्स में अजवाइन के फायदे
यदि आप पाइल्स से परेशान हैं तो दोपहर के खाने के बाद एक गिलास छाछ में 2 ग्राम पीसी हुई अजवाइन, 2 ग्राम नीम्बोली की गिरी एवं आधा ग्राम सैंधा नमक मिलाकर पीने से पाइल्स में लाभ होता है।
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