सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

New Year 2023 Resolutions :नए साल 2022 में सेहत की A B C D

 New Year 2023 Resolutions

सेहत को लेकर जिस तरह से जागरूकता बढ़ रही हैं,ऐसे में कुछ सही जानकारी लोगों को हमेशा अपनी सेहत के प्रति रखनी चाहियें.
आईयें जानतें हैं,अल्फाबेटस के माध्यम से नये साल 2023 में सेहत की A B C D 

#1. A for Alert :::



अपनी सेहत एँव घर के बच्चों और बुजुर्गों की सेहत के प्रति हमेशा सचेत रहें,छोटी - छोटी समस्याओं जैसें 

१.ह्रदय में दर्द


२.बच्चों में पेट या दांतों का दर्द


३.आँखों से कम दिखाई देना


४.पढ़ते समय आँखों में दर्द या कम दिखाई देना


५.हड्डीयों का फ्रेक्चर होना आदि



इसके अलावा भी सेहत सम्बंधी कोई भी समस्या होनें पर तुरन्त अपनें पारिवारिक चिकित्सक से परामर्श ज़रूर करें.



New year resolutions, happy new year 2022

#2. B for Breathing :::




बेहतर तन मन के लिये दिन में कुछ समय काम के दोरान विराम लेकर गहरी सांस जरूर ले,गहरी स्वच्छ वायु लेनें के लिये अपने आसपास के पर्यावरण को पेड़ पौधों की आबादी बढ़ाकर समृद्ध करतें रहें.
स्वच्छ वायु फेफड़ों में गहराई से भरने पर शरीर के समस्त अंगों में खून का संचार सही तरीके से होता हैं,और तन मन तरोताजा बना रहता हैं.






#3. C for care :::




यदि आपके आस - पड़ोस या रिश्तेदारी में कोई बीमार हैं,और अस्पताल में भर्ती हैं,तो उसे देखनें या हालचाल पूछनें भर की रस्म अदा करनें की अपेक्षा उसकी देखभाल का उत्तरदायी लेनें की कोशिश करें,इससे आपको सेहत से जुड़ी बहुत सी जानकारी मिलती रहेगी,क्योंकि डाँक्टर और पेरामेड़िक स्टाफ सेहत से जुड़ी समस्त जानकारी आपके साथ ही शेयर करेगा,यह जानकारी आपको आगामी भविष्य में बहुत काम आ सकती हैं.



यह काम करनें में कोई परेशानी या समस्या हो तो आप अपनें रिश्तेदार या आस पड़ोसी जो अस्पताल में भर्ती हैं, के घर की जिम्मेदारी मसलन उनके बच्चों के लियें स्कूल का टिफिन तेयार करना जेसा छोटा मोटा काम करके अपनें स्तर पर मदद कर सकतें हैं.यह मदद हमेशा आपको मानसिक रूप से स्वस्थ और संतुष्ट रखेगी.




#4. D for Dream or Diet :::





खुली आँखों से सपने देखना और उनके पूर्ति के लिये अंतकरण की गहराई से प्रयास करना न केवल सफल होनें की गारन्टी हैं,बल्कि यह अच्छी सेहत की भी गारन्टी हैं .अध्ययनों से यह प्रमाणित हुआ हैं,कि लक्ष्य की पूर्ति के लिये प्रयासरत व्यक्ति हमेशा सेहतमंद और दीर्घजीवी होता हैं.



सेहतमंद रहनें के लियें आपकी खानें पीनें की आदतों का भी स्वस्थ रहना आवश्यक हैं.समय पर भोजन करना,सही मात्रा और सही पोषक तत्वों वाला भोजन करना न केवल तन के लिये बल्कि मन के लियें भी आवश्यक हैं.
जंक फूड़,बाहर की चटपटा खानें की आदत न केवल बच्चों के विकास को प्रभावित करती हैं,बल्कि उन्हें चिढ़चिढ़ा,गुस्सैल और बीमार बनाती हैं.



अपने खानें पीनें की आदत को हरी पत्तेदार सब्जियों,दालों,अंकुरित अनाजों,फलों, सूखे मेवों, दूध,दही,छाछ से समृद्ध करें.

#5. E for energy :::




अपनें आपको तथा अपनें आसपास के वातावरण को ऊर्जा से परिपूर्ण रखें,कामों में ऊर्जापूर्ण भागीदारी आपकी सेहत के साथ दूसरों की सेहत को सकारात्मक रूप से प्रभावित करती हैं.यह ऊर्जापूर्ण भागीदारी किसी की मदद हो सकती हैं.यह ऊर्जापूर्ण भागीदारी किसी की तारीफ़ हो सकती हैं.


#6. F for fun :::




अच्छी सेहत का मूलमंत्र हैं काम को आनंदपूर्वक करना इसके लिये आवश्यक हैं,कि अपनें मन और आत्मा को आनंद देनें वालें कामों का चयन कर उसे करना.


सचिन तेंडुलकर,उसैन बोल्ट,माइकल फेल्पस,रोजर फेड़रर,सेरेना विलियम्स ये वे नाम हैं,जिन्होंने वो पेशा चुना जिनमें महज पाँच या छ: साल तक ही सर्वश्रेष्ठ रहना बड़ी बात मानी जाती हैं,लेकिन इन लोगों ने 15 से 25 सालों तक अपनें प्रदर्शन से अपनी सर्वश्रेष्ठता बनायें रखी.क्यों ? जानतें हो ? क्योंकि इन्होंनें अपनें काम को इंजाय किया,यही कारण हैं,कि ये लोग लम्बें समय तक सेहतमंद रहकर अपना सर्वश्रेष्ठ देतें रहें.




#7. G for good wishes :::


अच्छी सेहत का मूलमंत्र दूसरों एँव स्वंय के प्रति सद्भावनापूर्ण विचार रखना भी हैं.अपनें आस पडोस ,परिचित, नाते रिश्तेदारों को उचित अवसर पर व्यक्तिगत रूप से सोशल मिड़िया के माध्यम से  बधाई शुभकामनाँए प्रेषित करतें रहें.
अपनें स्वंय को भी अच्छें कामों के लियें शाबसी और कठिन कार्यों के लियें प्रोत्साहित करतें रहें.



#8. H for happiness :::


जीवन में सफल और सेहतमंद वही हैं,जो हर परिस्थितियों में प्रशन्न रहना जानता हैं.ईश्वर को भी पता था कि मनुष्य अपनें रोजमर्रा के जीवन में तनाव को लेकर जीवन जीयेगा,इसलियें  उन्होंनें तनाव को संतुलित करनें के लियें हँसी को मनुष्य का आभूषण बनाया परन्तु कई मनुष्य इस हँसी रूपी आभूषण को चेहरे पर धारण करनें के बजाय तनाव से चेहरें और स्वास्थ्य को विकृत करतें रहतें हैं.


शोधों से यह स्पष्ट हुआ हैं,कि हँसनें से चेहरे की सभी माँसपेशियों का व्यायाम बेहतर तरीके से होता हैं,यह व्यायाम तन और मन को स्वस्थ रखता हैं.






आत्मविकास के 9 मार्ग की जानकारी




#9. I for intro inspection :::




अपनें आप के अन्दर का सूक्ष्म अवलोकन करना जिससे अपनी कम़जोरीयों का पता लग सकें,अपनें अन्दर चलनें वाली सूक्ष्म गतिविधियों का पता लग सकें यह सूक्ष्म गतिविधि कुछ समय मौन रहकर समझी जा सकती हैं.



#10. J for join community :::




समुदाय में रहना ,समुदाय के साथ मिलकर तीज त्योंहार मनाना न केवल आपके उत्साह और उल्लास को बढ़ाता हैं,बल्कि आपकी उम्र भी बढ़ाता हैं.
जापान में हुए अनेक शोधों में यह बात सामनें आई हैं,कि समुदाय का साथ आपकी उम्र को 10 वर्षों तक बढ़ा सकता हैं.



#11. K for knee :::


अपनें घुट़नों का विशेष ख्याल रखना चाहियें विशेषकर 45 की उम्र के बाद क्योंकि शरीर को चलायमान और स्वस्थ रखनें में स्वस्थ घुट़नों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण हैं.इसके लियें घुट़नों में तिल या सरसों के तेल की मालिश करतें रहना चाहियें,तिल और सरसों का तेल घुट़नों को पोषण प्रदान कर घुट़नों की माँसपेशियों को लचीला बनाता हैं.



#12. L for Lazy :::



स्वस्थ रहनें का एक महत्वपूर्ण मूल मंत्र आलस्य को त्यागना भी हैं.आलस्य सिर्फ ओर सिर्फ बीमारी ही लेकर आयेगी.स्वामी विवेकानंद ने आलस्य को मनुष्य के लिये मृत्यु तुल्य माना हैं,उनका मानना था कि आलसी व्यक्ति प्रथ्वी पर जिंदा लाश के समान हैं.

अनेक शोधों से भी यह स्पष्ट हो चुका हैं,कि आलस्य सेे पर्किंसन,ड़िमेंशिया,ह्रदयघात की सम्भावना 50% तक बढ़ जाती हैं.



#13. M for meditation :::




मानसिक स्वास्थ्य को उन्नत बनानें का महत्वपूर्ण माध्यम मेड़िटेशन हैं.हर रोज़ कुछ समय एकांतचित्त होकर मेड़िटेशन करनें से मानसिक स्वास्थ्य इतना उन्नत हो जाता हैं,कि मनुष्य दूरदृष्टा बनकर अपने और समाज का भला कर सकता हैं.




#14. N for Neutral :::




खानें पीनें के समय पूरी तरह न्यूट्रल रहें न बहुत ज्यादा खायें न बहुत कम ,न बहुत वसायुक्त भोजन करें न बहुत कम वसा वाला,न बहुत तीखा चटपटा भोजन करें ना ही एकदम फीका .खानें - पीनें की आदतों में संतुलित रहकर हम बहुत सी बीमारीयों से बचें रब सकतें हैं.



#15. O for original :::





अपनें व्यहवार और स्वास्थ के मामलों में स्वंय अपनें प्रति तथा दूसरों के प्रति हमेशा original बनें रहें,क्योंकि वास्तविकता सदैंव सम्मान और शरीर को स्वस्थता प्रदान करती हैं.दिखावटी व्यहवार या बनावटी स्वास्थ्य आपको वास्तविक दुनिया से हटाकर कल्पना की दुनिया में ले जाता हैं.जहाँ से वापस सिर्फ निराशा ही आती हैं.यह निराशा आपको मानशिक और शारिरीक रूप से काफी नुकलान पहुँचाती हैं.




#16. P for posture :::




शरीर के साथ सही तरीके से उठनें बेठनें का सेहत पर गहरा प्रभाव पड़ता हैं.अपनें बैठनें के तरीकों से आप रीढ़ की हड्डीयों को सेहतमंद रख सकते हैं.चलनें के तरीकों से आप ह्रदय और दिमाग को स्वस्थ रख सकतें हैं.


अमेरिका में हुये एक शोध में यह बात साबित हुई हैं,कि यदि व्यक्ति तेज कदमों से चलता हैं,तो भविष्य में उसे डिमेंशिया और ह्रदय रोग का खतरा 30% तक कम हो सकता हैं.




#17. Q for quest :::



जीवन में ज्यादा से ज्यादा नई-नई चीजें सीखनें का प्रयास करें.अपनें कंफर्ट जोन से बाहर निकलें और अपनें आप को चुनोतीं देनें वाली गतिविविधियों में हिस्सा लें.चुनोंतियाँ स्वीकार करना भी अपनें आप पर विजय पाना हैं.



#18. R for Relax :::




यदि काम करतें करतें लम्बा समय हो गया हैं,तो बीच में थोड़ा ब्रेक भी लेतें रहें ब्रेक के समय आप कुछ शारिरीक व्यायाम कर सकतें हैं,संगीत सुन सकतें हैं या कुछ ऐसा कर सकतें हैं,जो आपको अच्छा लगें .

वर्ष में एक बार काम से ब्रेक लेकर अपनी मनपसंद जगहों पर घूमनें अवश्य जायें.ऐसा करनें से आप तरोताजा और अपनें को स्वस्थ महसूस करोगें.




#19. S for sleep :::




पर्याप्त नींद शरीर और दिमाग के लिये उतनी ही ज़रूरी हैं,जितना कि भोजन.पर्याप्त नींद के अभाव में व्यक्ति बीमार रह सकता हैं,चिड़चिड़ा हो सकता हैं यहाँ तक की पागल भी हो सकता हैं.

सोतें वक्त बेड़रूम का वातावरण शांत होना चाहियें. बिस्तर शरीर को आरामदायक लगें ऐसे होना चाहियें .
एक स्वस्थ वयस्क व्यक्ति को 6 - 8 घंटे की नींद लेनी चाहियें.




#20. T for Time :::




समय की कद्र करना सीखें वरना समय आपकी कद्र नहीं करेगा.यदि काम को कल पर टालनें की आदत हैं,तो तुरन्त ही इस आदत से पीछा छुड़ा लें क्योंकि किसी ने कहा हैं,कि बचा हुआ काम राजा से भी नहीं होता हैं,यही बचा हुआ काम बाद में मानसिक तनाव और बेचेनी बढ़ानें वाला होता हैं.

यदि सालभर कुछ नहीं पढ़ा और परीक्षा के समय पढ़नें का प्रयास किया जावें तो विधार्थी को कुछ भी समझ नही आयेगा फलस्वरूप पेपर बिगड़नें का डर और इससे उपजा तनाव अनेक नकारातमक फैसलों के लियें जिम्मेदार होता हैं.

कामों को प्राथमिकता के आधार पर करना सीखें नहीं तो यही कार्य अर्जेन्ट़ काम बनकर आपकी सेहत बिगाडेगें.




#21. U for Un healthy habits :::






स्वास्थ्य  को नुकसान पहुँचानें वाली गलत आदतों को न अपनायें जैसें गुटखा,तम्बाकू, सीगरेट़,बीड़ी,हुक्का और मघपान आपके साथ - साथ दूसरों की सेहत के लियें भी हानिकारक हैं.

इसी प्रकार झूठ बोलना,कटु वचन बोलना,ईर्ष्या,बेईमानी ,चोरी करना जैसें काम सामाजिक स्वास्थ्य के लिये हानिकारक हैं.अपनें बच्चों को भी इन आदतों से दूर रखकर उन्नत, सभ्य और सशक्त राष्ट्र के निर्माण में सहयोगी बनें.




#22. V for vitamin :::




स्वस्थ शरीर के निर्माण में विटामिनों का योगदान बहुत महत्वपूर्ण हैं.अत: विटामिनों की नियमित आपूर्ति शरीर को करतें रहना चाहियें.फलों,सब्जियों,दूध और अँकुरित अनाजों में वे सभी विटामिन होतें हैं,जो शरीर के विकास के लियें आवश्यक हैं.



#23. W for weight :::




आजकल बढ़ता हुआ वज़न सबसे बड़ी समस्या बन चुका हैं.दुनिया का हर विकसित और विकासशील राष्ट्र मोटापे की समस्या से ग्रस्त हैं,मोटापे की यह समस्या अपनें साथ कई और समस्या जैसें ह्रदय रोग,मधुमेह,उच्चरक्तचाप पैदा कर राष्ट्रों की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुँचा रही हैं.

अत : स्वस्थ रहनें के लियें अपना वज़न लंबाई के अनुरूप रखें.वज़न अनुरूप रखनें से आप अपनें आप को स्वस्थ रख पायेगें और बहुत सारी राष्ट्र की संपदा बचाकर उत्पादक बनें रहेंगें.





#24. X for extraordinary :::




सेहतमंद रहनें का एक ओर मूलमंत्र अपने कार्यक्षेत्र या रूचि के क्षेत्र में असाधारण प्रदर्शन करना भी हैं.असाधारणता का सेहत के साथ सीधा सम्बंध होता हैं,क्योंकि वह व्यक्ति अपनी सारी ऊर्जा एक लक्ष्य पर केन्द्रित रखता हैं,यही केन्द्रीयता व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बहुत शक्तिशाली बना देती हैं.

असाधारणता सेहत के मामलें में भी रखें, किसी भी गंभीर बीमारी के होनें पर उसके उपचार हेतू उस बीमारी के तह में जायें.जितनी जल्दी आप बीमारी को नियंत्रित करेंगें उतना ही स्वस्थ रहनें की प्रतिशतता बढ़ती जायेगी 

#25. Y for yoga :::


योग भारत की प्राचीन, निरापद और वैग्यानिक पद्धति हैं,जिसका मनुष्य को स्वस्थ रखनें में अति महत्वपूर्ण योगदान हैं.
अत: स्वस्थ रहनें के लियें नियमित योगाभ्यास करतें रहें .अपनें बच्चों को भी इस पद्धति से परिचित करवायें ताकि हमारा भविष्य निरोगी रह सकें.

#26. Z for Ziggyasu :::


सेहतमंद रहनें के लियें औषधियों की थोड़ा बहुत जानकारी रखना चाहियें, ताकि आपातकाल के समय इन औषधियों का प्रयोग कर रोगी की जान बचाई जा सकें.

इसी प्रकार से आपातकाल जैसें ह्रदयघात, मिर्गी दोरें,दुर्घट़नाओं के समय जान बचानें वाली तकनीकों की औपचारिक जानकारी रखें. यह जानकारी किसी की जान बचा सकती हैं.

० कद्दू के औषधीय गुण




० 100 साल जीनें के तरीके

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

PATANJALI BPGRIT VS DIVYA MUKTA VATI EXTRA POWER

PATANJALI BPGRIT VS DIVYA MUKTA VATI EXTRA POWER  पतंजलि आयुर्वेद ने high blood pressure की नई गोली BPGRIT निकाली हैं। इसके पहले पतंजलि आयुर्वेद ने उच्च रक्तचाप के लिए Divya Mukta Vati निकाली थी। अब सवाल उठता हैं कि पतंजलि आयुर्वेद को मुक्ता वटी के अलावा बीपी ग्रिट निकालने की क्या आवश्यकता बढ़ी। तो आईए जानतें हैं BPGRIT VS DIVYA MUKTA VATI EXTRA POWER के बारें में कुछ महत्वपूर्ण बातें BPGRIT INGREDIENTS 1.अर्जुन छाल चूर्ण ( Terminalia Arjuna ) 150 मिलीग्राम 2.अनारदाना ( Punica granatum ) 100 मिलीग्राम 3.गोखरु ( Tribulus Terrestris  ) 100 मिलीग्राम 4.लहसुन ( Allium sativam ) 100  मिलीग्राम 5.दालचीनी (Cinnamon zeylanicun) 50 मिलीग्राम 6.शुद्ध  गुग्गुल ( Commiphora mukul )  7.गोंद रेजिन 10 मिलीग्राम 8.बबूल‌ गोंद 8 मिलीग्राम 9.टेल्कम (Hydrated Magnesium silicate) 8 मिलीग्राम 10. Microcrystlline cellulose 16 मिलीग्राम 11. Sodium carboxmethyle cellulose 8 मिलीग्राम DIVYA MUKTA VATI EXTRA POWER INGREDIENTS 1.गजवा  ( Onosma Bracteatum) 2.ब्राम्ही ( Bacopa monnieri) 3.शंखपुष्पी (Convolvulus pl

गेरू के औषधीय प्रयोग

गेरू के औषधीय प्रयोग गेरू के औषधीय प्रयोग   आयुर्वेद चिकित्सा में कुछ औषधीयाँ सामान्य जन के मन में  इतना आश्चर्य पैदा करती हैं कि कई लोग इन्हें तब तक औषधी नही मानतें जब तक की इनके विशिष्ट प्रभाव को महसूस नही कर लें । गेरु भी उसी श्रेणी की   आयुर्वेदिक औषधी   हैं। जो सामान्य मिट्टी   से   कहीं अधिक   इसके   विशिष्ट गुणों के लिए जानी जाती हैं। गेरु लाल रंग की मिट्टी होती हैं। जो सम्पूर्ण भारत में बहुतायत मात्रा में मिलती हैं। इसे गेरु या सेनागेरु कहते हैं। गेरू  आयुर्वेद की विशिष्ट औषधि हैं जिसका प्रयोग रोग निदान में बहुतायत किया जाता हैं । गेरू का संस्कृत नाम  गेरू को संस्कृत में गेरिक ,स्वर्णगेरिक तथा पाषाण गेरिक के नाम से जाना जाता हैं । गेरू का लेटिन नाम  गेरू   silicate of aluminia  के नाम से जानी जाती हैं । गेरू की आयुर्वेद मतानुसार प्रकृति गेरू स्निग्ध ,मधुर कसैला ,और शीतल होता हैं । गेरू के औषधीय प्रयोग 1. आंतरिक रक्तस्त्राव रोकनें में गेरू शरीर के किसी भी हिस्से में होनें वाले रक्तस्त्राव को कम करने वाली सर्वमान्य औषधी हैं । इसके ल

होम्योपैथिक बायोकाम्बिनेशन नम्बर #1 से नम्बर #28 तक Homeopathic bio combination in hindi

  1.बायो काम्बिनेशन नम्बर 1 एनिमिया के लिये होम्योपैथिक बायोकाम्बिनेशन नम्बर 1 का उपयोग रक्ताल्पता या एनिमिया को दूर करनें के लियें किया जाता हैं । रक्ताल्पता या एनिमिया शरीर की एक ऐसी अवस्था हैं जिसमें रक्त में हिमोग्लोबिन की सघनता कम हो जाती हैं । हिमोग्लोबिन की कमी होनें से रक्त में आक्सीजन कम परिवहन हो पाता हैं ।  W.H.O.के अनुसार यदि पुरूष में 13 gm/100 ML ,और स्त्री में 12 gm/100ML से कम हिमोग्लोबिन रक्त में हैं तो इसका मतलब हैं कि व्यक्ति एनिमिक या रक्ताल्पता से ग्रसित हैं । एनिमिया के लक्षण ::: 1.शरीर में थकान 2.काम करतें समय साँस लेनें में परेशानी होना 3.चक्कर  आना  4.सिरदर्द 5. हाथों की हथेली और चेहरा पीला होना 6.ह्रदय की असामान्य धड़कन 7.ankle पर सूजन आना 8. अधिक उम्र के लोगों में ह्रदय शूल होना 9.किसी चोंट या बीमारी के कारण शरीर से अधिक रक्त निकलना बायोकाम्बिनेशन नम्बर  1 के मुख्य घटक ० केल्केरिया फास्फोरिका 3x ० फेंरम फास्फोरिकम 3x ० नेट्रम म्यूरिटिकम 6x