गहरी नींद लाने के तरीके
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में अच्छी नींद भी एक सपना बन गई हैं.वे लोग वास्तव में ख़ुशनसीब होतें हैं,जिनकी रात को नींद लगनें के बाद सीधी सुबह ही होती हैं.
नींद हमारें स्वास्थ के लियें उतनी आवश्यक हैं, जितनी की आँक्सीजन बगैर सोये हम ज्यादा दिनों तक जिंदा नहीं रख सकते ,यदि हम 24 घंटे नहीं सो पायेगें तो उसका नकारात्मक प्रभाव हमारें शारीरिक और मानसिक स्वास्थ पर पड़ेगा.
आयुर्वेदाचार्यों ने निद्रा का वर्गीकरण कई प्रकार से किया हैं,आचार्य सुश्रुत के अनुसार जब ह्रदय तम से आवृत होता हैं,तो नींद आती हैं,और जब तम अल्प होकर सत्व प्रबल होता हैं,तो नींद खुल जाती हैं.
आधुनिक शोधार्थी और scientist नींद पर लगातार शोध कर रहे हैं,परन्तु उनका शोध आज तक नींद आनें को लेकर तर्कपूर्ण व्याख्या प्रस्तुत नहीं कर सका हैं.
उम्र के हिसाब से कितनी नींद आनी चाहिए इसकी व्याख्या मनोचिकित्सकों द्धारा की गई हैं,जैसें
• 2 वर्ष की आयु तक 16 घंटे की नींद आवश्यक हैं.
• 3 से 12 वर्ष की आयु तक 10 घंटे नींद आवश्यक है।
• 13 से 18 वर्ष की उम्र तक 10 घंटे नींद आवश्यक है।
• 19 से 55 वर्ष तक 8 घंटे.
• 55 से ऊपर उम्र के लोगों को 6 से 7 घंटे नींद लेनी आवश्यक हैं.
अनिद्रा के प्रकार :::
आधुनिक चिकित्सतको के मतानुसार अनिद्रा कई प्रकार की होती हैं,जैसें
1.Ideopethic insomnia
यह बीमारी गर्भ या बचपन से शुरू होकर वयस्क होनें तक बनी रहती हैं, इडियोपैथिक इन्सोम्निया में या तो नींद बहुत अधिक आती है या बहुत कम आती हैं। युवावस्था तक नींद नहीं आने की समस्या विकराल रूप में प्रकट होती हैं, मनोचिकित्सकों के मुताबिक इडियोपैथिक इन्सोम्निया की बीमारी शारीरिक असंतुलन के कारण होती हैं जैसे मस्तिष्क के नींद लाने वाले केन्द्र का बहुत अधिक सक्रिय होना या बहुत कम सक्रिय होना
2.Adjustment insomnia :::
यह बीमारी अत्यधिक तनाव की वज़ह से होती हैं.जिससे व्यक्ति बैचेनी में रातभर करवट बदलता रहता हैं.यह बीमारी तनाव समाप्त होने के साथ समाप्त हो जाती हैं या फिर व्यक्ति तनाव के साथ काम करना जारी रखता है तो यह बीमारी बनी ही रहती है।
एडजस्टमेंट इन्सोम्निया हमेशा कोई बुरी घटना की वजह से ही नही होता है बल्कि बहुत अधिक खुशी और सफलता भी एडजस्टमेंट इन्सोम्निया की वजह होता है।
3.psyco physiological :::
इस तरह के रोगी में यह ड़र बैंठ जाता हैं,कि नींद नहीं आयेगी.अत: वह रातभर सो नही पाता हैं. यह समस्या धीरे धीरे शुरू होती है और बढ़ती चली जाती हैं। रात को नहीं हो पाने की वजह से व्यक्ति दिन में आफिस की टेबल या काम वाली जगह पर नींद लेने की कोशिश करता हैं।
4.Behaviour insomnia:::
इस तरह की अनिद्रा की समस्या ऐसे लोगों में होती हैं,जिनको एक निश्चित जगह पर सोनें की आदत पड़ जाती हैं,या फिर कोई विशेष व्यक्ति पास में सोया हैं,तो ही व्यक्ति को नींद आती हैं,जैसें कि बच्चें अपनी माँ के उठते ही तुरन्त साथ में ही उठ जातें हैं.
5.पैराडाक्सियल इन्सोम्निया ::
पैराडाक्सियल इन्सोम्निया में व्यक्ति बिना किसी कारण के लगातार दो तीन रात तक नहीं हो पाता है। जिस व्यक्ति को पैराडाक्सियल इन्सोम्निया की समस्या होती हैं वह महिने में एक या दो बार नींद नही आने की समस्या से पीड़ित रहता है।
6.दवाओं या खाद्य पदार्थों से होने वाला इन्सोम्निया
जब कोई व्यक्ति विशेष दवा या खाद्य पदार्थ लेता है तो उसे नींद नही आती है । कोविड 19 में इस प्रकार की नींद नही आने की समस्या बहुत अधिक देखी जा रही है ऐसा बहुत अधिक स्टेराइड के सेवन से हो रहा है ।
ऐसा ही खाद्य पदार्थों जैसे चाय,कैफ़ीन, पिज्जा, बर्गर आदि के कारण भी होता है।
जैसे ही व्यक्ति दवाई या खाद्य पदार्थ लेना बंद कर देता है नींद आना शुरू हो जाती हैं।
नींद नही आने के कारण :::
नींद नहीं आनें या अनिद्रा के कई कारण हैं,जैसें
• उच्च रक्तचाप.
• मानसिक तनाव
• सोनें की अनियमित जीवनशैली
• कैफीन,तम्बाकू चाय जैसे उत्तेजना पैदा करनें वालें पदार्थों का सेवन.
• कोई शारीरिक समस्या होनें पर जैसें हाथ - पैरो,सिर,बदन,पेट आदि में दर्द या इनसे सम्बंधित कोई व्याधि होनें पर भी अनिद्रा की समस्या पैदा हो जाती हैं.
• डिजीटल डिसआर्ड़र की समस्या होनें पर भी नींद नहीं आती जैसें देर रात तक मोबाइल, लेपटाप,कम्प्यूटर को रात के अंधेरें में चलाना.
• सोशल साईट पर अत्यधिक सक्रिय रहेनें वालें तथा बार - बार अपनी पोस्ट ,लाईक्स,कमेंट़ जाँचनें वालों को भी नींद नहीं आनें की समस्या होती हैं.
• दवाईयों का अधिक सेवन करनें वालें व्यक्तियों को भी निद्रा की समस्या रहती हैं.
• खर्राटे लेनें वालें व्यक्तियों को भी अनिद्रा की समस्या रहती हैं.
• मानसिक रूप से असंतुलित व्यक्ति को भी नींद नहीं आती हैं.
• हार्मोन असंतुलन होनें की वजह से भी अनिद्रा की समस्या पैदा होती हैं ।
• शरीर में विटामिन खनिज लवण,तथा पानी की कमी की वजह से भी अनिद्रा की समस्या पैदा होती हैं ।
गहरी नींद लाने के तरीके
अच्छी और गहरी नींद प्राप्त करना कोई मुश्किल काम नहीं हैं,एक बार भगवान बुद्ध से उनके शिष्य ने प्रश्न किया कि प्रभु मैं कई दिनों से देख रहा हूँ,कि आप जिस करवट़ सोतें हैं,उसी करवट़ सुबह उठतें हैं और मैं रात भर करवट़ बदलतें - बदलतें गुजार देता हूँ,तब बुद्ध ने शिष्य को कहा कि मैं सोतें समय बुद्धत्व को प्राप्त हो जाता हूँ,अर्थात मेरा मन पूर्णत:शून्य को प्राप्त हो जाता हैं,ऐसी अवस्था में मात्र नींद ही शेष रह जाती हैं,जो मेरें मस्तिष्क को प्राप्त हो जाती हैं.अत: सोने से पहले मस्तिष्क शांत और प्रसन्न होना आवश्यक हैं.
• सोनें का एक निश्चित समय निर्धारित कर लें उस निश्चित समय पर सोनें से मस्तिष्क उस निश्चित समय पर सोनें का विवश कर देगा.
• बिस्तर पर सिर्फ सोनें का काम करें,लेपटाप,मोबाइल चलाना या लेटे हुये टी.वी.देखना नही करें,क्योंकि इन डिवाइसों से निकलनें वाली कृत्रिम नीली रोशनी आँखों पर सीधा असर डालती हैं,फलस्वरूप लम्बें समय तक आँखों में चमक बनी रहती हैं.
• सोतें समय बिस्तर पर शवासन करें, पूरें शरीर को ढीला छोड़कर सोयें.
• सोनें से 3 घंटे पहलें भोजन करले इसके पश्चात कुछ भी खाना वर्जित करें.
• रात के समय चाय,काँफी या अन्य उत्तेजना पैदा करनें वालें पदार्थों का सेवन नहीं करें.
• यदि सुबह तथा शाम के वक्त हल्की फुल्की कसरत जैसें पैदल घूमना,प्राणायाम, ध्यान करेंगें तो नींद बहुत ही गहरी आयेगी.
• पेट के बल सोनें से परहेज करें क्योंकि पेट के बल सोनें से श्वसन प्रकिया में बाधा पँहुचती हैं.
• यदि प्रोस्टेट संबधित कोई समस्या हैं,और बार - बार पैशाब जानी पड़ रही हो तो चिकित्सक द्धारा बताईं गई दवाईयों का सेवन सोनें से 1 घंटे पहलें अवश्य करें.
• सोनें से पहलें हाथ,पाँव और मुँह पानी से अवश्य धो लें.
• रात को सोने से पहले गुनगुने पानी से स्नान करने से मस्तिष्क शांत होकर गहरी नींद आने में मदद मिलती हैं।
• सोने से पहले हल्की खूशबू जैसे लेवेंडर,गुलाब,चंदन,आदि शरीर पर लगाने से मस्तिष्क शांत होकर गहरी नींद आनें में मदद मिलती हैं।
• बादाम,काजू,अलसी, अखरोट़ का नियमित सेवन करना चाहियें क्योंकि इसमें पाया जानें वाला विटामिन E और ओमेगा 3 फेटीएसिड़ दिमाग को चुस्त रखता हैं.
• सिर के निचें या तकिये के नीचें मोबाइल रखकर कभी नहीं सोयें क्योंकि इससे निकलनें वाली तरंगे मस्तिष्क की कार्यपृणाली को बाधित करती हैं.
• जब तक बहुत तेज़ नींद नहीं आती हो तब तक बिस्तर पर नही सोयें इसके बजाय वह काम करें जो आपको अरूचिकर लगें,ऐसा करनें से तुरन्त नींद आ जायेगी.
• साबुत अनाज में मैग्निशियम प्रचुरता से पाया जाता हैं यह तत्व नींद में सहयोगी न्यूरोट्रांसमीटर को सक्रिय करता हैं जिससे नींद अच्छी आती हैं अत: साबुत अनाज जैसें ज्वार,बाजरा,मूंग,आदि का सेवन करना चाहिए ।
• सोनें से पहले हाथों और पांवों के तलुवों पर हल्के हल्के हाथों से रोलर चलायें,ऐसा करने से नींद अच्छी आयेगी ।
• जीवन को निंदा,बुराई, तुलना,दिखावा,झूठ,लालच से मुक्त रखें। यह बुद्धत्व को प्राप्त करने की भी पहली शर्त है।
गहरी नींद लाने के लिए योग
अनुलोम-विलोम
आरती पालती मारकर सामान्य अवस्था में बैठ जाएं जिन लोगों को बैठने में समस्या है वे सोफे या पलंग पर बैठकर और पैर लटकाकर भी अनुलोम-विलोम कर सकते हैं।
1.अपने दांए हाथ की मध्यमा को बांए नासा के ऊपर और अंगूठे के पास वाली ऊंगली को दांए नासा छिद्र के ऊपर रखें।
2.मध्यमा ऊंगली को उठाकर धीरे धीरे सांस लेकर फेफड़ों में भरें और दूसरे नासा छिद्र से धीरे धीरे बाहर निकालें।
3.दूसरे चक्र में अंगूठे के पास वाली ऊंगली को उठाकर धीरे धीरे सांस फेफड़ों में भरें और मध्यमा अंगुली रखें छिद्र से बाहर निकालें।
4.अनुलोम विलोम की यह क्रिया पांच चक्र तक दोहराएं।
शवासन
गहरी नींद लाने वाले योगासनों की चर्चा की जाती है तो शवासन सभी योगासनों में शीर्ष स्थान पर आता है। यह नींद लाने का रामबाण उपाय माना जाता है।
एक बार महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर नींद नही आने की समस्या को लेकर बहुत परेशान हो गए थे उस समय सचिन तेंदुलकर अपने क्रिकेट करियर के शीर्ष पर थे,और रिकार्ड पर रिकार्ड बना रहे थे फिर अचानक उनके जीवन में सफलता हावी होने लगी और इस वजह से उन्हें नींद नही आने की समस्या पैदा हो गई।
नींद नही आने की समस्या की वजह से सचिन तेंदुलकर के करियर में भी ठहराव आनें लगा तब उन्होंने योग गुरु श्री बी.एस.आयंगर की शरण ली , बताते हैं कि योग गुरु श्री बी.एस.आयंगर ने सचिन तेंदुलकर को शवासन करवाकर सिर्फ पन्द्रह मिनट में गहरी नींद में सुला दिया था । तभी से सचिन तेंदुलकर योग के मुरीद बन गये थे।
आईए जानते हैं शवासन करने की विधि
प्रारंभिक अवस्था श्वसन क्रिया से जुड़ाव
1.सबसे पहले चित्रानुसार लेट जाएं।
2.श्वास क्रिया पर ध्यान केंद्रित करते हुए श्वास लेते और छोड़ते हुए पेट की मांसपेशियों के ऊपर निचे होने की स्थिति पर ध्यान केंद्रित करें।
3.श्वसन क्रिया को सहज बनाएं रखें।
4.श्वास लेने और छोड़ने को एक क्रिया मानते हुए ऐसे पांच चक्र दोहराए।
5.श्वसन क्रिया से जुड़ाव महसूस होने से मन एकाग्र होकर गहरी नींद आनें में सहायता मिलती है।
शिथिलीकरण विधि
1.चित्रानुसार दोनों पैरों को पास लाकर एड़ियों को मिलाएं ।
2.सिर से लेकर पैर तक शरीर को कड़क करें, अंगूठों को खींचें।
3.जांघ की मांसपेशियों में खिंचाव लाएं।
4.श्वास लेकर छाती फुलाएं, कंधों और गर्दन को खिंचाव दें।
5.शरीर को कुछ समय कड़क करने के पश्चात शरीर को ढीला छोड़ दें, विचार शून्य होकर आरामदायक अवस्था में आ जाएं।
6.ऐसा महसूस करें की शरीर और मस्तिष्क ढीला होकर गहरी नींद में था रहा हो।
7.इस चक्र के पन्द्रह मिनट बाद शरीर गहरी नींद में चला जाता हैं।
म्यूजिक थेरेपी द्वारा नींद लाना
सोने से पहले शांति दायक संगीत सुनना बहुत फायदेमंद होता है। म्यूजिक थेरेपी से मन शांत, एकाग्र और तनावमुक्त होकर गहरी नींद आनें में मदद मिलती है।
ज्ञान मुद्रा
नींद के लिए योग की बात की जाती है तो शवासन के साथ ज्ञान मुद्रा बहुत प्रभावी पद्धति मानी जाती है। आईए जानते हैं ज्ञान मुद्रा की विधि के बारे में
ज्ञान मुद्रा करने की विधि
1.सबसे पहले आलथी पालथी मारकर पद्मासन में बैठ जाएं।
2.जिन लोगों को घुटनों में समस्या है वो पांव लटकाकर सोफे या कुर्सी पर बैठ सकते हैं।
3.दोनों हाथों की तर्जनी उंगली या अंगूठे के पास की ऊंगली को चित्रानुसार अंगूठे से मिलाकर हल्का दबाव दें।
4.ज्ञान मुद्रा में पन्द्रह मिनट तक स्थिर होकर रहें।
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