हैप्पी हाइपोक्सिया क्या होता हैं|what is happy hypoxia in hindi
Happy hypoxia kya hota hai हैप्पी हाइपोक्सिया जैसा कि नाम से स्पष्ट है इसमें हेप्पी जैसा कुछ भी नही होता बल्कि हाल ही के कोविड - 19 महामारी के दौरान इसने चिकित्सा विज्ञानियों को बहुत अनहेप्पी किया है ।
हैप्पी हाइपोक्सिया चिकित्सा विज्ञान से संबंधित एक शारीरिक समस्या है जिसमें व्यक्ति का आक्सीजन स्तर अचानक से इतना कम हो जाता है कि आक्सीजन की कमी से व्यक्ति की मौत हो जाती हैं ।
कोविड 19 के सन्दर्भ में बात करें तो हैप्पी हाइपोक्सिया 30 से 45 वर्ष के युवाओं को बहुत अधिक शिकार बना रहा है चूंकि युवाओं का प्रतिरोधी तंत्र मजबूत होता हैं।
अतः इस कारण बीमारी के लक्षण प्रकट नहीं होते हैं और अन्दर ही अन्दर आक्सीजन का स्तर कम होता रहता है और आक्सीजन की कमी से किडनी,लीवर,ह्रदय, फेफड़े काम करना बंद कर देते है और व्यक्ति की मौत हो जाती हैं। आमतौर पर हैप्पी हाइपोक्सिया के लक्षण कोविड संक्रमण के पांचवें या छठे दिन से प्रकट होते हैं।
हैप्पी हाइपोक्सिया के लक्षण
• सांस तेजी से लेना या अस्थमा की तरह हांफना
• आक्सीजन का स्तर 95 प्रतिशत से अचानक गिरकर 70 से 50 तक हो जाता हैं
• थोड़ा सा चलने पर सांस फूलना
• घबराहट होना
• होंठों का रंग नीला होना
• मतिभ्रम होना
• शरीर एकदम से शिथिल हो जाना
• ह्रदय की धड़कन 72 प्रति मिनट से अचानक निचे आ जाना
हैप्पी हाइपोक्सिया के कारण
1.हमारे फेफड़ों में मौजूद कोशिकाएं बाहरी वातावरण से आक्सीजन लेकर कार्बन-डाई-ऑक्साइड को फेफड़ों से बाहर निकालती है जब ये काम किसी कारणवश बाधित होता है तो शरीर में आक्सीजन का स्तर घट जाता हैं। कोविड 19 में फेफड़ों की छोटी-छोटी रक्त नलिकाओं में खून के छोटे-छोटे थक्के बन जाते है और फेफड़ों से गैस का आदान-प्रदान प्रभावित होता हैं।
2.कोरोना वायरस के कारण फेफड़े की कोशिकाएं इतनी अधिक क्षतिग्रस्त हो जाती हैं कि शरीर के अन्य अंगों में आक्सीजन नहीं पहुंच पाती है ।
3.न्यूमोनिया के कारण फेफड़ों की श्वसन प्रणाली में सूजन आकर बलगम भर जाता है फलस्वरूप आक्सीजन शरीर में नहीं पहुंच पाती और शरीर में आक्सीजन की कमी हो जाती हैं ।
यदि आक्सीमीटर उपलब्ध नहीं है तो हैप्पी हाइपोक्सिया की पहचान कैसे करें,6 मिनिट वाक टेस्ट
चिकित्सकों के मुताबिक कोविड 19 के कारण होने वाली युवाओं की अधिकांश मौत हैप्पी हाइपोक्सिया को समय पर नहीं पहचानने के कारण हो रही है , यदि घर में पल्स आक्सीमीटर उपलब्ध नहीं है और कोविड 19 से पीड़ित हो तो प्रतिदिन 6 मिनिट वाक टेस्ट करके भी हम हेप्पी हाइपोक्सिया को पहचान कर समय रहते चिकित्सक के पास पंहुचा सकते है।
6 मिनट वाक टेस्ट में आपको प्रत्येक 6 घंटे में तेज कदमों के साथ 6 मिनट चलना होता है यदि इस दौरान आपकी सांस बहुत तेज चल रही हो, घबराहट महसूस हो रही हो, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।
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क्या हाइपोक्सिया फायदेमंद हैं?
स्वस्थ्य मनुष्य के लिए हाइपोक्सिया बहुत घातक होता हैं किंतु आल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज ( एम्स) भोपाल के बायो केमेस्ट्री विभाग ने हाइपोक्सिया को मानव जीवन के लिए फायदेमंद बना दिया हैं.
एम्स भोपाल के इस शोध के मुताबिक यदि कैंसर ग्रस्त कोशिकाओं को आक्सीजन की आपूर्ति कम कर दी जाए तो इससे कैंसर के तीसरे और चौथे स्तर को भी नियंत्रित किया जा सकता हैं.
एम्स के इस शोध से स्तन कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, गर्भाशय कैंसर और फेफड़ों के कैंसर को रोकने में सफलता मिली हैं.
इस शोध में विशेषज्ञों ने कैंसर ऊतकों में आक्सीजन के स्तर को 200 मिलीलीटर एचजी तक कम किया तो कैंसर ऊतकों की वृद्धि नियंत्रित होती गई उल्लेखनीय है कि सामान्य स्तर पर ऊतकों में आक्सीजन की मात्रा 300 से 500 मिलीमीटर एचजी तक होता हैं.
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