प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना [Prime Minister Crop Insurance Scheme]
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (pmfby) क्या हैं?
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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना |
भारत एक कृषि प्रधान राष्ट्र हैं,जिसकी 62% प्रतिशत जनसँख्या कृषि से जीविकापोर्जन करती हैं.किंतु कृषि पूरी तरह से बरसात का जुआ हैं.और इसी बरसात के जुये की वज़ह से करोड़ों किसानों को फसल उत्पादन में बहुत अधिक घाटा उठाना पड़ता हैं.
किसानों को मौसम की अनिश्चितता और कीटों के प्रकोप से फसल क्षति की क्षतिपूर्ति दिलानें हेतू सरकार समय - समय पर अनेक फसल बीमा लेकर आई हैं,इसी क्रम में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना खरीफ 2016 सत्र से केन्द्र की NDA सरकार द्धारा शुरू की गई हैं.
नई फसल बीमा योजना में वर्ष 1999 में लागू राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना और वर्ष 2010 में लागू संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना को एकीकृत कर दिया गया हैं.
० कृषि वानिकी क्या हैं यहाँ जानें
० अटल बिहारी वाजपेयी
# योजना के मुख्य बिंदु
१.इस योजना में सभी प्रकार की फसलों जैसें रबी,खरीफ,बागवानी और वाणिज्यिक को सम्मिलित किया गया हैं.
३.इस योजना में प्रिमियम की दर 10% के हिसाब से निर्धारित की गई हैं.जिसमें से किसानों को प्रिमियम दर रबी के लियें 1.5% ,खरीफ के लिये 2% तथा वार्षिक वाणिज्यिक फसलों के लियें 5% का भुगतान करना होगा.शेष राशि का भुगतान केन्द्र और राज्य सरकार द्धारा 50 - 50 के अनुपात में किया जावेगा.इसके पूर्व की फसल बीमा योजना में प्रिमियम की दर 23% से लेकर 57% तक होती थी.
योजना को ऐसे समझीयें
• बीमित राशि :::: 1,00000
• प्रीमियम दर. :::: 10% यानि 10,000
• केन्द्रीय अंश. :::: 4% यानि 4,000
• राज्य अंश. :::: 4% यानि 4,000
• किसान का अंश. :::: 2% यानि 2,000
योजना को ऐसे समझीयें
• बीमित राशि :::: 1,00000
• प्रीमियम दर. :::: 10% यानि 10,000
• केन्द्रीय अंश. :::: 4% यानि 4,000
• राज्य अंश. :::: 4% यानि 4,000
• किसान का अंश. :::: 2% यानि 2,000
४.फसल नुकसानी का आकलन करनें के लिये नई फसल बीमा योजना में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करनें का प्रावधान किया गया हैं.इससे फसल का नुकसान शीघ्र और सही - सही हो सकेगा.तथा किसान को दावा राशि त्वरित रूप से मिल सकेगी.
५.इस योजना में पहली बार कटाई के बाद चक्रवात और बेमौसम बारिश का जोखिम भी सम्मिलित किया गया हैं.इसके अलावा कई अन्य परंपरागत जोखिम को सम्मिलित किया गया हैं जैसें
१.आग लगना.
२.बिजली गिरनें.
३.ओला पड़नें.
४.चक्रवात.
५.अंधड़
६.बवंड़र
७.बाढ़.
८.जल भराव.
९.जमीन धंसनें
१०.सूखा.
११.खराब मौसम.
१२.कीट़ और फसल को होनें वाली बीमारी आदि जोखिम सम्मिलित हैं.
६.इस योजना में बीमा पर कोई केंपिंग नहीं होती हैं,जिसकी वजह से दावा राशि में कोई कटोती नहीं की जा सकती हैं.
७.यदि किसान बुवाई - रोपाई के लिये खर्च करनें के बावजूद ख़राब मौसम की वज़ह से बुवाई - रोपाई नहीं कर पाता हैं,तो वह बीमित राशि के 25% तक नुकसान का दावा ले सकता हैं.
८.फसल कटाई के बाद रखी फसल को चक्रवात,बेमौसम बारिश और स्थानीय आपदा जैसें जमीन धंसनें,जल भराव से होनें वालें नुकसान का अंदाजा प्रभावी खेत के आधार पर तय किया जायेगा.
१.आग लगना.
२.बिजली गिरनें.
३.ओला पड़नें.
४.चक्रवात.
५.अंधड़
६.बवंड़र
७.बाढ़.
८.जल भराव.
९.जमीन धंसनें
१०.सूखा.
११.खराब मौसम.
१२.कीट़ और फसल को होनें वाली बीमारी आदि जोखिम सम्मिलित हैं.
६.इस योजना में बीमा पर कोई केंपिंग नहीं होती हैं,जिसकी वजह से दावा राशि में कोई कटोती नहीं की जा सकती हैं.
७.यदि किसान बुवाई - रोपाई के लिये खर्च करनें के बावजूद ख़राब मौसम की वज़ह से बुवाई - रोपाई नहीं कर पाता हैं,तो वह बीमित राशि के 25% तक नुकसान का दावा ले सकता हैं.
८.फसल कटाई के बाद रखी फसल को चक्रवात,बेमौसम बारिश और स्थानीय आपदा जैसें जमीन धंसनें,जल भराव से होनें वालें नुकसान का अंदाजा प्रभावी खेत के आधार पर तय किया जायेगा.
९.फसल कटाई के बाद खेत में पड़ी फसल को यदि 14 दिन के भीतर चक्रवात और बेमौसम बरसात से नुकसान होता हैं,तो खेतवार आकलन करके भुगतान किया जायेगा.
१०.नयी योजना में स्मार्टफोन से फसल कटाई की तस्वीरें खींचकर सर्वर पर अपलोड़ की जावेगी, इससे फसल कटाई के आँकड़े जल्द से जल्द बीमा कंपनी को प्राप्त होनें पर बीमा दावों को जल्दी से भुगतान किया जा सकेगा.
११.इस योजना में बीमित राशि जिला स्तर तकनीक समिती द्धारा उस फसल के लिये तय वित्त पैमानें के बराबर होगी.
१०.नयी योजना में स्मार्टफोन से फसल कटाई की तस्वीरें खींचकर सर्वर पर अपलोड़ की जावेगी, इससे फसल कटाई के आँकड़े जल्द से जल्द बीमा कंपनी को प्राप्त होनें पर बीमा दावों को जल्दी से भुगतान किया जा सकेगा.
११.इस योजना में बीमित राशि जिला स्तर तकनीक समिती द्धारा उस फसल के लिये तय वित्त पैमानें के बराबर होगी.
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