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बाघ (Tiger) |
मैनें कहा क्योंकि वह विलुप्त हो रहा हैं.
उसनें फिर प्रश्न दागा तो उसको बचानें में हमारा क्या फायदा ? इतना सारा पैसा कही और लगातें तो शायद कई लोगो के लिये अच्छे घर ,भरपेट़ भोजन की व्यवस्था की जा सकती थी ? बाघ तो मजे से जंगल में रहकर शिकार करता हैं,और आराम करता हैं ?
मैनें बच्चें के बालमन को विस्तारपूर्वक उत्तर देने के लिये उसे अपनें पास बिठाया और फिर समझाना शुरू किया.
"जानतें हो जब 18 वीं शताब्दी में विश्व में लगभग 50,000 हजार बाघ थें.तब धरती के 50% भाग में घनें जंगल थें.और आज 21 वी सदी में जबकि विश्व में 1400 बाघ हैं,धरती पर मात्र 14% ही जंगल बचे हैं,जबकि पर्यावरण संतुलन के दृष्टिकोण से सम्पूर्ण धरती के 33% भाग पर जंगल होना चाहियें."
बाघ (Tiger) मांसाहारी जन्तु हैं,जो अपनें पेट़ की आग शिकार करके ही बुझाता हैं,चाहे मांस किसी प्राणी का हो या फिर जन्तु का .ऐसी अवस्था में कोई भी प्राणी बाघ के आसपास भी फटकना पसंद नही करता फलस्वरूप बाघ के रहवास स्थल मानवीय हस्तक्षेप से दूर ही रहतें हैं.यँहा पैड़-पौधों को फलनें फूलनें का पर्याप्त अवसर मिलता हैं.ये घनें पेड़ हमें बहुत अधिक मात्रा में जीवनदायी आक्सीजन उपलब्ध कराकर प्रथ्वी पर जीवन सरल बनातें हैं.
घनें जंगल वर्षादायी बादलों को अपनी और खींचकर धरती पर बारिश करवाते हैं.जो मानव की मूलभूत आवश्यकता हैं,क्योंकि पानी बीना सब सून
यही पेड़ धरती को अपनी जड़ों से बांधकर रखते हैं,जिससे कि मिट्टी का कटाव नही होता और धरती बंजर होनें से बची रहती हैं.
बाघों की एक और विशेषता उन्हें पर्यावरण मित्र बनाती हैं और वह यह कि बाघ झुंड़ की अपेक्षा अकेला रहना पसंद करतें हैं.ये अपना एक बड़ा क्षेत्र बनाकर उसमें घूमता रहता हैं.इस क्षेत्र में किसी दूसरें बाघ का हस्तक्षेप इन्हें स्वीकार नही होता ,एक बड़े क्षेत्र में एक बाघ,दूसरे बड़े क्षेत्र में दूसरा बाघ इसका मतलब एक विशाल घना जंगल जो पारिस्थिक संतुलन बनाकर प्रथ्वी को जीवन के अनूकूल बनाता हैं.
तो दोस्तों है ना बाघ (Tiger) पर्यावरण मित्र जानवर आपके विचार ज़रूर बताइएगा.
मैनें बच्चें के बालमन को विस्तारपूर्वक उत्तर देने के लिये उसे अपनें पास बिठाया और फिर समझाना शुरू किया.
"जानतें हो जब 18 वीं शताब्दी में विश्व में लगभग 50,000 हजार बाघ थें.तब धरती के 50% भाग में घनें जंगल थें.और आज 21 वी सदी में जबकि विश्व में 1400 बाघ हैं,धरती पर मात्र 14% ही जंगल बचे हैं,जबकि पर्यावरण संतुलन के दृष्टिकोण से सम्पूर्ण धरती के 33% भाग पर जंगल होना चाहियें."
● मधुमक्खी पालन एक लाभदायक व्यवसाय
बाघ (Tiger) मांसाहारी जन्तु हैं,जो अपनें पेट़ की आग शिकार करके ही बुझाता हैं,चाहे मांस किसी प्राणी का हो या फिर जन्तु का .ऐसी अवस्था में कोई भी प्राणी बाघ के आसपास भी फटकना पसंद नही करता फलस्वरूप बाघ के रहवास स्थल मानवीय हस्तक्षेप से दूर ही रहतें हैं.यँहा पैड़-पौधों को फलनें फूलनें का पर्याप्त अवसर मिलता हैं.ये घनें पेड़ हमें बहुत अधिक मात्रा में जीवनदायी आक्सीजन उपलब्ध कराकर प्रथ्वी पर जीवन सरल बनातें हैं.
घनें जंगल वर्षादायी बादलों को अपनी और खींचकर धरती पर बारिश करवाते हैं.जो मानव की मूलभूत आवश्यकता हैं,क्योंकि पानी बीना सब सून
यही पेड़ धरती को अपनी जड़ों से बांधकर रखते हैं,जिससे कि मिट्टी का कटाव नही होता और धरती बंजर होनें से बची रहती हैं.
बाघों की एक और विशेषता उन्हें पर्यावरण मित्र बनाती हैं और वह यह कि बाघ झुंड़ की अपेक्षा अकेला रहना पसंद करतें हैं.ये अपना एक बड़ा क्षेत्र बनाकर उसमें घूमता रहता हैं.इस क्षेत्र में किसी दूसरें बाघ का हस्तक्षेप इन्हें स्वीकार नही होता ,एक बड़े क्षेत्र में एक बाघ,दूसरे बड़े क्षेत्र में दूसरा बाघ इसका मतलब एक विशाल घना जंगल जो पारिस्थिक संतुलन बनाकर प्रथ्वी को जीवन के अनूकूल बनाता हैं.
तो दोस्तों है ना बाघ (Tiger) पर्यावरण मित्र जानवर आपके विचार ज़रूर बताइएगा.
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