इमारती लकड़ी के लिए मशहूर शीशम में कई औषधीय गुण भी हैं। केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (सीडीआरआई) लखनऊ के वैज्ञानिकों ने शीशम की पत्तियों में हड्डियों को मजबूती देने वाले तत्त्व की पहचान की है।
यह तत्त्व टूटी हड्डियों को तेजी से जोड़ने के साथ कई महिलाओं में मेनोपॉज के बाद से होने वाली ऑस्टियोपोरोसिस बीमारी को रोकने में भी कारगर है। यह शोध विज्ञान जर्नल सेल, डेथ एंड डिजीज में प्रकाशित हो चुका है। मुजरात की एक दवा कंपनी इस पर दवा भी बना रही है।
रिसर्ची टीम की हैड और सीडीआरआई के एंडोक्राइन विभाग सीनियर साइंटिस्ट डॉ. रितु त्रिवेदी ने बताया, शीशम की पत्तियों में 'कैवीयूनिन' नामक मॉलिक्यूल का पता पहली बार किया गया है। यह मॉलिक्यूल ही हड्डियों को मजबूती प्रदान करता हैं।
अभी टूटी हड्डियों को जुड़ने में लगभग छह सप्ताह का समय लगता हैं सप्ताह का समय लगता है।
लेकिन - इस मॉलिक्यूल से बनी दवा से हड्डियों को जुड़ने में कम समय 1 लगता है। क्लीनिकल ट्रायल्स में पाया गया कि प्लास्टर के साथ साथ कैवीयूनिन से बनी दवा देने पर टूटी हड्डियां कम समय में जुड़ 15 जाती हैं। इस दवा का कोई दुष्प्रभाव नहीं है।
शीशम की पत्तियां भी खाई जा 5 सकती हैं या इनका पेस्ट भी हड्डियों पर लगा सकते हैं। जल्द ही यह दवा मार्केट में उपलब्ध होगी।
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