EXAM TIPS: परीक्षा में अच्छे अंक कैसे प्राप्त करें
प्रिय छात्र छात्राओं हर व्यक्ति जीवन के प्रत्येक क्षण परीक्षा देता ही रहता हैं। परीक्षा से कोई भी इंसान आजतक नहीं बच पाया हैं।
बड़े बड़े महापुरुषों जैसे भगवान राम, श्री कृष्ण, गौतम बुद्ध,महावीर से लेकर महात्मा गांधी, स्वामी विवेकानंद आदि ने जीवन का प्रतिक्षण परीक्षा में ही गुजारा हैं।
लेकिन आजकल के छात्र छात्राएं परीक्षा को लेकर इतने तनाव में रहते हैं कि ज़रा भी इनके प्लान के मुताबिक़ नहीं हुआ तो ये अपने जीवन के साथ खेल जातें हैं।
अब कई लोग कहेंगे कि उपरोक्त सभी लोग तो महापुरुष थे हम तो साधारण इंसान हैं तो मैं आपको बताना चाहता हूं उपरोक्त सभी महापुरुषों ने साधारण इंसान के रुप प्रथ्वी पर जन्म लिया और परीक्षा देते देते महापुरुष के रूप में लोगों के बीच लोकप्रिय हो गए।
ऐसा बिल्कुल भी नहीं हैं कि उपरोक्त महापुरुष जीवन की हर परीक्षा में हमेशा पास ही हुए हो असफलता इनके हिस्सें में भी आई लेकिन इन्होंने जीतने और जूझने का माद्दा कभी नहीं छोड़ा।
परीक्षा के तनाव को देखते हुए भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी प्रत्येक वर्ष Exam tips के रूप में "परीक्षा पे चर्चा" कार्यक्रम कर छात्रों को तनावमुक्त रहने के टिप्स, परीक्षा में कैसे अच्छे अंक लाए और यदि परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं तो परेशान न हों आदि बात बताने आते हैं।
तो दोस्तों आपको मैं आज कुछ ऐसे EXAM TIPS दे रहा हूं जो आपको परीक्षा में बहुत काम आएंगे। और आप परीक्षा अच्छे अंकों से पास कर पाएंगे
परीक्षा में उत्तर देने का तरीका
परीक्षा देने से पहले कई लोग आपको Exam tips देंगे कि उन्हीं सवालों को पहले हर करें जो आपको पहले अच्छे से आतें हो, यह रणनीति औसत दर्जे के परीक्षार्थियों के लिए तो बिल्कुल ठीक हैं लेकिन उन परीक्षार्थियों के लिए बिल्कुल ठीक नहीं हैं जो जो औसत दर्जे के परीक्षार्थियों से ऊपर हैं।
क्योंकि ऐसा करने से परीक्षार्थी की कापी जब परीक्षक के सामने पंहुचेगी तो उसके मन में पहली छवि आपकी यही बनेगी की परीक्षार्थी ने पहले उन प्रश्नों को हल किया हैं जो उसे अच्छे से आते हैं ऐसे में परीक्षक पहले प्रश्न को देखकर आपको अंक देना शुरू करेगा।
उदाहरण के लिए यदि पूरा प्रश्न पत्र 100 अंकों का हैं और आपको सबसे अच्छे से 10 अंकों का प्रश्न आ रहा हैं और आपने पहले उसे ही हल किया हैं तो परीक्षक उसी प्रश्न के आधार पर आपकी योग्यता का परीक्षण कर लेगा।
यदि आपको पहले प्रश्न के बदले 7 अंक मिले हैं इसका मतलब हुआ आपको पहले प्रश्न के उत्तर के लिए 70 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए हैं लेकिन अगले प्रश्न के उत्तर के बदले आपको 70 प्रतिशत से कम ही अंक दिए जाएंगे।
अब मैं आपको एक तरीका बताता हूं परीक्षा में पहले के 8 से 10 प्रश्न प्रायः पाठ्यक्रम के पहले से आधे पाठ्यक्रम के बीच से ही आते हैं और यदि परीक्षार्थी ने अपना आधा पाठ्यक्रम बहुत अच्छे से तैयार किया हैं और प्रश्नों का उत्तर क्रमबद्ध रूप से देना शुरू किया हैं तो परीक्षक के सामने जब आपकी कापी पंहुचेगी तो उसके मन में आपके प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण बन जाएगा उसे यही लगेगा कि आपने पाठ्यक्रम को क्रमबद्ध तरीके से तैयार किया हैं और वह आपको पहले प्रश्न के उत्तर से ही समान अंक देना शुरू करेगा।
इस तरह आप बहुत अच्छे अंकों से उत्तीर्ण हो सकतें हैं।
इस तरह से उत्तर प्रस्तुतिकरण का एक फायदा और यह है कि आप परीक्षक के काम को बहुत आसान कर देते हैं उसे उत्तर जांचने के लिए बार बार प्रश्न को नहीं देखना पड़ेगा इससे उसका समय बचता हैं क्योंकि उसे निश्चित समयावधि में निश्चित उत्तरपुस्तिकाओं को जांचना पड़ता हैं और वह आपके प्रति और उदार हो जाता हैं यह उदारता आपको अंकों में परिवर्तित होती मिलेगी।
उत्तर प्रस्तुतिकरण में पाइंट जरुर लिखें
मैंने जीतने भी मैरिट में आने वाले परीक्षार्थियों से चर्चा की हैं उन्होंने Exam tips में एक बात जरूर कही की उन्होंने उत्तर प्रस्तुतिकरण में पाइंट का प्रयोग किया।
अब मैं आपको बताता हूं कि पाइंट वाइस उत्तर लिखने से अच्छे अंक कैसे प्राप्त होते हैं जब हम उत्तर को पाइंट में लिखते हैं तो हमारे दिमाग में उत्तर छोटे छोटे खंडों में बंट जाता हैं और हमारा दिमाग छोटे छोटे खंडों को बेहतर तरीके से याद रख पाता हैं।
उत्तर छोटे छोटे खंडों में बंटने से दिमाग में अनावश्यक बोझ नहीं पड़ता और वह अगले प्रश्न के उत्तर देने के लिए अधिक तेजी से तैयार हो जाता हैं।
पाइंट वाइस उत्तर उत्तरपुस्तिका जांचने वाले परीक्षक के काम को आसान कर देता हैं क्योंकि यदि उत्तर में वह पाइंट मौजूद हैं जो उत्तर के लिए आवश्यक हैं तो वह बहुत तेजी से उत्तर जांचते हुए अच्छे अंक दे देता हैं।
अक्षरों की बनावट
विभिन्न राज्यों की बोर्ड परीक्षाओं में, राज्य लोक सेवा आयोग की मुख्य परीक्षाओं और संघ लोक सेवा आयोग की मुख्य परीक्षाओं में उत्तर पुस्तिका जांचने वाले परीक्षक बहुत अधिक अनुभवी और उम्रदराज व्यक्ति होते हैं जिनकी आंखों की देखने क्षमता उम्र के प्रभाव से कम हो जाती हैं।
दोस्तों यह कोई कपोल कल्पना नहीं बल्कि स्थापित सत्य हैं क्योंकि बढ़ती प्रतियोगिता, प्रतियोगिता को पारदर्शी बनाएं रखने के लिए और बोर्ड,आयोग अपनी साख स्थापित करने के लिए सबसे अनुभवी व्यक्ति को ही उत्तर पुस्तिका जांचने की जिम्मेदारी देता हैं।
आप चाहें कितने भी पढ़ें पढ़ाकू हो और यदि आपकी लिखावट बहुत छोटे छोटे अक्षरों वाली हैं तो स्वाभाविक रुप से वह उम्रदराज व्यक्ति की आंखों पर बहुत ज़ोर डालेगी आप्टिक नर्व पर दबाव पैदा होने पर वह उत्तरपुस्तिका को ठीक से नहीं जांचेगा और आपको औसत अंक देकर आगे बढ़ जायेगा।
अब यदि अक्षर बड़े और पठनीय होंगे तो वह उम्रदराज परीक्षक उन उत्तरों को ध्यान पूर्वक पढ़ेगा और सही होने पर अच्छे अंक जरुर देगा।
चार्ट और डायग्राम के माध्यम से उत्तर प्रस्तुतिकरण
आपने जो किताब पढ़ी हैं उसमें आपको समझाने के लिए निश्चित रूप से डायग्राम,चार्ट,बार,पाई आदि का प्रयोग किया जाता हैं लेकिन अधिकांश परीक्षार्थी परीक्षा में सिर्फ शब्दों के माध्यम से उत्तर प्रस्तुतिकरण करतें हैं। जबकि एक आदर्श उत्तर में यथासंभव डायग्राम,फ्लो चार्ट का समावेश होना चाहिए।
यदि उत्तर प्रस्तुतिकरण में उपरोक्त बातों का ध्यान रखा जाता हैं तो परीक्षक बहुत अच्छे अंक देता हैं क्योंकि परीक्षक के उत्तर समझने की रफ़्तार बढ़ जाती हैं।और मनोविज्ञान का तथ्य हैं कि जो चीज़ जल्दी से समझ आती हैं वहीं चीज़ हमें पसंद भी आती हैं।
आब्जेक्टिव प्रश्नों का सही उत्तर कैसे चुनें
ज्यादातर प्रतियोगिता में किसी न किसी चरण में आब्जेक्टिव प्रश्नों का प्रश्न पत्र जरुर होता हैं और परीक्षार्थी जिन उत्तरों के चयन सौ फीसदी सही नहीं होते उनमें तुक्का लगाने का प्रयास करते हैं यदि आब्जेक्टिव प्रश्नों में नेगेटिव मार्किंग नहीं है तो तुक्का गलत लगने पर अंक नहीं कटेंगे और यदि नेगेटिव मार्किंग हैं तो तुक्का गलत लगने पर आपके नंबर कट जाएंगे।
ऐसी अवस्था में यदि व्यक्ति ने पचास प्रतिशत प्रश्न सही कर दिए तो उसके चयन की संभावना कुछ ही अंकों की कमी से दूर हो सकती हैं।
ऐसी अवस्था में क्या किया जाए?
मैं आपको एक Exam tips बताता हूं बहुत ही प्रामाणिक विधि हैं और कई प्रशासनिक सेवा में चयनित अभ्यर्थी इसका प्रयोग कर चुकें हैं।
यदि आपको लगता हैं कि आपके पचास प्रतिशत सवाल सही हैं और परीक्षा में कट आफ पचास के ऊपर ही रहेगा तो आप कुछ ऐसे सवालों को प्रश्न पत्र में से निकालें जिनसे संबंधित कुछ न कुछ तो आपने थोड़ा बहुत पढ़ा ही हैं।
ऐसे पढ़ें हुए सवाल के चार उत्तर होते हैं जिसमें से केवल एक ही सही होगा।
सबसे पहले उस उत्तर को अलग करें जो उस सवाल से बिल्कुल संबंधित नहीं हैं। ऐसा करने के दौरान दो उत्तरों को अलग कर दें और उन उत्तरों पर बिल्कुल भी विचार न करें।
अब आपके पास सिर्फ दो उत्तर ही मौजूद हैं इन दो उत्तरों को दिए गए प्रश्न के सापेक्ष रखकर हल करें यदि आपने कभी न कभी इस प्रश्न के बारे में पढ़ा हैं तो आपका उत्तर सौ फीसदी सही होने की संभावना होगी।
लिखने का अभ्यास करें
कुछ विधार्थियों को लिखना बिल्कुल भी पसंद नहीं होता हैं जबकि वास्तविकता यह हैं कि परीक्षा में अंक आपके लिखे उत्तरों के ही मिलते हैं।
यदि उत्तर का लिख लिखकर अभ्यास किया जाए तो इससे न केवल लिखावट में सुधार होता हैं बल्कि आपके दिमाग में उत्तर का एक सेट फिक्स हो जाता हैं जो परीक्षा हाल में आपको तेजी से उत्तर लिखने में मददगार होगा और आप समय सीमा में और निश्चित शब्दों में उत्तर दे पाएंगे।
दिमाग को मजबूत बनाने वाले पौषक तत्व
हमारा दिमाग असंख्य न्यूरान्स से बना होता हैं और इसे सामान्य रूप से कार्य करने हेतु अधिक ऊर्जा और पौष्टिक तत्वों की आवश्यकता होती हैं।
दिमाग की याददाश्त बढ़ाने के लिए परीक्षा के पूर्व ऐसा खानपान रखें जो आपकी स्मरण शक्ति को बढ़ाने का काम करें ताकि आप परीक्षा में उत्तरों को पुनः रिकाल कर सकें। इसके लिए Exam tips हैं.
Exam tips no. 1.
परीक्षा से पूर्व भारी खाना बिल्कुल भी नहीं खाएं क्योंकि भारी खाना पचाने के लिए रक्त पेट की ओर आ जाता हैं फलस्वरूप दिमाग में खून की सप्लाई कम हो जाती हैं और परीक्षा हाल में नींद आने लगती हैं।
Exam tips no 2.
परीक्षा देने के एक घंटे पहले तक कुछ न खाएं।
Exam tips no.3.
परीक्षा देने से पहले फलों का रस,ग्लूकोज पीना चाहिए।
Exam tips no. 4.
उच्च प्रोटीन वाली चीजें जैसे सोयाबीन, मूंगफली,बादाम, अखरोट आदि दिमाग की कोशिकाओं को सक्रिय और स्मरण शक्ति को मजबूत बनाती हैं।
दिमाग को मजबूत बनाने वाले व्यायाम
दिमाग को मजबूत बनाने के लिए उसे मजबूत बनाने का प्रशिक्षण देना बहुत जरूरी होता हैं ताकि स्मरण शक्ति तीक्ष्ण बन सकें। इसके लिए निम्न Exam tips follow करें.
1.कपालभांति, भ्रामरी प्राणायाम दिमाग में आक्सीजन का स्तर उच्च बनाएं रखते हैं फलस्वरूप स्मरण शक्ति तीक्ष्ण हो जाती हैं।
2.सूडोकू, शतरंज,वर्ग पहेली जैसे दिमागी खेल दिमाग के अवचेतन भाग को सक्रिय करतें हैं जिससे पढ़ा हुआ हमारे दिमाग में स्थाई रूप से छप जाता हैं।
3.अपने दिमाग और शरीर को परीक्षा की मांग अनुरूप प्रशिक्षित करें उदाहरण के लिए कई लोग दिन में सोते हैं और रातभर पढ़ाई करते हैं जबकि परीक्षा दिन में ही आयोजित होती हैं।
रात रातभर पढ़ाई करने के बावजूद उनका चयन प्रतियोगी परीक्षा में नहीं हो पाता हैं। इसका कारण उनके शरीर की बायोलॉजिकल क्लाक हैं जो रात को सक्रिय होती हैं और दिन में निष्क्रिय हो जाती हैं।
अतः परीक्षा की मांग अनुरूप बायोलॉजिकल क्लाक बना लें ताकि दिन में बायोलॉजिकल क्लाक सक्रिय रहें और परीक्षा में सफलता मिल सकें।
इंटरव्यू में अच्छें अंक कैसे प्राप्त करें
प्रतियोगी परीक्षा का एक चरण इंटरव्यू का भी होता हैं इसके अंकों के आधार पर ही अंतिम चयन सूची तैयार होती हैं अतः इंटरव्यू में अच्छें अंकों के लिए ये काम जरूर करें
1.इंटरव्यू बोर्ड के सदस्य बहुत ज्ञानवान और अपने फील्ड के विद्वान होते हैं अतः जो भी सवाल का आप जवाब दें वह सही हो इसका ध्यान रखें।
2.अपने जवाब को इस तरह प्रस्तुत करें जिससे इंटरव्यू बोर्ड को आपके निष्पक्ष होने का पता चलें।
3.अपने आपको बहुत बहादुर या महान व्यक्ति बताने की कोशिश न करें उदाहरण के लिए गरीबों का मसीहा,समाज सेवक आदि।
उदाहरण के लिए एक बार राज्य लोक सेवा आयोग के इंटरव्यू बोर्ड ने प्रतिभागी से पूछा था कि यदि जंगल में अचानक आपके सामने शेर आ जाएं तो आप क्या करोगे?
इस प्रश्न का जवाब एक प्रतिभागी ने यह कहकर दिया कि मैं शेर का सामना करूंगा।
इस प्रतिभागी का पूरा इंटरव्यू अच्छा गया था लेकिन इस सवाल के जवाब ने उसके अंकों को औसत कर दिया फलस्वरूप प्रतिभागी कुछ ही अंकों से अंतिम रूप से चयनित नहीं हो पाया।
इसी परीक्षा में टाप करने वाले व्यक्ति से भी इंटरव्यू बोर्ड ने यही सवाल पूछा था और प्रतिभागी ने उत्तर दिया कि यदि जंगल में अचानक मेरे सामने शेर आ गया तो मैं कुछ नहीं कर पाऊंगा जो करना हैं शेर को ही करना मुझे तो सिर्फ भागना हैं
क्योंकि मनुष्य की शारीरिक क्षमता शेर के मजबूत पंजों और दांतों के मुकाबले बहुत ही कम होती हैं। और मनुष्य भी अचानक आए खतरें को देखकर भागता ही हैं चाहे बाद में वह अपनी स्थिति मजबूत करके शेर को हथियार के बल पर मार गिराए।
वास्तव में यह जवाब वास्तविक, प्रमाणित और हर आयाम में फीट बैठता हैं फलस्वरूप अंक भी उसी अनुरूप थे।
लेखक:: healthylifestyehome
NOTE :: यह लेख विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं और बोर्ड परीक्षाओं की सूचना के अधिकार से प्राप्त उत्तरपुस्तिकाओं के गहन अध्ययन और मेरिट में आने वाले परीक्षार्थियों से बातचीत के आधार पर तैयार किया गया हैं।
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